3 जिले के लिए पेयजल व सिंचाई का संकट दूर
बालोद। क्षेत्र में लगातार तेज बारिश के कारण तांदुला जलाशय Tandula Reservoir छलक गया है, उलट से हर एक सेकंड में 12 हजार क्यूसेक पानी निकल रहा है।
मानसून द्रोणिका व चक्रवात सक्रिय होने की वजह से जिले में 48 घंटे (रविवार-सोमवार) के ऑरेंज अलर्ट के साए में 124.9 मिमी औसत बारिश हुई। जिसका नतीजा यह रहा कि तीन जिले बालोद, दुर्ग, बेमेतरा के लिए महत्वपूर्ण 110 साल पुराना तांदुला डैम ओवरफ्लो हुआ।
ऐसी स्थिति 1912 से लेकर अब तक 28वीं बार बनी। वहीं आजादी के पर्व स्वतंत्रता दिवस में पहली बार ऐसी सुखद स्थिति बनी।
हालांकि कई बार अगस्त के पहले व दूसरे सप्ताह में बांध छलका है, लेकिन खास दिन में 38.50 फीट पानी भरने के बाद पहली बार ऐसी हालात बनी। जिसकी पुष्टि मंगलवार 16 अगस्त को सिंचाई विभाग ने की है। विभाग के अनुसार इस बार डैम 15 अगस्त को दोपहर को छलका।
हर 4-5 साल में तांदुला डैम छलकता आ रहा है। इसके पहले यह स्थिति 29 अगस्त 2018 को बनी थी। इस लिहाज से 4 साल बाद डैम छलका। मंगलवार को उलट(रपटा) से लगभग डेढ़ फीट पानी ऊपर बह रहा था।
सिंचाई विभाग के अनुसार ओवरफ्लो होने के बाद डैम से हर एक सेकंड में 12 हजार क्यूसेक यानी 3 लाख 39 हजार 840 लीटर पानी निकल रहा है।
बारिश न होने की स्थिति में बाहर निकल रहे पानी की मात्रा घटते क्रम पर रहेगी। फिलहाल उलट से निकल रहा पानी दुर्ग के शिवनाथ नदी में जा रहा है। इसके पहले दुर्ग के पुलगांव में जलभराव की स्थिति बन रही है।
गोंदली डैम में 30 फीट भरा पानी
1. 14 जुलाई को 21 फीट पानी भरने के बाद मटियामोती व 10 अगस्त को 30 फीट पानी भरने के बाद खरखरा डैम ओवरफ्लो हुआ। अब तक दोनों डैम छलक रहा है।
2. गोंदली डैम का जलस्तर 30 फीट पर पहुंच गया है। ओवरफ्लो के लिए 4 फीट पानी की जरूरत है। कुल जलभराव क्षमता 34 फीट है।
3. जिले में अब तक 1028 मिमी औसत बारिश हो चुकी है। डौंडी लोहारा तहसील में 1161.8 , बालोद में 1158.9 , गुरूर में 1009.3 , अर्जुन्दा में 969.5, डौंडी में 957.4 , गुंडरदेही में 911.4 मिमी बारिश हुई है।
मौसम साफ : सोमवार शाम 6 बजे बारिश थमी। मंगलवार को अधिकांश समय मौसम साफ रहा। धूप के बीच बादल छाए रहे। अधिकतम तापमान 30 डिग्री व न्यूनतम तापमान 24 डिग्री रहा।
एक क्यूसेक में होता है 28.32 लीटर पानी
गणित के शिक्षक लोचन देशमुख ने बताया कि एक क्यूसेक में पानी की मात्रा 28.32 लीटर होता है। यह बहाव की इकाई है, जिसे दर्शाया जाता है कि एक सेकंड में इतना पानी छोड़ा जा रहा है।
एक क्यूसेक को लीटर में आंकना या मापना संभव नहीं है,क्योंकि क्यूसेक पानी के माप की नहीं बल्कि बहाव की इकाई है। लेकिन फिर भी यदि लीटर के ही आधार पर इसे समझना हो तो 28.32 लीटर (लगभग) प्रति सेकंड होता है। प्रति सेकंड में निकल रहे पानी के बहाव को एक क्यूसेक कहते हैं।
77 हजार हेक्टेयर रकबे में की जा सकती है सिंचाई
सिंचाई विभाग के अनुसार तांदुला डैम में शत प्रतिशत पानी होने की स्थिति में अगले दो साल तक शहर के लोगों को पेयजल संकट नहीं होगा। डैम के पानी को जल आवर्धन योजना के तहत फिल्टर कर शहर में सप्लाई की जाती है।
वहीं खरीफ सीजन में तीन जिले में लगभग 77 हजार हेक्टेयर रकबे के लिए पानी छोड़ सकते है। इसके अलावा निस्तारी तालाबों को भरने के लिए यहां से पानी छोड़ा जाता है। रबी सीजन में सिंचाई के लिए पानी छोड़ना है या नहीं, इसके लिए शासन की अनुमति लेनी होगी।