MP Assembly Election: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के मतदान के बीच चंबल अंचल के भिंड जिले से बड़ी खबर आ रही है. भिंड जिले की पांचों विधानसभा सीटों के सभी प्रत्याशियों को नजरबंद कर दिया गया है. पुलिस प्रशासन ने बीजेपी, कांग्रेस और बसपा प्रत्याशियों को नजर बंद कर किाय, जिनमें मंत्री से लेकर चुनाव लड़ रहे पूर्व मंत्री और विधायक तक शामिल हैं.
दरअसल, मध्य प्रदेश का चंबल इलाका हमेशा से ही संवेदनशील रहा है. यही वजह है कि चुनाव में भी प्रशासन शांतिपूर्ण मतदान प्रक्रिया संपन्न कराने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाता है. इस बार भी 2018 के विधानसभा चुनाव की तरह ही जिले में सभी विधानसभाओं में राष्ट्रीय दलों के प्रत्याशियों को नजरबंद कर लिया गया है. भिंड विधानसभा में बसपा प्रत्याशी संजीव सिंह कुशवाह और कांग्रेस प्रत्याशी चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी ने आपत्ति जताते हुए इसे भाजपा का षड्यंत्र बताया है.
प्रत्याशियो ने बताया भाजपा का षडयंत्र
राकेश चतुर्वेदी का साफ कहना है कि उनके पास 16 नवंबर की शाम को ही रिटर्निंग ऑफिसर की ओर से इस बात की सूचना आ गई थी. राष्ट्रीय दलों के सभी प्रत्याशियों को भिंड सर्किट हाउस पर सुबह से ही उपस्थित रहना होगा. भाजपा से वापस बसपा में शामिल होकर भिंड विधानसभा से चुनाव लड़ रहे बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी संजीव सिंह कुशवाह ने भी साफ तौर पर ऐसे भाजपा की मनमानी और प्रशासन पर साजिश का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि इस तरीके से कहीं न कहीं मतदान प्रभावित होता है, क्योंकि उनके पोलिंग एजेंट्स का भी मनोबल टूटता है. वहीं उन्होंने भाजपा के लोगों पर बाहर रहकर मतदान प्रभावित करने का भी आरोप लगाया है.
नेता प्रतिपक्ष और मंत्री भी नजरबंद
गौरतलब है कि इस बार प्रशासन ने भिंड और सर्किट हाउस पर जगह कांग्रेस के प्रत्याशी चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी बसपा प्रत्याशी और विधायक संजीव सिंह कुशवाहा और भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी नरेंद्र सिंह कुशवाहा को नज़रबंद किया है. वहीं अटेर से प्रत्याशी और भाजपा के मंत्री अरविंद भदौरिया भी 17 बटालियन स्थित समर हाउस में नजरबंद हैं. इनके अलावा अटेर क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी हेमंत कटारे को भी प्रशासन द्वारा बैठा दिया गया है. वहीं लहार में भी BJP कांग्रेस के प्रत्याशियों को पुलिस और प्रशासन ने नजरबंद करा रखा है.