राज्य के 12 जिलों में सप्ताह में 4 दिन, सोया चिक्की
के स्थान पर मिलेंगे मिलेट्स से बने खाद्य पदार्थ
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा मध्यान्ह भोजन योजना में मिलेट्स को शामिल करने के प्रस्ताव को केन्द्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। अब प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना के तहत छत्तीसगढ़ के 12 जिलों में सोया चिक्की के स्थान पर सप्ताह में चार दिन स्कूली बच्चों को मिलेट्स से निर्मित खाद्य पदार्थ वितरित किए जाएंगे।
छत्तीसगढ़ सरकार की मंशा के अनुरूप लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा केन्द्र सरकार को इस योजना को आंशिक रूप से संशोधित करते हुए सोया चिक्की के स्थान पर मिलेट्स से बने खाद्य सामग्री वितरित किए जाने का प्रस्ताव भेजा गया था। इस प्रस्ताव को केन्द्र सरकार के डायरेक्टर पीएम पोषण द्वारा मंजूरी दे दी गई है।
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उल्लेखनीय है कि राज्य में मिलेट्स के उत्पादन के लिए किसानों को भरपूर प्रोत्साहन दिया जा रहा है। कोदो, कुटकी-रागी जैसे मिलेट का समर्थन मूल्य पर उपार्जन किया जा रहा है। इसके अलावा मिलेट मिशन के अंतर्गत राज्य के मिलेट्स उत्पादक किसानों को 9 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी प्रदान की जा रही है। वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया गया है।
मैंने पत्र लिखकर केंद्र सरकार को मध्यान्ह भोजन योजना में मिलेट्स शामिल करने का प्रस्ताव दिया था, जिसे अब मंजूरी मिल गई है।मैं केंद्र सरकार को धन्यवाद देता हूँ।
अब राज्य के 12 जिलों में सप्ताह में 4 दिन, सोया चिक्की के स्थान पर मिलेट्स से बने खाद्य पदार्थ स्कूली बच्चों को मिलेंगे।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) February 18, 2023
गौरतलब है कि पूर्व में प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना की वार्षिक कार्ययोजना में केन्द्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के 7 जिलों में बच्चों को पूरक पोषण आहार के अंतर्गत 55 दिनों के लिए सोया चिक्की प्रदान करने के लिए केन्द्रांश के रूप में 1787.20 लाख रूपए और राज्यांश के रूप में 1198.14 लाख रूपए इस प्रकार कुल 2995.34 लाख रूपए की मंजूरी दी गई थी।