राजस्थान के भाजपा नेता कटारिया को असम राजभवन और
रिटायर जस्टिस एस. अब्दुल नजीर को आंध्र की जिम्मेदारी
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार 12 फरवरी को बड़ा उलटफेर करते हुए 13 राज्यों के राज्यपाल व उपराज्यपाल (एलजी) में फेरबदल किया है। उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का इस्तीफा मंजूर करते हुए रमेश बैस को नया राज्यपाल नियुक्त किया है। इसके अलावा लद्दाख के एलजी राधा कृष्णन माथुर का इस्तीफा भी मंजूर कर लिया गया है। उनकी जगह अरुणाचल के ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा को लद्दाख का एलजी बनाया गया है।
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वहीं, राष्ट्रपति ने लेफ्टिनेंट जनरल कैवल्य त्रिविक्रम परनाइक को अरुणाचल प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया है। लक्ष्मण प्रसाद आचार्य को सिक्किम, सीपी राधाकृष्णन को झारखंड, गुलाब चंद कटारिया को असम, शिव प्रताप शुक्ला को हिमाचल प्रदेश, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एस अब्दुल नजीर को आंध्र प्रदेश के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया। वहीं, राष्ट्रपति ने आंध्र प्रदेश के राज्यपाल बिस्वा भूषण हरिचंदन को छत्तीसगढ़ का राज्यपाल नियुक्त किया गया। छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके को मणिपुर का राज्यपाल नियुक्त किया गया।
इसके अलावा मणिपुर के राज्यपाल ला गणेशन को नगालैंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया। बिहार के राज्यपाल फागू चौहान को मेघालय का राज्यपाल नियुक्त किया गया। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर को बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया गया है।
महामहिम राष्ट्रपति जी ने श्री विश्व भूषण हरिचंदन जी को छत्तीसगढ़ का नया राज्यपाल नियुक्त किया है। उन्हें ढेर सारी बधाई एवं शुभकामनाएँ।
मैं छत्तीसगढ़ राज्य की ओर से हमारे नए संवैधानिक अभिभावक का स्वागत करता हूं।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) February 12, 2023
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। रविवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया है। Ramesh Bais will sit on the chair of Maharashtra Raj Bhavan after the resignation of Koshyari, retired Justice S. Abdul Nazir was sent to Andhra, President’s order changed Governor, Anusuiya sent to Mizoram,Vishwabhushan will be the new Excellency of Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ के नए राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन ने 1971
में शुरू किया था राजनीति सफर, 5 बार रह चुके हैं विधायक
छत्तीसगढ़ के नए राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन भारतीय राजनीतिज्ञ तथा आंध्र प्रदेश के वर्तमान राज्यपाल हैं। वह ओडिशा से 5 बार विधायक रह चुके है। हरिचंदन ने अपना राजनीतिक सफर सन 1971 में शुरू किया था। ओडिशा के चिल्का और भुवनेश्वर विधानसभा क्षेत्र से वह पांच बार विधायक रह चुके हैं।
सन 1971 में अपना राजनीतिक सफर शुरू करने के दौरान वह जनसंघ से जुड़े थे। इसके बाद हरिचंदन 1977 में जनता पार्टी के गठन तक जनसंघ के आंध्र प्रदेश के महासचिव रहे। यही नहीं वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य भी रह चुके हैं। इसके अलावा विश्व भूषण हरिचंदन ओडिशा के 1980 से 1988 तक प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष भी रहे। वहीं, 2004 में ओडिशा की बीजेडी-बीजेपी गठबंधन सरकार में वह कैबिनेट मंत्री भी रहे।
उल्लेखनीय साहित्यिक योगदान, कई एकांकी व कहानी लिख चुके
छत्तीसगढ़ के नये राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन एक प्रतिष्ठित स्तंभकार हैं जिन्होंने समकालीन राजनीतिक मुद्दों, ऐतिहासिक, सामाजिक और सांस्कृतिक मामलों पर कई लेख लिखे हैं जो ओडिशा के सभी प्रमुख समाचार पत्रों और दिल्ली के कुछ अंग्रेजी साप्ताहिकों में प्रकाशित हुए हैं।
उनका साहित्यिक योगदान “महा संग्रामर महानायक” है, जो 1817 की पाइक क्रांति के सर्वोच्च सेनापति बक्सी जगबंधु पर एक नाटक है , छह एकांकी मरुभताश, राणा प्रताप, शीश झलक, मेबार की महारानी पद्मिनी पर, अष्ट शिखा, तपांग दलबेरा की वीरता पर युद्ध और बलिदान, मानसी, (सामाजिक) और अभिसप्त कर्ण (पौराणिक), स्वच्छ ससनारा गहना कथा, उनकी 26 लघु कथाओं का संकलन और ” ये मतिर डाक” उनके कुछ चुनिंदा प्रकाशित लेखों का संकलन, “संग्राम सारी नहीं” । उनकी आत्मकथा, जिसमें उनके लंबे सार्वजनिक जीवन के दौरान राजनीतिक, प्रशासनिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य क्षेत्रों में उनके संघर्षों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
निवृत्तमान राज्यपाल उइके लगातार रही चर्चा में
कांग्रेस से भाजपा में आईं अनुसूईया उइके को सरकार ने 16 जुलाई 2019 को छत्तीसगढ़ का राज्यपाल नियुक्ति किया था। उन्होंने 17 जुलाई को कार्यभार ग्रहण कर लिया था।
ठीक एक महीने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की नई सरकार ने काम शुरू किया था। मुख्यमंत्री को शपथ ग्रहण मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की तत्कालीन राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कराया था। अब जब नवम्बर में विधानसभा का फिर से चुनाव होने जा रहा है, अनुसूईया उइके को यहां से हटाकर मिजोरम भेज दिया गया है।
सरकार के साथ लगातार टकराती रहीं हैं उइके
छत्तीसगढ़ में अनुसूईया उइके को सरकार से टकराने वाली राज्यपाल के रूप में याद किया जाएगा। उन्होंने सामान्य प्रशासनिक कामकाज में भी राजभवन की भूमिका का विस्तार कर दिया। सुपेबेड़ा के किडनी रोग प्रभावितों से मिलने जाकर उन्होंने सरकार को असहज किया।
उसके बाद कुलपतियों की नियुक्ति में सरकार की सिफारिशों को नलरअंदाज कर नियुक्ति कर सीधा टकराव मोल लिया। सरकार ने कुलपति नियुक्ति का अधिकार बदलने का विधेयक पारित कर भेजा तो उसे रोक लिया। विवादित कृषि कानूनों का प्रभाव कम करने वाले विधेयकों को भी रोक कर रखा। आरक्षण विवाद तो हद से आगे बढ़ गया। राज्यपाल ने यह विधेयक रोक लिया तो सरकार राज्यपाल के खिलाफ उच्च न्यायालय पहुंच गई।