4 अगस्त से बाढ़ में फंसी मेडिकल टीम का रेस्क्यू,ग्रामीणों का
इलाज करने इंद्रावती नदी पार कर भैरमगढ़ में 9 लोगों की टीम
रायपुर। जून में कम और जुलाई में औसत के करीब बारिश के बाद मानसून अगस्त में ताबड़तोड़ बरसा है। 1 से 11 अगस्त के बीच इतनी बारिश हुई कि कई जिलों का सूखा खत्म हो गया और वहां बारिश औसत को पार कर गई है। लेकिन अब भी छत्तीसगढ़ में बारिश के वितरण की असमानता खत्म नहीं हुई है।
दक्षिण और मध्य छत्तीसगढ़ (बस्तर, रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर संभाग का बड़ा हिस्सा) बारिश से लबालब है और कई जगह बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है, लेकिन उत्तर छत्तीसगढ़ यानी सरगुजा संभाग के 6 जिलों में बारिश अब भी औसत की आधी से ही कुछ ज्यादा है। सरगुजा में तो वर्षा की मात्रा अब भी औसत से 63 प्रतिशत कम है।
छत्तीसगढ़ में इस माह अब तक 183 मिमी बारिश हो चुकी है, जो औसत से 29 फीसदी अधिक है। यह मानसून के कोटे की 65 प्रतिशत है, जबकि अगस्त के 20 अभी बाकी हैं। लेकिन बारिश का वितरण असमान है।
सिर्फ बलरामपुर और जशपुर में सुधरे हालात
अगस्त में प्रदेश के 12 जिलों में भारी बारिश हुई है। इनमें बीजापुर (औसत से 126% अधिक), बालोद, बलौदा बाजार-भाटापारा, बस्तर, दंतेवाड़ा, धमतरी, गरियाबंद, जांजगीर-चांपा, कबीरधाम, कांकेर, मुंगेली और राजनांदगांव शामिल हैं। इसके विपरीत, उत्तर छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में सबसे कम पानी बरसा है।
गुरुवार तक यहां 291.7 मिमी बरसात हुई। यह औसत से 63% फीसदी कम है। सूरजपुर, बलरामपुर, जशपुर, कोरिया और बिलासपुर संभाग के कोरबा जिले में भी बारिश सामान्य से कम है। पिछले 10 दिन की बारिश से केवल बलरामपुर और जशपुर जिले के हालात ही सुधरे हैं।
अगस्त की वर्षा से जून-जुलाई की कमी पूरी
शुरूआत कमी से : मौसम विभाग ने विश्लेषण के अनुसार जून में औसत से कम बारिश हुई। जुलाई में अच्छी बारिश से जून की कमी पूरी हुई। इन दो महीनों को मिलाकर वर्षा औसत हो गई। अगस्त की वर्षा ने रही-सही कसर पूरी कर दी। इससे रायपुर 11 प्रतिशत कमी के साथ सामान्य वर्षा की स्थिति में आ गया है। बेमेतरा मे?ं भी कमी घटी है।
यहां अब भी अच्छी बारिश की कमी बरकरार
कोरबा, कोरिया और सूरजपुर में कमी 50 फीसदी से कम है। थोड़ी चिंताजनक स्थिति सरगुजा, बलरामपुर और जशपुर में ही है। यहां बारिश की कमी 50 फीसदी से अधिक है। पिछले सप्ताह बारिश का केंद्र मुख्य तौर पर दक्षिण और मध्य छत्तीसगढ़ रहा। बस्तर, रायपुर और दुर्ग संभाग में पानी की जरूरत पूरी हो गई है।
यहां से सुधरा बारिश का औसत
पिछले तीन दिनों में बस्तर और रायपुर संभाग में जमकर बारिश हुई है। इससे पूरे प्रदेश का वर्षा का औसत सुधर गया है। छत्तीसगढ़ में 11 अगस्त तक 762.4 मिमी पानी बरस गया। एक जून से 11 अगस्त तक का औसत 709.5 मिमी है। यानी औसत से सात फीसदी अधिक बारिश हो गई।
इन जिलों में कम बारिश
सूरजपुर – 45%कम
सरगुजा – 61%कम
कोरिया – 46%कम
कोरबा – 30%कम
जशपुर – 56%कम
बेमेतरा – 21%कम
बलरामपुर – 46%कम
आज बारिश हल्की
मौसम विज्ञानियों के अनुसार प्रदेश में एक द्रोणिका, एक चक्रवात का असर है। इससे शुक्रवार को अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है।
आध्र-तेलंगाना से संपर्क फिर टूटा, नदियां उफान पर
लगातार भारी बारिश ने छत्तीसगढ़ के बड़े हिस्से खासकर बस्तर, रायपुर और दुर्ग संभाग में हालात बिगाड़ दिए हैं। इंद्रावती और शबरी के अलावा महानदी और शिवनाथ भी उफन रही है। इस वजह से अधिकांश ग्रामीण रास्ते बंद हो गए हैं। गुरुवार 11 अगस्त की रात छत्तीसगढ़-आंध्र प्रदेश-तेलंगाना रूट पर परवीरापुरम में पानी भर गया।
इससे तीनों राज्यों का संपर्क टूट गया है। गोदावरी की बाढ़ से शबरी में पानी बढ़ने लगा है। इससे कोंटा में फिर बाढ़ के हालात पैदा हो गए। जगदलपुर बीजापुर नेशनल हाईवे-163 तुमनार नदी के पुल से लगी सड़क टूटने के कारण तकरीबन एक दिन बंद रहने के बाद खोला जा सका। यहां भी गाड़ियां धीरे गुजारी जा रही हैं।
दुर्ग, राजनांदगांव और बेमेतरा जिलों में लगातार बारिश से शिवनाथ के अलावा सकरी और हाफ नदियां तथा लगभग सभी नाले उफान पर हैं। तेंदूभाटा गांव में 56 साल की सहोदरा बाई की बिजली गिरने से मौत हो गई है। राजनांदगांव में गुरुवार रात जिला अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर में वार्ड से लेकर ओटी तक पानी भर गया। इस वजह से मरीजों को ऊपरी मंजिलों में शिफ्ट करना पड़ा।