अत्याधुनिक प्रणाली के लिए भारतीय
रेल्वे नियुक्त करेगा एजेंसियों को
नई दिल्ली। रेलटेल railtel को भारतीय रेलवे की एक परियोजना के क्रियान्वयन का कार्य सौंपा गया है, जिसमें रेलवे स्टेशनों पर वीडियो सर्विलांस सिस्टम (वीएसएस) Video Surveillance System (VSS) (सीसीटीवी कैमरों का नेटवर्क) की स्थापना का कार्य आरंभ किया गया है और इस कार्य के लिए एजेंसियों को नियुक्त करके एक बड़ा कदम उठाया गया है।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के 3 स्टेशनों भाटापारा, भिलाई पावर हाउस तथा तिल्दा को इस परियोजना में शामिल किया गया है।
यह परियोजना का पहला चरण है जिसमें ए1, बी एवं सी श्रेणी के 756 प्रमुख रेलवे स्टेशनों को शामिल किया जाएगा। यह कार्य जनवरी, 2023 तक पूरा किया जाने की सम्भावना है। शेष स्टेशनों का कार्य फेज़-2 के क्रियान्वयन के समय शामिल किया जाएगा।
निर्भया फंड से लगेगी वीडियो निगरानी प्रणाली
यात्रियों की सुरक्षा रेल मंत्रालय Ministry of Railways के प्रमुख फोकस क्षेत्रों में से एक है। रेलवे स्टेशनों, जो परिवहन के प्रमुख केंद्र हैं, पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए, भारतीय रेलवे स्टेशनों पर इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी) आधारित वीडियो निगरानी प्रणाली (वीएसएस) स्थापित करने की प्रक्रिया में है।
जिसके अंतर्गत प्रतीक्षालय, आरक्षण काउंटर, पार्किंग क्षेत्र, मुख्य प्रवेश/निकास, प्लेटफार्म, फुट ओवर ब्रिज, बुकिंग कार्यालय आदि को शामिल किया जाएगा। रेल मंत्रालय ने निर्भया फंड के तहत भारतीय रेलवे के प्रमुख स्टेशनों पर वीडियो निगरानी प्रणाली के लिए कार्यों को मंजूरी दी है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव Railway Minister Ashwini Vaishnav ने कहा, “हमें रेलवे में नई तकनीक को तेजी से समाहित करने की आवश्यकता है, जैसे कि रोलिंग स्टॉक, निर्माण, सुरक्षा, साइबर सुरक्षा, या ऐसी स्तिथियों में जहां मानव इंटरफ़ेस हो”।
सीसीटीवी का वीडियो स्थानीय से लेकर
केंद्रीय कंट्रोल रूम तक होगा प्रदर्शित
यह वीएसएस सिस्टम आईपी बेस्ड होगा तथा इसमें सीसीटीवी कैमरों का एक नेटवर्क होगा। ये सीसीटीवी कैमरे ऑप्टिकल फाइबर केबल पर काम करेंगे और सीसीटीवी कैमरों की वीडियो फीडिंग न केवल स्थानीय आरपीएफ पोस्टों पर बल्कि मंडल और जोनल स्तर पर सेंट्रलाइज सीसीटीवी कंट्रोल रूम में भी प्रदर्शित की जाएगी। स्टेशनों पर लगे सीसीटीवी कैमरे और वीडियो फीड को इन 3 स्तरों पर मॉनिटर किया जाएगा ताकि रेलवे परिसरों की संरक्षा और सुरक्षा में बढ़ोतरी सुनिश्चित हो सके।
यह प्रणाली, आरडीएसओ संस्करण 6.0 के अनुसार कुछ सॉफ्टवेयर आधारित एप्लिकेशन जैसे वीडियो एनालिटिक और फेस रिकग्निशन के साथ किसी भी घटना और घटनाओं से निपटने के लिए बेहतर तैयारी के रूप में कार्य करेगी।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) इनेबल्ड एनालिटिक्स सॉफ्टवेयर Artificial Intelligence (AI) Enabled Analytics Software में एक निश्चित अलार्म और ऑपरेटर के अंत में पीओपी अप दृश्य के साथ निम्नलिखित विशेषताएं हैं:
1. घुसपैठ का पता लगाना (रेलवे संचालन क्षेत्रों में प्रवेश करने वाले लोग)
2. कैमरा से छेड़छाड़
3. संदिग्ध रूप से घूम रहे लोगों की निगरानी
4. मानव और वाहन का पता लगाना
5. विशेषता के आधार पर मनुष्यों की खोज
6. रंग खोज
7. नीचे गिरा हुआ व्यक्ति।
8. संयुक्त खोज (मानव/वाहन और रंग)
30 दिन के संग्रहित रहेगा वीडियो
डाटा, प्लेटफार्म पर होंगे पैनिक बटन
स्टेशनों के सीसीटीवी कैमरों से वीडियो फीड की रिकॉर्डिंग को प्लेबैक, पोस्ट इवेंट विश्लेषण और जांच उद्देश्यों के लिए 30 दिनों के लिए निकटतम आरपीएफ थाने/पोस्ट में संग्रहित किया जाएगा। अतिरिक्त 10% स्टोरेज (रेलवे की आवश्यकता के अनुसार) का उपयोग करके डेटा सेंटर (240 टीबी स्टोरेज का उपयोग करके) और आरपीएफ थाना/पोस्ट पर लंबी अवधि के लिए महत्वपूर्ण वीडियो संग्रहित किए जाने हैं।
प्रत्येक प्लेटफॉर्म पर दो पैनिक बटन लगाए जाने हैं। संकट में किसी भी व्यक्ति द्वारा पैनिक बटन सक्रिय करने के बाद ऑपरेटर वर्क स्टेशन पर संबंधित कैमरे के पॉप अप के साथ वीएमएस पर एक अलार्म दिखाई देगा। यदि संबंध कैमरा पीटीजेड प्रकार का है तो कैमरा मूव कर जाएगा और पैनिक बटन पर जूम करके संकट ग्रस्त व्यक्ति को देख सकेगा।
बंद होंगे सार्वजनिक वाईफाई-रेलवे स्टेशनों को बनाएंगे डिजीटल हब
आईटी के प्रभावी संचालन और प्रबंधन के लिए वीएस उपकरण जैसे कि कैमरा, सर्विस स्टेशन, स्टोरेज, पीसी, वर्क स्टेशन और यूपीएस आदि के निगरानी के लिए इंडस्ट्री स्टैंडर्ड इंटरप्राइजेज मैनेजमेंट सिस्टम का प्रावधान किया गया है।
रेलटेल देशभर के रेलवे स्टेशनों पर सार्वजनिक वाईफाई बंद कराकर रेलवे स्टेशनों को डिजिटल हब में परिवर्तित करने के लिए भारतीय रेल के साथ भी कार्य कर रहा है और कुल 6100 स्टेशन रेलटेल के रेलवायर वाईफाई के साथ लाइव है।