तोमर ने ‘काजरी’ जोधपुर में किया चार नई सुविधाओं का उद्घाटन,कहा-कृषि में लागत कम होने से बढ़ रही आमदनी
नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर Union Agriculture and Farmers Welfare Minister Narendra Singh Tomar ने रविवार 28 अगस्त को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) Indian Council of Agricultural Research (ICAR) के अंतर्गत, 60 वर्षों से ज्यादा समय से उत्कृष्ट सेवाएं दे रहे केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरी), Central Arid Zone Research Institute (CAZRI) में एक साथ 4 नई सुविधाओं का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी, Union Minister of Jal Shakti Gajendra Singh Shekhawat and Union Minister of State for Agriculture and Farmers Welfare Kailash Chaudhary विशेष अतिथि थे।
मुख्य अतिथि केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने अपने सम्बोधन में कहा कि ये बड़े सौभाग्य की बात है कि जोधपुर में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् का एक उत्कृष्ट संस्थान ‘काजरी’ पिछले 60 से अधिक वर्षो से शुष्क क्षेत्र के किसानों के लिए खेती में नये-नये नवाचार एवं शोध का कार्य कर रहा हैं। जो हमारे रेगिस्तानी क्षेत्रों के साथ-साथ पूरे विश्व के लिए एक उदाहरण है।
उन्होने ‘काजरी’ द्वारा किये गये अनुसंधान कार्यो की वजह से टिब्बा स्थिरीकरण, स्प्रिंकर और ड्रीप सिंचाई, प्रणाली से तथा फसलों घासों व फलो की नयी किस्मों से कृषि में लागत कम होने से किसानों की आमदनी बढ़ रही हैं। ‘काजरी’ द्वारा सौर उर्जा, खेती की लागत में कमी करने, पशुधन प्रबंधन जैसे कार्य भी शुष्क क्षेत्र के किसानों की लिए लाभदायक होंगें। ‘काजरी’ के द्वारा समय-समय पर विकसित की जा रही नई तकनिकियों एवं शोध उपलब्धियों के कारण ही पिछले केवल छः वर्षों में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के 10 राष्ट्रीय पुरस्कारों में से 8 पुरस्कार ‘काजरी’ को मिले।
तोमर ने ‘काजरी’ में बने नये सभागार, कृषि-व्यवसाय अभिपोषण केन्द्र, पर्यावरण अनुकूल अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र तथा इन्डोर खेल हॉल का उद्घाटन भी किया। तोमर ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, Prime Minister Narendra Modi के नेतृत्व में विश्व में भारत हर कृषि उत्पाद में नंबर वन पर होगा। अभी अधिकांश कृषि उत्पादों के मामले में भारत दुनिया में पहले या दूसरे स्थान पर है।
तोमर ने कहा कि भारतीय कृषि की अर्थव्यवस्था मजबूत है, जो इसी तरह बनी रही तो भारत बड़े से बड़े संकट से निपटने में पूरी तरह सक्षम होगी। तोमर ने कहा कि वर्ष 2014 से पहले गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में और इसके बाद से प्रधानमंत्री के तौर पर मोदी लगातार गांव-गरीब-किसानों को प्राथमिकता पर रखकर विचार करते हैं।
उन्होने कहा कि मोदी के नेतृत्व में 8 वर्षों में कृषि के क्षेत्र को सुधारने और किसानों को आय सहायता व तकनीक का समर्थन देने के लिए अनेक योजनाओं का सृजन हुआ है। देश के 86 प्रतिशत छोटे किसानों को एफपीओ के माध्यम से स्वयं को संगठित करके , अपने उत्पादों की प्रोसेसिंग करने के साथ ही वाजिब दाम प्राप्त कर रहे है। कृषि क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए एक लाख करोड़ रुपये के फंड को मोदी ने स्थापित किया है, जिसमें से 14 हजार करोड़ रु. के प्रोजेक्ट स्वीकृत भी हो गए हैं।
तोमर ने कृषि क्षेत्र की प्रगति में वैज्ञानिकों के योगदान को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि वे बड़े लक्ष्य को लेकर उत्पादकता बढ़ाने पर ध्यान दें। उन्होंने रोपण सामग्री की उपलब्धता बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि ‘काजरी’ इस मामले में आगे बढ़े, केंद्र सरकार इसमें अपने स्तर पर पूरा सहयोग करेगी। तोमर ने अनेक उपलब्धियों को लेकर ‘काजरी’ की सराहना की। ‘काजरी’ ने शुष्क क्षेत्र में कृषि विकास के लिए अनगिनत अनुसंधान कर प्रौद्योगिकियां विकसित की हैं, जो हमारे रेगिस्तानी क्षेत्रों के साथ-साथ पूरे विश्व के लिए भी उदाहरण हैं। ‘काजरी’ ने शुष्क-कृषि के विकास के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपनाया है।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री शेखावत ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत का मान-सम्मान सारी दुनिया में बढ़ा है, आज कोई भी प्लेटफार्म किसी भी मुद्दे पर भारत की उपेक्षा नहीं कर सकता है। शेखावत ने कहा कि किसानों के परिश्रम, कृषि वैज्ञानिकों के योगदान व सरकार की नीतियों से आज हम खाद्यान्न की प्रचुरता के साथ-साथ निर्यातक देश के रूप में पहचान बना चुके है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि क्षेत्र की तरफ देखने के नजरिए को बदला व इसे लाभकारी बनाने के लिए कदम उठाए हैं। कृषि क्षेत्र में, किसानों की खुशहाली के लिए अनेक प्रयास किए गए हैं, जिनका सद्परिणाम नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि दुनियाभर की आवश्यकता के लिए हमारे किसान किस तरह काम करें, हम किस तरह से इसके लिए किसानों को सक्षम बनाएं, इस दृष्टिकोण से काम करने का समय आ गया है। आज खाद्य पदार्थों का आंकलन वजन की बजाय पोषण के आधार पर हो रहा है, हम असीम संभावनाओं के द्वार पर खड़े हैं। उन्होंने जोधपुर में रोपण सामग्री को लेकर काम करने की बात कही।
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री चौधरी ने कहा कि किसानों के लिए ‘काजरी’ का बहुत योगदान रहा है। एक समय यह पूरा क्षेत्र रेगिस्तान था। पानी की समस्या थी, किसान बेहाल थे, ऐसे में ‘काजरी’ ने नई तकनीक किसानों तक पहुंचाई, आज यहां खजूर, अनार, अंजीर की खेती हो रही है व ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू होने वाली है। आने वाले दिनों में यहां का बाजरा दुनियाभर में स्थान पाएगा। काफी समय से मांग की जा रही थी कि राजस्थान में बाजरे का अनुसंधान हो, अब बाड़मेर में केंद्र की ओर से बाजरा अनुसंधान केंद्र खुलने जा रहा है।
‘डेयर’ के सचिव व आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक व काजरी के निदेशक डॉ. ओपी यादव, Dr. Himanshu Pathak Secretary DARE and Director General of ICAR and Director of CAZRI Dr. O.P. Yadav ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में तोमर द्वारा प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर ‘काजरी’ के अधिकारी-वैज्ञानिक सहित अन्य गणमान्यजन मौजूद थे।