राष्ट्रपति के हाथों 2025 तक टीबी का उन्मूलन करने के लिए ‘प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान’ प्रांरभ
नई दिल्ली। “जब जनता के हित में कोई कल्याणकारी योजना बनायी जाती है, उसकी सफलता की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।”
यह उद्गार महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान का प्रारंभ करते हुए नागरिकों से टीबी के उन्मूलन हेतु जनभागीदारी की भावना से युद्धस्तर पर एकजुट होकर कार्य करने का आग्रह करते हुए प्रकट किए।
इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार केंद्रीय मंत्रियों, राज्यपालों और उपराज्यपालों, राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों और अन्य गणमान्य हस्तियों के साथ मौजूद थे।
इस आभासी कार्यक्रम में राज्य और जिला स्वास्थ्य प्रशासनों, कॉरपोरेट्स, उद्योगों, नागरिक समाज, गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों और टीबी चैंपियंस ने भी भाग लिया, जिसमें बेहद बोझ वाली इस अति संक्रामक बीमारी का वर्ष 2030 तक उन्मूलन करने के वैश्विक लक्ष्य से पांच साल पहले 2025 तक उन्मूलन करने की भारत की प्रतिबद्धता दोहरायी।
मार्च 2018 में दिल्ली एंड टीबी समिट में पहली बार यह विजन माननीय प्रधानमंत्री द्वारा व्यक्त किया गया था।
राष्ट्रपति ने टीबी का उपचार करा रहे रोगियों के लिए अतिरिक्त निदान, पोषण और व्यावसायिक सहायता सुनिश्चित करने के लिए नि-क्षय मित्र पहल की भी शुरुआत की और रोगियों को स्वास्थ्य लाभ की उनकी यात्रा पूरी करने में सहायता देने के लिए निर्वाचित प्रतिनिधियों, कॉरपोरेट्स, गैर सरकारी संगठनों और व्यक्तियों को दाताओं के रूप में आगे आने के लिए प्रोत्साहित किया।
नि-क्षय2.0 पोर्टल (https://communitysupport.nikshay.in/) टीबी रोगियों के उपचार के परिणामों में सुधार लाने, 2025 तक टीबी उन्मूलन की भारत की प्रतिबद्धता को पूरा करने में समुदाय की भागीदारी बढ़ाने और कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के अवसरों का लाभ उठाने के लिए अतिरिक्त रोगी सहायता प्रदान करेगा।
इस अवसर पर अपने संबोधन में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने कहा, प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान माननीय प्रधानमंत्री की नागरिक-केंद्रित नीतियों का विस्तार है। उन्होंने टीबी कार्यक्रम की सफलता का श्रेय टीबी मामलों की अधिसूचना और लगातार प्रयासों जैसे प्रमुख संकेतकों को दिया, जिनके कारण 2021 के अंत तक मासिक अधिसूचना रिपोर्टिंग पूर्व-महामारी के स्तर तक पहुंच गई। डॉ. मांडविया ने सूचित किया कि नि-क्षय पोर्टल में लगभग 13.5 लाख टीबी रोगी पंजीकृत हैं, जिनमें से 8.9 लाख सक्रिय टीबी रोगियों ने एडॉप्शन के लिए अपनी सहमति दे दी है।
आज महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने ‘प्रधानमंत्री #TBMuktBharat अभियान’ का शुभारंभ किया। इसके लिए मैं उनका हार्दिक आभार प्रकट करता हूं। इसके अंतर्गत ‘नि-क्षय 2.0’ पोर्टल को शुरू किया गया है। यह अभियान ‘जनभागीदारी’ का एक नया अध्याय लिखेगा। pic.twitter.com/c9a0oF73fc
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) September 9, 2022
प्रधानमंत्री @NarendraModi जी ने ‘सबका प्रयास’ का मूलमंत्र हम सभी के सामने रखा है। आइए इस पोर्टल ( https://t.co/uATJAmFKvz ) से जुड़कर हम सभी टीबी रोगियों की मदद करें व उन्हें एक सामान्य जीवन व्यतीत करने में मदद करें।
भारत निश्चित ही 2025 तक टीबी मुक्त बनने में सफल होगा। pic.twitter.com/S3dWvPDlyY
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) September 9, 2022