रायपुर। कबाड़ में पुस्तक बेचने के मामले की जांच शुरू हो गई है। जांच अधिकारी आईएएस रेणु गोनेल पिल्ले को बनाया गया है, जो आज मौके पर पहुंची हैं। सामान्य प्रशासन विभाग के आदेशानुसार जांच शुरू की गई।
कबाड़ में पुस्तक बेचने मामले में सात बिंदुओं में जांच की जाएगी। 15 दिन के भीतर जांच कर रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है।
इन बिंदुओं के आधार पर होगी जांच
क्या यह सही है कि राजधानी के समीप सिलयारी स्थित रियल बोर्ड पेपर मिल में वर्ष 2024-25 सत्र की पुस्तकें पाई गई। यदि हां, तो किताबें पेपर मिल में किन-किन कक्षाओं और विषयों की पुस्तकें, कितनी संख्या में, किस माध्यम से, कब और कैसे पहुंची।
क्या अन्य शैक्षणिक वर्षों की किताबें भी उक्त पेपर में पाई गई है। पेपर मिल के अलावा क्या अन्य किसी पेपर मिल इत्यादि में भी निगम की पुस्तकें पाई गई है। क्या पूर्व वर्षों में भी इसी प्रकार की घटना हुई है।
यदि अनियमितता हुई है तो उक्त घटना के लिए कौन-कौन अधिकारी, कर्मचारी जिम्मेदार है। यदि लापरवाही, अनियमितता हुई है तो इसकी पुनरावृत्ति रोकने के लिए क्या-क्या कदम उठाया जाना आवश्यक है।
बता दें कि राजधानी के सिलयारी स्थित रियल बोर्ड पेपर मिल के गोदाम में बीते रविवार पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने सरकारी स्कूली किताबों का जखीरा बरामद किया था। इन्हें छात्रों को बांटने की बजाए रद्दी में बेच दिया गया था। इस मामले में भ्रष्टाचार की आशंका जताए जाने के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने जांच दल का गठन किया था। जांच के बाद पाठ्यपुस्तक प्रभारी समेत 3 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है।
निलंबित किए गए कर्मचारियों में पाठ्यपुस्तक प्रभारी प्रमोद अमर बेल एक्का सहा. ग्रेड-2, सहयोगी अजीत गुप्ता भृत्य और जितेन्द्र साहू भृत्य कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी सूरजपुर शामिल हैं। यह कार्रवाई अनुविभागीय अधिकारी सूरजपुर की जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई है, जिसमें चोरी की पुष्टि हुई है और शिकायत सही पाई गई है। रिपोर्ट आने के बाद पुलिस थाने में इनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने की योजना बनाई गई है। सूरजपुर जिला शिक्षा अधिकारी ने लोक शिक्षण संचालक को इस मामले का प्रतिवेदन भी भेजा है।