1988 में भारत ही नहीं बल्कि एशिया की
पहली महिला ट्रेन ड्राइवर बनी थीं सुरेखा
नई दिल्ली। एशिया की पहली महिला लोको पायलट का दर्जा प्राप्त सुरेखा यादव ने सोमवार 13 मार्च को वंदे भारत एक्सप्रेस को सोलापुर से सीएसएमटी तक पटरी पर दौड़ाया।
इसी के साथ वह वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को चलाने वाली पहली महिला लोको पायलट भी बन गई हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस के प्लेटफॉर्म नंबर 8 पर सुरेखा यादव का अभिनंदन किया गया।
महाराष्ट्र के सतारा की रहने वाली सुरेखा यादव साल 1988 में भारत ही नहीं बल्कि एशिया की पहली महिला ट्रेन ड्राइवर बनी थीं। भारत में इस समय 10 वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं। अपनी शानदार सुविधाओं और तेज स्पीड की वजह से यह ट्रेन बहुत कम समय में ही लोकप्रिय हो गई है।
Also read:छत्तीसगढ़ को मिली सौगात,बिलासपुर से नागपुर के बीच वंदेभारत ट्रेन 11 से
देश की पहली वंदे भारत ट्रेन नई दिल्ली से वाराणसी के बीच चली। यह ट्रेन फरवरी 2019 में चलाई गई थी। इस ट्रेन ऑटोमेटिक गेट, एसी कोच, ऑनबोर्ड वाई फाई जैसी कई सुविधाएं हैं।