नई दिल्ली। आखिरकार केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक पद के लिए नियुक्ति कर दी गई है। कर्नाटक के डीजीपी प्रवीण सूद (59) को केंद्रीय जांच ब्यूरो का निदेशक नियुक्त किया गया है। वह दो साल के लिए इस पद पर बने रहेंगे। सूद कर्नाटक कैडर के 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वह 25 मई को अपना कार्यभार संभाल सकते हैं। वह सुबोध कुमार जायसवाल का स्थान लेंगे, जिनका कार्यकाल 25 मई को समाप्त हो रहा है। उन्हें तीन साल पहले ही राज्य के पुलिस महानिदेशक के तौर पर नियुक्त किया गया था।
प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली से इंजीनियरिंग में स्नातक की पढ़ाई करने वाले सूद मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं। उन्हें मई 2024 में सेवानिवृत्त होना था, लेकिन अब उन्हें दो साल का निश्चित कार्यकाल मिलेगा और वह कम से कम मई 2025 तक इस पद पर बने रहेंगे। सूद को 2020 में 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी अशित मोहन प्रसाद को पछाड़ते हुए कर्नाटक डीजीपी नियुक्त किया गया था। बता दें कि कर्नाटक कैडर के अधिकारी सूद को साल 2004 में मैसूर शहर के पुलिस आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया था। इस दौरान उन्होंने यहां पर साल 2007 तक सेवा की। हालांकि, बाद में उन्होंने बेंगलुरू शहर के पुलिस आयुक्त के रूप में पदभार ग्रहण किया।
इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण काम किए, लेकिन संकट में नागरिकों के लिए आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली नम्मा 100 को शुरू करने के लिए उन्हें जाना जाता है। बेंगलुरू शहर के पुलिस आयुक्त रहते हुए उन्होंने विशेष रूप से संकट में महिलाओं और बच्चों के लिए पिंक हौसला की शुरुआत की, जिसको पूर्ण रूप से महिला पुलिसकर्मियों द्वारा मैनेज किया जाता है।
कर्नाटक चुनाव के दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा था नालायक
कर्नाटक विधानसभा चुनाव से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने प्रवीण सूद को नालायक कहा था। शिवकुमार ने कहा था कि हमारे डीजीपी इस पद के लायक नहीं हैं। वह तीन साल से डीजीपी हैं, लेकिन भाजपा कार्यकर्ता की तरह काम करते हैं। उनके खिलाफ एफआईआर होनी चाहिए। शिवकुमार ने आरोप लगाया था कि सूद ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर 25 केस दर्ज किए, लेकिन भाजपा नेताओं पर एक भी केस दर्ज नहीं किया। हमने चुनाव आयोग से भी शिकायत की है। उन्होंने प्रवीण सूद की गिरफ्तारी की मांग की थी।