मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना का लाभ मिलेगा छत्तीसगढ़ में
दुर्ग। नीलगिरी, टिश्यू कल्चर बांस, टिश्यू कल्चर सागौन, मिलिया डुबिया तथा अन्य आर्थिक लाभकारी पौधों के रोपण पर किसानों को तीन वर्षों के लिए 25 हजार पांच सौ रूपए तक की अनुदान राशि मिल सकेंगी। इन पौधों के रोपण को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना शासन ने आरंभ की हैं।
A grant of 25 thousand will be given in 3 years for planting 1000 plants of bamboo teak and eucalyptus.Chhattisgarh will get the benefit of Mukhyamantri vriksha sampad Scheme
मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के तहत् प्रति एकड़ 1000 पौधों पर कृषकों को वर्षवार अनुदान की राशि देय होगी। जिसमें प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय वर्ष में कोल नीलगिरी पौधों के लिए क्रमशः 11 हजार, 7 हजार एवं 7 हजार रूपए, टिश्यू कल्चर बांस के लिए 11 हजार 5 सौ, 7 हजार एवं 7 हजार रूपए, टिश्यु कल्चर सागौन के लिए 11 हजार 5 सौ, 7 हजार एवं 7 हजार रूपए मिलेंगे।
दो लाख एकड़ में इमारती पौधे लगवाएगी राज्य सरकार।
मिलेगी 50% सब्सिडी और प्रति एकड़ 10 हजार रु. बोनस। #मुख्यमंत्री_वृक्ष_संपदा_योजना के तहत निजी भूमि पर लगाए जायेंगे पौधे।
लकड़ी, छाल आदि की बिक्री की सरकार लेगी गारंटी।@ForestCgGov #Chhattisgarh #CGModel pic.twitter.com/JYVw7Lqpxh
— Jansampark CG (@DPRChhattisgarh) December 22, 2022
वहीं मिलिया डुबिया के लिए 11 हजार 5 सौ, 7 हजार एवं 7 हजार रूपए तथा अन्य आर्थिक लाभकारी पौधों के लिए 11 हजार 5 सौ, 7 हजार एवं 7 हजार रूपए की राशि देय होगी।
इस प्रकार तीन वर्षों में कोल नीलगिरी पौधों के लिए कुल 25 हजार रूपए, टिश्यू कल्चर बांस, टिश्यू कल्चर सागौन, मिलिया डुबिया तथा अन्य आर्थिक लाभकारी पौधों के लिए 25500-25500 रूपए की राशि देय होगी। योजना अंतर्गत कुल 06 मॉडल है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य हितग्राहियों के निजी भूमि पर वाणिज्यिक प्रजातियों का वृक्षारोपण कर निजी कंपनियों से वापस खरीदी सुनिश्चित कर आय में वृद्धि करना है।
कृषक, शासकीय, गैर शासकीय, अर्द्धशासकीय, पंचायत, स्वायत्त संस्थान, निजी शिक्षण संस्थान, भूमि अनुबंध धारक एवं निजी ट्रस्ट इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
योजना के अंतर्गत टिश्यु कल्चर सागौन, टिश्युु कल्चर बांस, मिलिया डुबिया ( मालाबार नीम), चंदन, क्लोनल नीलगिरी एवं अन्य आर्थिक लाभ प्रदाय करने वाले प्रजाति के पौधे लगाए जाएंगे।
जो हितग्राही 05 एकड़ तक की भूमि पर अधिकतम 5 हजार पौधे रोपण करता है तो उसे 100 प्रतिशत अनुदान और यदि कोई 05 एकड़ भूमि से अधिक पर रोपण करता है तो उसे 50 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा।
रोपण का कार्य हितग्राही द्वारा ही किया जायेगा। हितग्राही द्वारा फेंसिंग एवं सिंचाई की व्यवस्था स्वयं के व्यय पर करना होगा। हितग्राहियों को मांग अनुसार निःशुल्क पौधा प्रदाय किया जायेगा।
द्वितीय एवं तृतीय वर्ष में पौधों के जीवित प्रतिशत अनुसार अनुदान हितग्राही के खाते में हस्तांतरित किया जायेगा। शासन स्तरीय समिति द्वारा प्रतिवर्ष समर्थन मूल्य का निर्धारण किया जायेगा।