बेचने वाली समितियों को 10 पैसा और समूहों को एक
रुपए प्रति किलो की दर से मिलेगा बोनस, आदेश जारी
रायपुर। छत्तीसगढ़ के गौठानों में बायो कम्पोस्ट बनाने वाले स्व-सहायता समूहाें और बेचने वाली सहकारी समितियों को अब बोनस भी मिलेगा। स्व-सहायता समूहों को प्रति किलो एक रुपए की दर से बोनस मिलना है। वहीं सहकारी समितियों को 10 पैसे प्रति किलोग्राम की दर से यह बोनस दिया जाएगा।
कृषि विभाग ने 19 जुलाई को बोनस वितरण का आदेश जारी कर दिया है। इसके मुताबिक यह बोनस सात जुलाई तक बिक चुके कम्पोस्ट पर दिया जाना हे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में सात जुलाई को हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में इस बोनस वितरण का फैसला हुआ था।
उसके बाद मंगलवार 19 जुलाई को यह आदेश जारी कर दिया गया। अधिकारियों के मुताबिक महिला स्व-सहायता समूहों ने 7 जुलाई 2022 तक लगभग 17 लाख 64 हजार क्विंटल का कम्पोस्ट बेच दिया है। इसके एवज में इन महिला समूहों को 17 करोड़ 64 लाख रुपए का बोनस दिया जाएगा।
इस बिक्री के एवज में प्राथमिक सहकारी समितियों को एक करोड़ 76 लाख रुपए का बोनस प्रोत्साहन के रूप में दिया जाना है। बोनस की यह राशि गोधन न्याय योजना के बजट से दी जानी है। गोधन न्याय योजना के लिए वर्ष 2022-23 के बजट में 175 करोड़ रुपए की व्यवस्था है।
अब तक 76 लाख क्विंटल से अधिक गोबर खरीदी
गोधन न्याय योजना की शुरुआत 20 जुलाई 2020 से हुई थी। इस योजना में सरकार गौठानों के जरिए दो रुपए प्रति किलोग्राम की दर से गोबर खरीदती है। अब तक 76 लाख क्विंटल से अधिक की गोबर खरीदी की जा चुकी है।
महिला स्व-सहायता समूहों ने इस गोबर से अब तक इसमें 16 लाख 81 लाख क्विंटल से अधिक वर्मी कम्पोस्ट, 5 लाख 16 हजार क्विंटल से अधिक सुपर कम्पोस्ट तथा 18 हजार 924 क्विंटल सुपर प्लस कम्पोस्ट का उत्पादन किया है। इसमें से 17 लाख 64 हजार क्विंटल की बिक्री हो चुकी।
अभी तक 3.27 रुपए का लाभांश मिलता रहा
गोधन न्याय योजना के तहत महिला स्व-सहायता समूहों को वर्मी कम्पोस्ट के निर्माण के लिए 3 रुपए 27 पैसे प्रति किलो के मान से लाभांश दिया जाता रहा है। वहीं प्रति किलो पैकेजिंग पर 65 पैसे मिलते हैं।
अब एक रुपए का बोनस मिलने से महिला समूहों को अतिरिक्त लाभ होगा। कम्पोस्ट निर्माण का लाभांश, पैकेजिंग और बोनस राशि को मिलाकर प्रति किलो 4 रुपए 92 पैसे की राशि मिला करेगी। यह वर्मी कम्पोस्ट के विक्रय मूल्य के 50% के करीब है।