नई दिल्ली। देश में सुरक्षा के लिए दिग्गज टेक कंपनी गूगल ने नई पहल की है। दरअसल, ट्विटर और इंस्टाग्राम की तर्ज पर अब जीमेल की तरफ से भी ब्लू टिक सर्विस शुरू कर दी गई है। दिग्गज टेक कंपनी गूगल कंपनी का कहना है कि इससे इस बात को आसानी से पहचान की जा सकेगी कि लोगों को ईमेल सही यूजर से मिल रहा है, या नहीं। कंपनी के मुताबिक इसका मकसद यूजर्स को धोखाधड़ी से बचाना है। गूगल ने बताया कि इस फीचर को रोल आउट कर दिया गया है। जिन यूजर्स और कंपनियों ने ब्रैंड इंडिकेटर्स फॉर मैसेज आइडेंटिफिकेशन फीचर को अपनाया हुआ है, उन्हें खुद-ब-खुद ये टिक मिल जाएगा।
गूगल की चेकमार्क आइकन सुविधा उन सभी ग्राहकों के लिए उपलब्ध है, जो गूगल वर्कस्पेस, जी सूट बेसिक आदि से जुड़े हैं। यही नहीं, पर्सनल गूगल अकाउंट चलाने वालों को भी यह सर्विस दी जा रही है। इस सुविधा की मदद से लोगों को यह पहचानने में आसानी होगी कि कौन एक वैध सेंडर है और कौन नहीं। गूगल ने बताया कि प्रमुख बिजनेसेज के लिए इस सुविधा को अगले तीन दिनों में शुरू कर दिया जाएगा।
कंपनी ने ये भी कन्फर्म किया कि हरेक गूगल वर्कस्पेस कस्टमर, जी सूट के बेसिक और बिजनेस कस्टमर यहां तक कि पर्सनल गूगल अकाउंट यूजर्स भी ब्लू चेकमार्क हासिल कर सकते हैं। गूगल की यह ब्लू टिक सर्विस बिल्कुल ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम की तरह होगी। लेकिन अभी तक जीमेल की तरफ से इसके लिए कोई चार्ज लेने की घोषणा नहीं की गई है। इस ब्लू टिक के लिए यूजर्स को सिर्फ अपने अकाउंट को वेरिफाई करना होगा। साथ ही अपने फोन और अन्य डॉक्यूमेंट्स से खुद को वेरिफाई करना होगा।
महंगा पड़ता है ब्लू टिक
ट्विटर के नए मालिक अरबपति एलॉन मस्क ने हाल ही में ट्विटर से लोगों के ब्लू बैज को हटा लिया था। अब जिन लोगों को ट्विटर पर ब्लू टिक चाहिए, उन्हें ट्विटर को 900 रुपये प्रति माह और गोल्ड टिक के लिए कंपनियों को $1000 चुकाने होंगे। इसके अलावा फेसबुक, इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के मालिक मार्क जुकरबर्ग ने भी पेड सब्सक्रिप्शन सर्विस का ऐलान किया था, जिसे मेटा वेरिफाइड कहा जा रहा है। इसके तहत 11.99 डॉलर और 14.99 डॉलर के दो प्लान पेश किए गए हैं। इसके लिए Meta $11.99 प्रति माह कंप्यूटर पर और $14.99 प्रति माह मोबाइल पर ले रही है।