आत्मसमर्पित नक्सली अनिल कुंजाम ने मुख्यमंत्री को बतायी दास्तां,भांसी-मासापारा स्कूल का फिर से बन गया नया भवन
गौरतलब है कि नक्सलियों ने सात साल पूर्व 2015 में मासापारा स्कूल को ध्वस्त कर दिया था, जिससे बच्चों के शिक्षा का ठौर छिन गया था। छत्तीसगढ़ शासन की विशेष पहल पर फिर से नए स्कूल भवन का निर्माण हुआ और अब वहां बच्चेे शिक्षा प्राप्त कर रहे है। यहां यह उल्लेखनीय है कि लोन वर्राटू योजना के तहत हिंसा के रास्ते को छोड़कर मुख्य धारा में शामिल हुए नक्सली शंकर कुुंजाम और अनिल कुंजाम को शासन की पुनर्वास योजना का लाभ, रोजगार के साथ ही अन्य सुविधाएं भी मिली है।
तब उन्हें इस बात का एहसास हुआ कि उनके द्वारा स्कूल तोड़ने से गांव के बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। जिला प्रशासन द्वारा जब स्कूल का पुनः निर्माण प्रारंभ करवाया तो आत्मसमर्पित नक्सली अनिल कुंजाम और शंकर कुंजाम ने मासापुर के स्कूल के निर्माण में बढ़-चढ़कर सहयोग किया। मासापारा स्कूल के नए भवन में लगभग सात साल बाद बच्चों के ककहरा पढ़ने की फिर से गूंज सुनायी देने लगी है।
पालकों के मन में अपने बच्चों के भविष्य को लेकर नई उम्मीद जगी है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा नक्सल प्रभावित अंदरुनी इलाकों में नक्सल गतिविधियों के चलते बंद स्कूलों को फिर से शुरू करने का विशेष प्रयास बीते तीन सालों से किया जा रहा है, जिसका सुखद परिणाम यह है कि बीजापुर, दंतेवाड़ा, सुकमा जिले में बंद स्कूल फिर से संचालित होने लगे है। स्कूल निर्माण से लेकर वहां के अध्यापन व्यवस्था में स्थानीय युवा अपनी भागीदारी निभाने लगे है।