भारत में मिलने वाली स्पीड दक्षिण
कोरिया की 432 MBPS से 700% कम
नई दिल्ली। जिस तरह 4G के मार्केट में रिलायंस की एंट्री ने भारत में इंटरनेट क्रांति ला दी थी, उस तरह अब 5G की नीलामी में अडानी ग्रुप के उतरने से फिर आम आदमी की उम्मीदें और बाजार की हलचल बढ़ गई है। 5G भारत में जल्द आने वाला है…लेकिन भारत में इसकी स्पीड क्या होगी? वादा 2 GB प्रति सेकेंड की पीक डाउनलोड स्पीड का है और औसत डाउनलोड स्पीड भी 100 MB प्रति सेकेंड से अधिक रहने के दावे किए जा रहे हैं।
अगर औसत स्पीड इसकी आधी भी हो जाए तो मौजूदा औसत 13.1 MBPS से करीब चार गुना होगी। उधर, 5G चला रहे देशों में सर्वाधिक औसत डाउनलोड स्पीड अभी 432 MBPS है। यानी हम फिर भी इंटरनेट रफ्तार में दुनिया में बहुत पीछे होंगे। आइए, देखते हैं हमारी मौजूदा इंटरनेट स्पीड क्या है और 5G के आगाज पर हम दुनिया के मुकाबले कहां खड़े होंगे।
हमेशा वादे से कम मिली है स्पीड
3G के लॉन्च के समय पीक डाउनलोड स्पीड 14 MBPS होने का दावा किया गया था। मगर यह यूजर को कभी नहीं मिली। 4G लॉन्च हुआ तो दावा किया गया कि पीक डाउनलोड स्पीड 100 MBPS होगी। यह स्पीड तो यूजर को नहीं मिली, मगर औसत डाउनलोड स्पीड 13-14 MBPS तक पहुंच गई। यही 3G के दौर में पीक डाउनलोड स्पीड थी। अब 5G की पीक डाउनलोड स्पीड 2 GBPS बताई गई है।
72 देशों में चल रहा 5G…दावे की पीक स्पीड कहीं नहीं
अभी 5G नेटवर्क का इस्तेमाल 72 देशों में हो रहा है। नेटवर्क की 2 GBPS की पीक स्पीड अभी तक किसी भी देश में नहीं मिली है। टेलीकॉम रिसर्च प्लेटफॉर्म ओपन सिग्नल ने 5G इस्तेमाल कर रहे देशों में जून माह में इंटरनेट की क्वालिटी के हिसाब से टॉप-15 देशों की सूची जारी की है। साथ ही देश में 4G की मौजूदा स्थिति पर भी ओपन सिग्नल ने जुलाई की रिपोर्ट जारी की है।
432 MBPS है दक्षिण कोरिया में 5G की औसत डाउनलोड
स्पीड…यानी 2 GB की मूवी 5 सेकेंड में डाउनलोड
दुनिया में 5G की औसत डाउनलोड स्पीड अभी दक्षिण कोरिया में सर्वाधिक है। यहां 432.7 MBPS की औसत डाउनलोड स्पीड है, यानी 2 GB की एक मूवी महज 5 सेकेंड में डाउनलोड हो सकती है। इस पैरामीटर पर टॉप-15 देशों में सबसे निचले पायदान पर फिनलैंड है। यहां भी औसत डाउनलोड स्पीड 237.1 MBPS है। भारत में 4G की सबसे तेज डाउनलोड स्पीड 15.2 MBPS आंध्र प्रदेश में…यह दक्षिण कोरिया की 5G स्पीड से 2800% कम।
भारत में अभी 4G नेटवर्क चल रहा है। ओपन सिग्नल की जुलाई की रिपोर्ट के मुताबिक देश में 4G की औसत डाउनलोड स्पीड सिर्फ 13.1 MBPS है। सबसे तेज औसत डाउनलोड स्पीड आंध्र प्रदेश में 15.2 MBPS की मिलती है। यह दक्षिण कोरिया की 5G स्पीड 432.7 MBPS से करीब 2800% कम है।
दुनिया में 5G कनेक्टिविटी अभी समस्या, सबसे बेहतर स्थिति प्यूर्टो रिको में
72 देशों में 5G नेटवर्क शुरू तो हो गया है, मगर अभी इसकी कनेक्टिविटी में समस्या है। स्पेक्ट्रम और टावर नेटवर्क की दिक्कतों की वजह से 5G नेटवर्क लगातार नहीं मिलता। सबसे बेहतर स्थिति दक्षिण अमेरिका के प्यूर्टो रिको में है, लेकिन यहां भी 5G नेटवर्क 42.7% समय ही मिलता है। सबसे तेज औसत स्पीड वाले दक्षिण कोरिया में भी 5G नेटवर्क 31% समय ही मिलता है।
भारत में 4G कनेक्टिविटी बेहतर…औसतन 97.7% समय फोन पर 4G नेटवर्क
भारत में 4G 2012 में लॉन्च हुआ था। उस समय 4G की कनेक्टिविटी बहुत खराब थी। 2016 में रिलायंस ने जियो लॉन्च किया जो सिर्फ 4G नेटवर्क पर चलता था। इसके बाद से अन्य टेलीकॉम कंपनियों ने भी 4G नेटवर्क पर ही फोकस बढ़ाया। इसके चलते आज देश में औसतन 97.7% समय हर फोन 4G नेटवर्क से ही जुड़ा होता है। असम में 4G कनेक्टिविटी सबसे बेहतर है जहां 98.4% समय फोन 4G नेटवर्क से जुड़ा होता है।
ताइवान में 5G की पीक स्पीड 922.5 MBPS, एक मूवी 2 सेकेंड में डाउनलोड
5G की पीक स्पीड 2 GBPS होने का दावा किया जा रहा है। मगर यह पीक स्पीड सिर्फ टेस्ट कंडीशन में ही मिली है। ओपन सिग्नल की जून की रिपोर्ट के मुताबिक ताइवान में पीक स्पीड सर्वाधिक 922.5 MBPS है। तेज इंटरनेट के लिए जाने जाने वाले दक्षिण कोरिया में पीक स्पीड 860.1 MBPS ही है।
अभी कंपनियों का ध्यान डाउनलोड स्पीड पर…इंटरनेट
ऑफ थिंग्स चलाने के लिए बढ़ानी होगी अपलोड स्पीड
दुनिया में 5G नेटवर्क में अभी सर्वाधिक औसत अपलोड स्पीड मलेशिया में 50.3 MBPS की है। 5G की सर्वाधिक औसत डाउनलोड स्पीड इससे 8 गुना से भी ज्यादा है। अभी कंपनियों का ध्यान डाउनलोड स्पीड पर रहता है, क्योंकि इंटरनेट का इस्तेमाल मुख्यत: जानकारी डाउनलोड करने के लिए होता है।
मगर स्मार्ट एप्लायंसेस के नेटवर्क चलाने, यानी इंटरनेट ऑफ थिंग्स को आगे बढ़ाने के लिए अपलोड स्पीड को भी बढ़ाना जरूरी होगा। इस मामले में भारत अभी बहुत ही पीछे है। 4G की भारत में औसत अपलोड स्पीड सिर्फ 4.4 MBPS है।
5G आएगा…मगर 2G नहीं जाएगा
क्या आप जानते हैं कि भारत अभी ‘2G मुक्त’ नहीं हुआ है। एरिकसन मोबिलिटी रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में भी भारत में करीब 20% मोबाइल यूजर 2G पर हैं। खास बात ये है इनकी तादाद 3G से जुड़े यूजर्स से भी ज्यादा है और उससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात ये है कि 2022 के अंत तक देश से 3G नेटवर्क खत्म हो जाएगा।
मगर 2G नेटवर्क अभी बरकरार रहेगा। दरअसल, देश की दो बड़ी कंपनियों एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया के लाखों कस्टमर अभी भी फीचर फोन इस्तेमाल करते हैं जो 2G नेटवर्क पर चलता है।
दोनों ही कंपनियों को पता है कि अगर वे 2G नेटवर्क खत्म करती हैं तो मजबूरन इन यूजर्स को 4G पर आना होगा और 4G डिवाइस और कनेक्शन के दाम कम होने की वजह से फायदा रिलायंस जियो को होगा जो सिर्फ 4G सेवाएं ही देता है। एरिकसन मोबिलिटी रिपोर्ट के मुताबिक 2025 तक भी भारत में करीब 5% यूजर 2G नेटवर्क पर होंगे।