Narendra Modi Oath Ceremony: नरेंद्र मोदी रविवार (9 जून) को राजधानी दिल्ली में भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर तीसरी बार शपथ लेने वाले हैं. दो बार पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने वाली बीजेपी को इस बार सहयोगियों के जरिए सत्ता में लौटने का मौका मिला है. हालांकि, बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के नेता के तौर पर नरेंद्र मोदी को चुना गया है. ऐसे में वह आज राष्ट्रपति भवन में पीएम पद की शपथ लेने वाले हैं.
कई देशों के राष्ट्रध्यक्षों समेत विदेशी मेहमानों का तांता आज दिल्ली में लगने वाला है. शपथ ग्रहण को लेकर राजधानी को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. हालांकि, जहां एक ओर नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण को लेकर चर्चा हो रही है. वैसे ही पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को लेकर भी बात की जा रही है. इसकी वजह खुद नरेंद्र मोदी हैं, जिन्होंने प्रथम प्रधानमंत्री नेहरू के एक रिकॉर्ड की बराबरी की है.
जवाहरलाल नेहरू के किस रिकॉर्ड की बराबरी की
दरअसल, नरेंद्र मोदी प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के बाद लगातार तीसरी बार पीएम बनने वाले दूसरे नेता हैं. नेहरू ने 1952, 1957 और 1962 के आम चुनावों में जीत हासिल कर लगातार तीन बार प्रधानमंत्री बनने का कारनामा किया था. लगभग 6 दशक के बाद एक बार फिर से मोदी ने इस कारनामे को कर दिखाया है. वह ऐसा करने वाले पहले गैर कांग्रेसी नेता भी हैं. यहां गौर करने वाली बात ये है कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी अपनी राजनीति के चरम पर होने के बावजूद ऐसा नहीं कर पाई थीं.
इंदिरा जनवरी 1966 से मार्च 1977 तक वह भारत की प्रधानमंत्री रहीं. इसके बाद 14 जनवरी 1980 में वे फिर से प्रधानमंत्री बनीं. हालांकि, मोदी ने भले ही नेहरू के एक रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है, लेकिन वह एक अन्य रिकॉर्ड को तोड़ने में कामयाब नहीं हुए हैं. नेहरू ने 1962 में हुए अपने तीसरे चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल किया था. आम चुनाव 2024 में मोदी की बीजेपी ने 240 सीटें जीतीं हैं, जो बहुमत के आंकड़े यानी 272 सीटों से 32 कम थीं. इस वजह से वह अपने सहयोगियों के बूते सरकार बना रही है.
जवाहरलाल नेहरू का क्या रिकॉर्ड है?
जवाहरलाल नेहरू ने 1947 से 1964 तक 16 साल और 286 दिनों की अवधि तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में काम किया. 1951-52 के पहले आम चुनाव, फिर 1957 और 1962 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी को बहुमत मिला और नेहरू प्रधानमंत्री चुने गए. 1962 में भारत में 19 से 25 फरवरी के बीच आम चुनाव हुए.
अपने तीसरे चुनाव में, नेहरू के नेतृत्व वाली कांग्रेस ने 44.7 प्रतिशत वोट और 494 सीटों में से 361 सीटें हासिल करके बड़े बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की. 1962 में बहुमत के लिए 248 सीटों की जरूरत थी. हालांकि, मई 1964 में अपने तीसरे कार्यकाल के बीच में ही नेहरू का निधन हो गया.