नई दिल्लीः Roads were flooded कुशीनगर के खड्डा के रेट क्षेत्र के गांवों से बाढ़ का पानी तो निकल गया है, लेकिन सड़कों पर अभी भी सीने तक पानी भरा हुआ है। इस वजह से लोगों के आवागमन का मुख्य संसाधन नाव ही है। सोमवार को ऐसा नजारा दिखा कि हर किसी की निगाह उस तरफ ठहरी रह गई। शादी के लिए आए दूल्हे भी बारात लेकर नाव से पहुंचे और दुल्हन लेकर वापसी भी नाव से की। नाव में सवार लोग सहमे हुए थे कि कहीं इसका संतुलन न गड़बड़ा जाए। अन्यथा बड़ी मुसीबत में पड़ सकते हैं।
Roads were flooded बीते शुक्रवार की देर शाम गंडक नदी का डिस्चार्ज 3 लाख 42 हजार क्यूसेक होने से पानी रेता क्षेत्र के शिवपुर, मरिचहवा सहित अन्य निचले इलाकों के गांवों में पहुंच गया था। इससे निचले इलाकों के लोगों को रात जागकर गुजारनी पड़ी थी, लेकिन शनिवार को नदी का डिस्चार्ज घटकर 2 लाख 51 हजार क्यूसेक, रविवार को 1 लाख 50 हजार क्यूसेक तथा सोमवार को डिस्चार्ज घटकर 1 लाख 22 हजार क्यूसेक हो जाने से रेता क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली है।
फिर रेता क्षेत्र के मरिचहवा-बसंतपुर व सोहगीबरवा-नौरंगिया-बिहार मार्ग पर स्थित रोहुआ नाला पर सीने तक पानी होने से लोग छोटी नाव के सहारे एक-दूसरे गांव आ-जा रहे हैं। सबसे बड़ी दिक्कत शादी वाले घर के लोगों को उठानी पड़ रही है। क्योंकि कोई दूसरा सुगम रास्ता नहीं होने के चलते दूल्हा और बारातियों को नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। मरिचहवा निवासी योगिन्दर के पुत्र चंचल व सोहगीबरवा निवासी एक युवक को अपनी बारात नाव से लेकर जाना पड़ा। तो वहीं बीती रात हरनाटाड़ निवासी एक दूल्हा नाव से बारात लेकर रेता क्षेत्र के सोहगीबरवा गांव पहुंचा और सोमवार को विदाई के बाद दुल्हन भी दूल्हे के साथ नाव से अपने ससुराल गई। कुल मिलाकर रेतावासियों के दुःखों का कोई अंत नहीं है। वहीं नदी का डिस्चार्ज कम होने के बावजूद छितौनी बांध के भैंसहा गेज पर चेतावनी बिंदु 95 मीटर से 22 सेमी ऊपर बह रही है।
बाढ़ के बाद संक्रामक बीमारियों का डर
गंडक नदी में डिस्चार्ज कम होने के बाद बाढ़ का खतरा तो टल गया है, लेकिन बाढ़ प्रभावित गांवों के लोगों की परेशानी दूर नहीं हुई है। कीचड़ से सने घर-आंगन, दरवाजे और सड़कें संक्रामक बीमारियों को न्यौता दे रही हैं। क्योंकि सड़क और दुर्गंध से लोगों को अभी से दिक्कतें होने लगी हैं। इससे ग्रामीण सहमे हुए हैं। यह देख प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. पारसनाथ गुप्ता ने स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में भेजा। वहां स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कैम्प लगाकर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उनमें दवा का वितरण किया।