रिहर्सल का दौर जारी, सराही गई छत्तीसगढ़ी करमा की प्रस्तुति
भिलाई। देश की राजधानी नई दिल्ली में इस वर्ष 26 जनवरी गणतंत्र दिवस समारोह में छत्तीसगढ़ के प्रख्यात लोक वाद्य संग्राहक और लोक कलाकार रिखी क्षत्रिय 9 वीं बार नजर आ रहे हैं। इस साल प्रदर्शित होने वाली झांकी पूर्ण हो चुकी है और अब रिहर्सल का दौर चल रहा है।
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इस बार रिखी क्षत्रिय देश के तीन प्रमुख आदिवासी राज्यों के कलाकारों का नेतृत्व कर रहे हैं। केंद्रीय जनजाति कार्य मंत्रालय की ओर से एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय की झांकी में शामिल छत्तीसगढ़,झारखंड और ओडिशा के कलाकारों के साथ छत्तीसगढ़ के प्रमुख लोक कलाकार व लोकवाद्य संग्राहक रिखी क्षत्रिय को नेतृत्वकर्ता की भूमिका दी गई है।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस हमें प्रजातांत्रिक मूल्यों और परम्पराओं को मजबूत बनाने के लिए जागरूक करता है।
आज राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर देश एवं प्रदेश के सभी मतदाताओं को बधाई।
आज का दिन लोकतांत्रिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए हम सबको अधिकारों और कर्तव्यों का बोध कराता है।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) January 25, 2023
रिखी क्षत्रिय ने बताया कि 28 जनवरी तक राष्ट्रीय रंगशाला कैंप केंद्रीय विद्यालय 2 के निकट जीपीएस कॉलोनी नई दिल्ली में उनका समूह रुका है।
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यहां प्रतिदिन सांस्कृतिक प्रस्तुतियां हो रही है। बीती रात यहां छत्तीसगढ़ के उनके समूह की करमा नृत्य की प्रस्तुति हुई, जिसे उपस्थित अतिथियों ने सराहा।
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रिखी क्षत्रिय ने बताया कि झांकी का निर्माण हो चुका है औऱ् सुबह सवेरे रिहर्सल भी जारी है। इस झांकी में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से रवि पैकरा एवं भिलाई से गुहाराम सरगुजा की भित्ति चित्र और आदिवासियों की पेंटिंग वॉल की हैं। इसी तरह छत्तीसगढ़ के कलाकारों में जया, साधना, जागेश्वरी, शशि साहू, प्रियंका व उपासना, झारखंड से प्रिया, किरण भीमेश व अर्जुन, ओडिशा से अंजलि, आस्था व हर्षिता, देहरादून से झांकी में बच्चों को पढ़ाने श्रीमती सुधा शामिल हैं।
रिखी ने बताया कि एक ही झांकी में 3 राज्यों की रंग-बिरंगी वेशभूषा से दर्शक एवं अधिकारी प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि सुबह 6:00 बजे राजपथ पर रिहर्सल के लिए जा रहे हैं और इतनी ठंड के बावजूद सभी लोग उत्साह के साथ जुटे हैं।
उल्लेखनीय है कि भिलाई स्टील प्लांट से सेवानिवृत्त रिखी क्षत्रिय छत्तीसगढ़ी लोक कला एवं संस्कृति के प्रति बचपन से ही समर्पित रहे हैं। वह विगत चार दशक से छत्तीसगढ़ के अलग-अलग हिस्सों में पहुंच कर दुर्लभ वाद्य यंत्रों का संग्रह कर रहे हैं।
उनके इस संग्रह को विगत दो दशक में देश के सभी राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री सहित कई विशिष्ट अतिथि गण देख चुके और सराहना कर चुके हैं। वही रिखी क्षत्रिय ने छत्तीसगढ़ शासन द्वारा भेजी जाने वाली गणतंत्र दिवस की झांकी विगत दो दशक में 8 बार नेतृत्व कर चुके हैं। इस वर्ष 2023 के गणतंत्र दिवस समारोह में रिखी क्षत्रिय के लिए 9 वां अवसर होगा जब वह राजपथ पर फिर एक बार नजर आएंगे।
राजपथ पर गणतंत्र दिवस का नजारा देखेंगे पहाड़ी कोरबा
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नई दिल्ली के राजपथ में आयोजित होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह 2023 में छत्तीसगढ़ के पहाड़ी कोरबा जनजाति के दो सदस्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। बलरामपुर जिले के पहाड़ी कोरबा जनजाति के फोदा कोरबा एवं सुरीत कोरबा को भारत सरकार जनजातीय मंत्रालय द्वारा अतिथि नामांकित किया गया है।
ये अतिथि 1 फरवरी तक विभिन्न महत्वपूर्ण कार्यक्रम में शामिल होंगे। वे यहां देश की राजधानी के भ्रमण के साथ ही राजघाट में आयोजित समारोह में भी शामिल होंगे।
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यात्रा का मुख्य उद्देश्य जनजातीय अतिथियों को देश की राजधानी में रहकर गणतंत्र दिवस समारोह के अवसर पर देश की समृद्धशाली सांस्कृतिक विविधता से रूबरू कराना है। आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा सहायक जनसम्पर्क अधिकारी श्री गुरमीत सिंह मुख्यालय नवा रायपुर को लॉयजन ऑफिसर नियुक्त किया गया है।
उल्लेखनीय है कि प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस समारोह में सम्मिलित होने के लिए आदिम जाति विभाग द्वारा आदिवासी समुदाय के दो अतिथियों को नामांकित किया जाता है। पूर्व के वर्षों में बैगा, बिरहोर, कमार, अबूझमाड़िया, पण्डो एवं भुंजिया जनजाति से नामांकित कर कार्यक्रम के लिए भेजा गया है।
इसी कड़ी में इस वर्ष पहाड़ी कोरबा जनजाति के सदस्यों को अतिथियों के रूप में भेजा जा रहा है। आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, सचिव डी.डी.सिंह एवं आयुक्त शम्मी आबिदी ने आदिवासी अतिथियों को सफल यात्रा हेतु शुभकामनाएँ प्रेषित की हैं।