अत्याधुनिक हथियारों और सेंसर से लैस युद्धपोत भारत की समुद्री
क्षमताओं को बढ़ाते हुए राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा करेगा : राजनाथ
पणजी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में स्टील्थ गाइडेड-मिसाइल डिस्ट्रॉयर पी15बी वर्ग के दूसरे युद्धपोत भारतीय नौसेना जहाज (आईएनएस) मोरमुगाओ (डी67) को 18 दिसम्बर रविवार को मुंबई में नौसेना डॉकयार्ड में कमीशन किया गया।
समारोह के दौरान भारतीय नौसेना के संस्थानिक संगठन वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन किए गए और मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) द्वारा निर्मित चार ‘विशाखापत्तनम’ श्रेणी के विध्वंसक में से दूसरे का औपचारिक रूप से समावेशन किया गया। Warship INS Mormugao commissioned by Defense Minister Rajnath
रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में आईएनएस मोरमुगाओ को सबसे शक्तिशाली स्वदेश निर्मित युद्धपोतों में से एक बताया, जो देश की समुद्री क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा और राष्ट्रीय हितों को सुरक्षित करेगा। उन्होंने कहा, “आईएनएस मोरमुगाओ विश्व के सबसे तकनीकी रूप से उन्नत मिसाइल वाहकों में से एक है।
75 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री के साथ, यह युद्धपोतों के डिजाइन और विकास में भारत की उत्कृष्टता और हमारी बढ़ती स्वदेशी रक्षा उत्पादन क्षमताओं का एक बेहतरीन उदाहरण है। यह युद्धपोत हमारे देश के साथ-साथ विश्व भर में हमारे मित्र देशों की वर्तमान और भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करेगा।’’
इस अवसर पर नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि आईएनएस मोरमुगाओ की कमिशनिंग भारत द्वारा पिछले एक दशक में युद्धपोत डिजाइन और निर्माण क्षमता में की गई बड़ी प्रगति का संकेत है। एडमिरल आर हरि कुमार ने कमांडिंग ऑफिसर और उनके अधिकारियों तथा नाविकों की टीम को परीक्षणों और युद्धपोत की स्वीकृति के दौरान उनके निरंतर प्रयासों और दृढ़ता के लिए बधाई दी।
आईएनएस मोरमुगाओ में स्वदेशी कंटेंट के
साथ स्टील्थ फायर पावर और गतिशीलता
7,400 टन के डिस्प्लेसमेंट के साथ लंबाई में 163 मीटर और चौड़ाई में 17 मीटर का आईएनएस मोरमुगाओ परिष्कृत अत्याधुनिक हथियारों और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल जैसे सेंसर से सुसज्जित है।
जहाज में एक आधुनिक निगरानी रडार लगा है जो तोपखाना हथियार प्रणालियों को लक्षित डेटा प्रदान करता है। इसकी एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमताएं स्वदेशी रूप से विकसित रॉकेट लॉन्चर्स, टॉरपीडो लॉन्चर्स और एएसडब्ल्यू हेलिकॉप्टरों द्वारा प्रदान की जाती हैं।
पश्चिमी तट पर ऐतिहासिक बंदरगाह शहर गोवा के नाम पर नामित, यह जहाज परमाणु, जैविक और रासायनिक युद्ध स्थितियों में लड़ने के लिए सुसज्जित है।
यह एक संयुक्त गैस और गैस विन्यास में चार शक्तिशाली गैस टर्बाइनों द्वारा संचालित है, जो 30 समुद्री मील से अधिक की गति प्राप्त करने में सक्षम है। जहाज में स्टील्थ विशेषताओं को बढ़ाया गया है जिसके परिणामस्वरूप रडार क्रॉस सेक्शन कम हो गया है। आईएनएस मोरमुगाओ में लगभग 300 कर्मी हैं।
75 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी कंटेंट के साथ, उसके सभी प्रमुख हथियार और सेंसर या तो सीधे भारतीय मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) द्वारा डिजाइन और विकास के माध्यम से या रणनीतिक गठजोड़ और प्रतिष्ठित विदेशी ओईएम के साथ प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण के माध्यम से भारत में विकसित और निर्मित किए गए हैं।
पी15 बी विध्वंसक
पी15बी विध्वंसक बेहतर उत्तरजीविता, समुद्री रख-रखाव और गतिशीलता के लिए नई डिजाइन अवधारणाओं को शामिल करता है। इसमें बेहतर स्टील्थ भी अर्जित किया गया है, जिससे जहाजों का पता लगाना मुश्किल हो जाता है। उल्लेखनीय रूप से बढ़े हुए स्वदेशी कंटेंट के साथ, पी15बी विध्वंसक युद्धपोत डिजाइन और निर्माण में आत्मनिर्भरता की पहचान है और ‘आत्मनिर्भर भारत’ का एक बेहतरीन उदाहरण है।
विजन और लक्ष्य
हिंद महासागर क्षेत्र में शक्ति संतुलन के लगातार बदलते रहने के साथ, जहाज की सभी डोमेन क्षमता किसी भी मिशन या कार्य को पूरा करने के लिए भारतीय नौसेना की गतिशीलता, पहुंच और लचीलेपन को बढ़ाएगी। नौसेना में जहाज का शामिल होना इस क्षेत्र में फर्स्ट रिस्पान्डर और पसंदीदा सुरक्षा भागीदार बने रहने की भारत की बढ़ती क्षमता को भी दर्शाता है।
2016 में लांच, 2021 में समुद्री परीक्षण शुरू
Mighty Mormugao, a P15B stealth guided missile destroyer formally inducted into the #IndianNavy.
One of the most potent warships to have been constructed in India, it measures 163m in length, 17m in breadth with a displacement of 7400 tonnes.@rajnathsingh @indiannavy pic.twitter.com/1NvJmsEMvu
— A. Bharat Bhushan Babu (@SpokespersonMoD) December 18, 2022
इस जहाज को 17 सितम्बर, 2016 को लॉन्च किया गया था और 19 दिसम्बर, 2021 को गोवा मुक्ति के 60 साल पूरे होने पर समुद्री परीक्षण शुरू किया गया था। 18 दिसम्बर को इसकी कमिशनिंग महत्वपूर्ण है क्योंकि 1961 में इसी तिथि को गोवा को पुर्तगाली शासन से मुक्त करने के लिए ऑपरेशन विजय शुरू किया गया था।
राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में पूर्व रक्षा मंत्री दिवंगत मनोहर पर्रिकर को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की, जो गोवा के रहने वाले थे और जिन्होंने 2016 में आईएनएस मोरमुगाओ लॉन्च किया था।
सलामी गारद के बाद फहराई गई नौसेना पताका
समारोह के दौरान, श्री राजनाथ सिंह को उनके आगमन पर सलामी गारद पेश की गई। इसके बाद कमांडिंग ऑफिसर कैप्टन कपिल भाटिया ने पोत का कमिशनिंग वारंट पढ़ा।
इसके बाद, नौसेना पताका को पहली बार जहाज पर फहराया गया और नौसेना बैंड द्वारा बजाए गए राष्ट्रगान के समय मुख्य मस्तूल पर कमिशनिंग पताका फहराया गया। अपने संबोधन से पहले, रक्षा मंत्री ने राष्ट्र की सेवा के लिए जहाज को समर्पित करते हुए कमिशनिंग पट्टिका का अनावरण किया।
गोवा के राज्यपाल पीएस श्रीधरन पिल्लई, गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, पश्चिमी नौसेना कमान वाइस एडमिरल अजेंद्र बहादुर सिंह और सीएमडी, एमडीएल वाइस एडमिरल नारायण प्रसाद (सेवानिवृत्त) ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया।