जारी किया नया प्रतीक चिह्न, कर्मियों
को उपहार दिए जाने की भी तैयारी
भिलाईदेश की सार्वजनिक क्षेत्र की स्टील उत्पादक कंपनी, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) अपनी स्थापना के 50 साल पूरे कर चुकी है। इस उपलक्ष्य में वह अपना गोल्डन जुबली मना रही है। उत्सव को यादगार बनाने के लिए सेल ने सोमवार 23 मई को अपना एक नया प्रतीक चिह्न लांच किया है। यह आयोजन देश भर में स्थित सेल के उपक्रमों में अगले 8 महीनों तक अलग-अलग कार्यक्रमों के रूप में आयोजित होता रहेगा।
सेल भारत सरकार के नौ रत्नों में से एक है। इसकी स्थापना 24 जनवरी, 1973 में हुई थी। सेल की स्थापना को 50 साल हो गए और उसने इस दौरान कई बड़े कीर्तमान स्थापित किए हैं। अपनी स्थापना के गोल्डन जुबली सेलीब्रेशन पर सेल की अध्यक्ष सोमा मण्डल ने 23 मई को कंपनी के निदेशकों की मौजूदगी में एक लोगो लांच किया। इसे स्मारक लोगो का का नाम दिया गया है। इसका डिजाइन इस तरह से किया गया है कि कंपनी का मूल प्रतीक चिह्न बरकरार रहे। साथ ही साथ कंपनी की पचास साल की इस यात्रा की भावनाओं की खूबसूरती भी इसमे समाहित हो जाएं।
तीन महीने से देरी से शुरू हो रहा है आयोजन
सेल यह आयोजन तीन महीने देरी यानी 23 मई से गोल्डन जुबली वर्ष का कार्यक्रम शुरू कर जा रहा है। यह कार्यक्रम अगले 8 महीने यानी 24 जनवरी 2023 तक देश भर के अलग-अलग इकाइयों में आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों में कंपनी के सभी अधिकारियों के साथ ही उनके परिवार के सदस्यों को भी जोड़ा जाएगा। इस दौरान कार्मिकों को प्रबंधन की ओर से गिफ्ट भी दिया जाएगा। कार्मिकों को गिफ्ट देने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है।
कमेटी बजट के हिसाब से दिए जाने वाले गिफ्ट को लेकर निर्णय लेगी। बताया जा रहा है कि गिफ्ट तैयार करने के लिए सेलम प्लांट को आर्डर देने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि कुछ सदस्यों ने बीएसपी की स्थापना के 50 वर्ष पूरे होने पर 8 ग्राम सोने का सिक्का दिए जाने की बात कही है। इस पर अभी अंतिम निर्णय लिया जाना बाकी है।
50 सालों में सेल ने कई उपलब्धियां की अपने नाम
सेल ने अपने गठन के बाद से अब तक कई उपलब्धियां अपने नाम की है। इनमें बेस्ट एंट्रीग्रेटेड स्टील प्लांट के लिए प्रधानमंत्री ट्रॉफी 11 बार जीती है। सेल की इकाई भिलाई स्टील प्लांट ने इतनी रेल पटरी बनाई है कि उससे 15 बार पूरी दुनिया को लपेटा जा सकता है। दुनिया की सबसे लंबी 260 मीटर लंबी रेल पटरी का निर्माण सेल के भिलाई प्लांट में किया जा रहा है। सेल दुनिया का सबसे शुद्ध स्टील उत्पादन करता है। इसके स्टील में 1.5 पीपीएम (पार्टिकल पर मिलियन) की मात्रा होती है। यह वैश्विक स्तर का मानक है।
आईएनएस विक्रांत, उदयगिरी, कुमाती जैसे सेना के युद्ध पोतों में बीएसपी के स्टील की प्लेट इस्तेमाल की गई है। इसरो के सेटेलाइट लांच पैड में भिलाई स्टील प्लांट से उत्पादित स्टील की प्लेट लगी है। अटल टनल में बीएसपी का सरिया लगा है। बुलेट ट्रेन के लिए पटरी का निर्माण बीएसपी कर रहा है। एनएनसी यानि निकल कॉपर क्रोमियम रेल की जंग रोधक पटरी का निर्माण भी बीएसपी कर रहा है। यह रेल लाइन समुद्र के नीचे बिछाई जाती है।वर्ली-बांद्रा सी-लिंक में भी बीएसपी का स्टील लगा है। बीएसपी 70 लाख टन स्टील वार्षिक उत्पादन का लक्ष्य हासिल कर चुका है।