आखिरी इच्छा के मुताबिक अंतिम संस्कार के बाद परिवार ने
सार्वजनिक की अभिनेत्री तबस्सुम के निधन की जानकारी
मुंबई। हिंदी सिनेमा में एक बाल कलाकार के तौर पर महज 3 साल की उम्र में कैमरे का सामना करने वाली दिग्गज अदाकारा तबस्सुम ने 78 की उम्र में 18 नवंबर की रात दुनिया को अलविदा कह दिया। दिल का दौरा पड़ने से मुंबई में उन्होंने आखिरी सांस ली।
उनके बेटे होशांग गोविल ने मीडिया को बताया कि 18 नवंबर की शाम को तबस्सुम ने आखिरी सांस ली। लेकिन उनकी इच्छा थी कि अंतिम संस्कार के बाद ही यह खबर लोगों को दी जाए, इसलिए यह जानकारी शनिवार 19 नवंबर को दी गई।
बेटे होशांग गोविल ने बताया- तबस्सुम का निधन कल रात 8 बजकर 40 मिनट पर कार्डियक अरेस्ट से हुआ। वह बिल्कुल ठीक थीं। दस दिन पहले हमने शूटिंग भी की थी। हम अगले हफ्ते शूटिंग भी करने वाले थे। यह सब अचानक से हो गया।
उन्हें गैस्ट्रिक प्रॉब्लम थी जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया था। उन्हें डिस्चार्ज भी कर दिया गया था, लेकिन शुक्रवार को उनकी तबीयत बिगड़ गई। उन्हें दो मिनट के अंदर दो कार्डियक अरेस्ट आए थे और उन्होंने आखिरी सांस ली।
फिल्म ‘दीदार’ के गीत ‘बचपन के दिन भुला न देना’ में वह बाल कलाकार के तौर पर परीक्षित साहनी के साथ नजर आईं थी। बाद के दौर में वह दूरदर्शन पर अपने शो ‘फूल खिले हैं गुलशन गुलशन’ के लिए लोकप्रिय रहीं।
पिछले कुछ बरस से वह यू-ट्यूब पर अपना प्रोग्राम तबस्सुम टॉकीज पेश करती थीं, जिसमें वह अपने दौर और गुजरे जमाने के गुम हो चुके चेहरों से मिलवाती थीं।
तबस्सुम का जन्म 9 जुलाई 1944 को अयोध्या में हुआ था। उनके पिता अयोध्यानाथ सचदेव और मां असगरी बेगम स्वतंत्रता सेनानी थे। हालांकि, अभिनेत्री की पढ़ाई-लिखाई मुंबई में हुई।
तबस्सुम जब पहली बार स्क्रीन पर आई थीं तब वह महज तीन साल की थीं। 1947 में बेबी तबस्सुम के नाम से हिंदी फिल्म ‘नरगिस’ से इंडस्ट्री में कदम रखा था।
इसी साल उन्होंने फिल्म ‘मेरा सुहाग’ में उन्होंने बाल कलाकार की भूमिका निभाई थी। तबस्सुम ने फिल्म ‘दीदार’ में नरगिस और फिल्म ‘बैजू बावरा’ में मीना कुमारी के बचपन का किरदार निभाकर दर्शकों के दिलों को जीत लिया था। इसके बाद वह कॉलेज गर्ल, मुगल-ए-आजम, बचपन, गैम्बलर, तेरे मेरे सपने और चमेली की शादी सहित कई फिल्मों में नजर आईं।
सिनेमा के अलावा तबस्सुम का नाम टीवी की दुनिया में भी काफी ऊपर रहा है। उन्होंने पहले भारतीय टेलीविजन टॉक शो ‘फूल खिले हैं गुलशन गुलशन’ की शुरुआत की। इस शो में वह सिनेमा जगत से जुड़े लोगों से खास बातचीत करती थीं। अभिनेत्री के इस शो को ढेर सारा प्यार मिला था।
इसी वजह से यह शो दूरदर्शन पर एक या दो नहीं बल्कि पूरे 21 साल तक प्रसारित हुआ था। इस शो की शुरुआत साल 1972 में हुई थी और यह 1993 तक चला था।
गोविल परिवार में हुआ विवाह, बेटे के लिए बनाई फिल्म
तबस्सुम का विवाह विजय गोविल से हुआ, जो कि अरुण गोविल के बड़े भाई हैं। तबस्सुम ने 1985 में अपने बेटे होशांग गोविल को लांच करने ‘तुम पर हम कुरबान’ फिल्म का निर्माण भी किया था।
हालांकि होशांग का करियर आगे चल कर ‘करतूत’ और ‘अजीब दास्तां है’ ये जैसी फिल्मों तक सिमट कर खत्म हो गया।
नाम के पीछे दिलचस्प दास्तां
तबस्सुम के नाम के पीछे भी काफी दिलचस्प कहानी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक एक्ट्रेस के पिता ने अपनी पत्नी यानि तबस्सुम की मां की धार्मिक भावनाओं का ख्याल रखते हुए उन्हें तबस्सुम नाम दिया।
वहीं मां ने पिता की धार्मिक भावनाओं का ध्यान रखते हुए तबस्सुम को किरण बाला नाम दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक तबस्सुम के विवाह से पहले के कागजातों में उनका नाम किरण बाला सचदेव था।
यूट्यूब चैनल पर सुनाती थीं फिल्मी किस्से
तबस्सुम फिल्मों और टीवी शो में अभिनय के अलावा अपना खुद का यूट्यूब चैनल भी चलाती थीं। ‘तबस्सुम टॉकीज’ नाम के अपने यूट्यूब चैनल में वह फैंस को फिल्मी किस्सों से रूबरू कराती थीं।
तबस्सुम सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव थीं। वह अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर भी अक्सर थ्रौबैक तस्वीरें साझा करती नजर आती थीं। उनकी आखिरी पोस्ट भी फिल्म ‘यादों की बारात’ (1973) की क्लिप है।
करोड़ों की जायजाद छोड़ गईं अपने पीछे
रिपोर्ट्स के मुताबिक तबस्सुम की गिनती इंडस्ट्री की अमीर अभिनेत्रियों में होती थी। वह शाही अंदाज में जिंदगी जीती थीं। रिपोर्ट्स के मुताबिक एक्ट्रेस की नेटवर्थ 12 करोड़ रुपये से अधिक थी।
एक्ट्रेस के अचानक यूं चले जाने से फैंस गहरे सदमे में हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक 21 नवंबर 2022 को उनके लिए सांताक्रूज में प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाएगा।