यूनिसेफ के माध्यम से खरीदी जा सकेगी वैक्सीन
नई दिल्ली। भारत बायोटेक ने अपनी रोटावायरस ओरल वैक्सीन (टीका) रोटावैक को नाइजीरिया में पेश किया है। यह वैक्सीन बच्चों को जानलेवा डायरिया (उल्टी-दस्त) की बीमारी से बचाती है।
इस समय रोटावायरस से दुनिया में होने वाली मौतों में नाइजीरिया की 14 प्रतिशत हिस्सेदारी है। नाइजीरिया में हर साल पांच साल से कम उम्र के करीब 50,000 बच्चों की मौत रोटावायरस संक्रमण के कारण होती है।
भारत बायोटेक के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक कृष्णा एला ने एक बयान में कहा, ‘‘हम विकासशील देशों में बच्चों के बीच संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए प्रतिबद्ध हैं, और अफ्रीकी महाद्वीप में नाइजीरिया जैसे देशों में बच्चों तथा कमजोर आबादी के लिए किफायती दवाओं की पेशकश कर रहे हैं।’’
यह वैक्सीन अब एशिया, अफ्रीका, लातिनी अमेरिका और पश्चिम एशिया के कई देशों में उपलब्ध है। खबर के मुताबिक हैदराबाद स्थित वैक्सीन निर्माता कंपनी भारत बायोटेक ने जारी अधिकृत बयान में कहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने उसकी रोटावायरस वैक्सीन रोटावैक 5 डी (Rotavac 5D) को प्रीक्वालिफिकेशन की मंजूरी दी है।
रोटावायरस के कारण होने वाले डायरिया के खिलाफ कंपनी ने यह वैक्सीन 2019 में लॉन्च की थी। रोटावायरस संक्रमण से नवजात और कम उम्र के बच्चों में दस्त होता है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि रोटावैक 5डी, रोटावैक वैक्सीन का एक नया वेरिएंट है, जिसका फॉर्मूलेशन अलग है और इसे बिना बफर के लगाया जा सकता है।
वैक्सीन की एक डोज 0.5 एमएल है, जिसके कारण इसका रखरखाव, कोल्ड चेन मैनेजमेंट आसान है। कंपनी ने कहा कि वैक्सीन लगाने के बाद काफी कम मात्रा में जैविक कचरा निकलता है। WHO प्रीक्वालिफिकेशन की मंजूरी का मतलब है कि यूनिसेफ और PAHO (पैन अमेरिकन हेल्थ ऑर्गनाइजेशन) जैसी एजेंसियों द्वारा रोटावैक 5 डी वैक्सीन की खरीद की जा सकती है। कंपनी ने कहा कि इस मंजूरी के बाद वैक्सीन को दुनिया भर में पहुंचाने में तेजी मिलेगी।
भारत और वैश्विक साझेदारों के मदद से संभव- सुचित्रा एला भारत बायोटेक की संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा एला ने बताया कि रोटावैक और रोटावैक 5डी वैक्सीन का विकास भारत और वैश्विक साझेदारों के सहयोग के द्वारा संभव हो पाया।
उन्होंने कहा, “आज की घोषणा विकासशील देशों में लाखों लोगों में बीमारियों को दूर करने और संक्रमण को रोकने में भारत बायोटक के विजन को और मजबूत करता है। ” भारत बायोटेक ने कोरोना वायरस के खिलाफ भी ‘कोवैक्सीन’ टीके का विकास किया, जो इस वायरस के खिलाफ देश की पहली स्वदेश निर्मित वैक्सीन है। इसे कंपनी ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के साथ मिलकर विकसित किया है।
कंपनी ने 3 जुलाई को तीन परीक्षणों से कोवैक्सीन प्रभावकारिता के अंतिम विश्लेषण को पूरा करते हुए कहा था कि कोवैक्सीन की कोविड-19 के खिलाफ प्रभावशीलता 77.8 प्रतिशत और बी.1.617.2 डेल्टा स्वरूप के खिलाफ 65.2 प्रतिशत रही थी।