भारत जोड़ो पदयात्रा का कारवां केरल में
कोल्लम से दीपक असीम
एक सवाल यह उठाया जा रहा है जी भारत जोड़ो पदयात्रा केरल में इतने ज्यादा दिन क्यों बिता रही है। उत्तर प्रदेश जहां भारत को जोड़े जाने की जरूरत सबसे ज्यादा है वहां सिर्फ 2 दिन और जुड़े जुड़ाए केरल में 18 दिन?
तो इसका जवाब केवल यही है कि यात्रा को एक सीधी रेखा में रखा गया है। कन्याकुमारी से केरल तक जो शहर सीध में आते गए उन्हें ले लिया गया।
अगर इस तरह के सवाल उठे तो यह भी उठेगा कि क्या आसाम और नागालैंड को जोड़े जाने की जरूरत नहीं है। लेकिन इस यात्रा में जोर कन्याकुमारी से कश्मीर तक एक भारत का है। इसलिए यह सवाल जितना ज्यादा तार्किक दिखता है उतना तार्किक है नहीं।
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— Neha Chauhan (@nehajoychauhan) September 14, 2022
भीड़ बढ़ती चली जा रही और लोग जुड़ते चले जा रहे
तमिलनाडु से लेकर केरल तक एक ही नजारा है। भीड़ बढ़ती चली जा रही है और लोग जुड़ते चले जा रहे हैं। इस पदयात्रा की सबसे बड़ी खोज यह है कि राहुल गांधी के लिए जनता के मन में बहुत प्रेम है। किसी और कांग्रेसी नेता में वह बात नहीं है जो राहुल में है।
उनकी सादगी, उनकी दोस्ताना मुस्कुराहट और उनकी निश्छलता सभी को भाती है। महिलाएं, बच्चियां, युवा किशोर लड़कियां, वृद्ध औरते… राहुल सभी की आंख के तारे हैं।
महिलाएं उनके साथ बहुत ही ज्यादा सहज महसूस करती हैं। जैसे दादी पोते के साथ मां बेटे के साथ, बच्ची अपने पिता के साथ, युवा लड़की अपने सगे भाई के साथ, अधेड़ महिला छोटे गोद में खिलाए भइया के साथ।
राहुल बहुत अकुंठ भाव से उनसे हाथ मिलाते हैं, उन्हें गले लगाते हैं। राहुल के स्पर्श से अभी तक कोई महिला असहज नहीं हुई। उनके देखने से किसी महिला ने संकोच का अनुभव नहीं किया। ऐसी पवित्रता तो सिर्फ अबोध बालकों में पाई जाती है।
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— Srinivas BV (@srinivasiyc) September 13, 2022
राहुल को देखने जो भीड़ उमड़ रही उसे पैसे देकर नहीं लाया जाता
सत्ता पक्ष के लोग राहुल गांधी की इस ताकत को जानते हैं और इसीलिए उन्हें पप्पू साबित करने में लगे रहते हैं और साथ ही उन्हें हिंदू विरोधी भी बताते रहते हैं। जबकि असलियत यह है कि अगर मजबूरी ना हो तो राहुल गांधी इतने सभ्य और शालीन हैं कि नरेंद्र मोदी तक का विरोध ना करें।
एक और खास बात यह है कि राहुल गांधी में डर नाम की कोई चीज नहीं है। उनकी दादी को गोलियों से छलनी कर दिया गया। पिता को एक आत्मघाती महिला ने छोटे-छोटे टुकड़ों में बिखेर दिया। मगर इसके बावजूद राहुल हर किसी को बुलाकर गले लगा लेते हैं।
बिल्कुल यह नहीं सोचते की कोई फिर घात कर सकता है। जबकि उनके खिलाफ जो दुष्प्रचार किया गया है उसके चलते कोई भी सिरफिरा उनके साथ हरकत कर सकता है।
उनकी एक झलक देखने के लिए लोग घंटों कतार में खड़े रहकर उनका इंतजार करते हैं। उन्हें देखने के लिए जो भीड़ उमड़ती है उसे पैसे देकर नहीं लाया जाता। उनमें और अन्य नेताओं में यही फर्क है।
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यात्रियों के लिए कंटेनर है लेकिन लोग खोल रहे कॉलेज-स्कूल के कमरे
यात्रा 14 सितंबर बुधवार त्रिवेंद्रम पार कर कोल्लम जिले में पहुंच जाएगी। यहां पर भी रूटीन वही रहेगा। सुबह के हल्ले में बड़ी दूरी तय कर लेना। शाम को ठंडे में पांच सात किलोमीटर चल कर आना और रात किसी स्कूल के आंगन में बिता देना।
जो 117 भारत यात्री हैं, उनके लिए तो कंटेनर हैं, मगर जो लोग लोकल कांग्रेस के हैं, राज्य के दूसरे शहरों से आए हैं उनके लिए कोई कॉलेज, कोई स्कूल के कमरे खोले जाते हैं। इनके खाने पीने का इंतजाम कांग्रेस की लोकल बॉडी करती है।
कर्नाटक के लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे यात्रा का
ये फूल उम्मीदों का है…इस फूल की खुशबू को हम सहेजकर रखेंगे और इसकी महक से भारत को जोड़ेंगे।#BharatJodoYatra pic.twitter.com/zopkX0ozX5
— Congress (@INCIndia) September 14, 2022
सोच कर आया था केवल 3 दिन यात्रा में साथ रहूंगा। कपड़े भी कम ही लाया था। लेकिन आज नौवां दसवां दिन है। मैं तो यात्रा शुरू होने से 2 दिन पहले पांच सितंबर की रात को ही कन्याकुमारी पहुंच गया था।
केरल में अब सब नजारे एक जैसे लग रहे हैं। सोचता हूं यहां से जर्नी ब्रेक करके कर्नाटक या महाराष्ट्र से साथ हो जाऊं। भाजपा शासित राज्यों में यात्रा के साथ क्या होता है यह भी तो देखें। वैसे खबर यह आ रही है कि कर्नाटक के लोग बेसब्री से यात्रा का इंतजार कर रहे हैं।
तमिलनाडु और केरल कांग्रेस ने खुद को साबित किया है। अब कर्नाटक की बारी आने वाली है। जिन राज्यों में भाजपा की सरकार है, वहां के लोग यात्रा का उपयोग सरकार विरोधी प्रदर्शन के रूप में कर सकते हैं। एक उग्र टकराहट देखने को मिल सकती है।
श्री @RahulGandhi जी ने केरल के शिवगिरी मठ में समाज सुधारक श्री नारायण गुरु जी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करी।#BharatJodoYatra pic.twitter.com/4L3TSf7a7Z
— Lalji Desai (@LaljiDesaiG) September 14, 2022