बिजली की खपत कम करने की कवायद, प्रस्ताव तैयार
रायपुर। छत्तीसगढ़ के अब सभी व्यावसायिक और सरकारी दफ्तरों के भवन खास तरह से डिजाइन किए जाएंगे, ताकि वहां 30 फीसदी बिजली की खपत कम की जा सके। छत्तीसगढ़ में इस तरह के भवनों के डिजाइन और मापदंडों का प्रस्ताव तैयार है। यह जल्दी ही सरकार के सामने पेश होगा। चूंकि यह कवायद केंद्र सरकार के नियमों की वजह से की गई है, इसलिए छत्तीसगढ़ में भी यह नियम अगले 6 महीने में लागू कर दिया जाएगा।
इसके बाद छत्तीसगढ़ में बड़े कामर्शियल कांप्लेक्स, माॅल, स्टार होटल, अस्पताल, थिएटर-मल्टीप्लेक्स, स्कूलों समेत शिक्षा से जुड़े सभी भवन और सभी बड़े सरकारी दफ्तर इन्हीं नियमों के हिसाब से डिजाइन होंगे। इन भवनों में बाहर की गर्मी भीतर नहीं जाने की व्यवस्था करनी होगी। दिनभर इन भवनों में सूर्य की पर्याप्त रोशनी रहेगी और सोलर जैसे रिन्यूएबल एनर्जी प्लांट भी होंगे।
यही नहीं, सरकारी दफ्तरों में एनर्जी कंर्जवेशन बिल्डिंग कोड (ईसीबीसी) लागू होगा। इसका कनेक्टेड बिजली लोड 60 किलोवाट या 60 केवीए का कांट्रैक्ट लोड ही रहेगा। दरअसल केन्द्र सरकार के बिजली मंत्रालय ने 2017 में संशोधित ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता बनाई थी। इसके मुताबिक सभी राज्यों में ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता नियम, 2018 लागू किया गया है।
इसमें कहा गया है कि सभी राज्य अपने राज्यों के मौसम और परिस्थितियों के मुताबिक इसमें बदलाव कर सकते हैं। छत्तीसगढ़ में इसे सीजी-ईसीबीसी कोड नाम दिया गया है। प्रदेश में इसे लागू करने का उद्दश्य पर्यावरण बेहतर बनाने के साथ-साथ ऊर्जा खपत में कटौती करना भी है। इससे 30 फीसदी बिजली तो बचेगी ही, 2030 तक 5 लाख टन कार्बन का उत्सर्जन रोका जा सकता है। यह तभी संभव है जब भवनों को निर्माण ऐसा हो कि ऊर्जा संरक्षण किया जा सके।
कांच, दरवाजे और छत से कितनी गर्मी आना चाहिए… इसका भी निर्धारण
यह कोड शॉपिंग कॉम्पलेक्स, हैल्थ केयर, सभागार, शिक्षण संस्थान, वाणिज्यिक भवन में दिन के प्रकाश के समुचित उपयोग से संबंधित है। यही नहीं, भवनों में लगे कांच, दरवाजों, दीवारों और छतों से सौर ऊष्मा (हीट ट्रांसफर) की सीमा भी तय होगी। इससे इन भवनों में ऊर्जा संरक्षण के साथ प्राकृतिक वेंटिलेशन का वातावरण तैयार होगा।
इस योजना के लागू होने के बाद इसे पुराने भवनों पर भी लागू किया जा सकता है। जिन भवनों को न्यूनतम लागत में मोडिफाइड किया जा सकता हो, उन्हें मोडिफाइड करेंगे, लेकिन जिन्हें पूरा ही तोड़ना पड़े, उन्हें शामिल नहीं किया जाएगा। अभी यह 19 राज्य और 2 केंद्रशासित प्रदेशों में लागू है। छत्तीसगढ़ में अब इसे लागू किया जा रहा है।
अभी दी जाती है स्टार रेटिंग
अभी व्यावसायिक भवनों का एनर्जी परफार्मेंस इंडेक्स निकालकर इसके अनुसार उन्हें फाइव स्टार रेटिंग दी जाती है। छत्तीसगढ़ में यह कोड लागू होने से पहले ही विद्युत नियामक आयोग आैर महानदी भवन को यह रेटिंग दी जा चुकी है। हर पांच साल में इसका इंडेक्स फिर से नापा जाता है।
देशभर में बचेगी बिजली
केन्द्रीय बिजली मंत्रालय के मुताबिक ईसीबीसी 2017 लागू होने से 2030 तक लगभग 300 अरब इकाइयों की ऊर्जा बचत होगी वहीं दूसरी ओर एक साल में ऊर्जा की मांग में 15 गीगावाट से अधिक की कमी आएगी। यानी लगभग 35,000 करोड़ की बचत होगी।
प्रक्रिया चल रही, अब अफसरों को दे रहे ट्रेनिंग
छत्तीसगढ़ में ईसीबीसी कोड लागू करने की प्रक्रिया चल रही है। इसके लिए हाउसिंग बोर्ड और अरबन डवलपमेंट के अफसरों को ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके लागू होने से ऊर्जा की बचत होगी साथ ही कार्बन का उत्सर्जन भी कम होगा।
-आलोक कटियार, सीईओ-क्रेडा