भूपेश ने उद्घाटन के बाद कहा- ये दिन इतिहास में
दर्ज, यहां के विधायकों की जिद से ये हुआ साकार
मनेंद्रगढ़। छत्तीसगढ़ का राजनीतिक-प्रशासनिक मानचित्र पूरी तरह बदल गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के हाथों शुक्रवार 9 सितंबर को दो नवगठित जिलों का औपचारिक उद्घाटन हुआ। सुबह उन्होंने यहां प्रदेश के 32वें जिले मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर,Manendragarh-Chirmiri-Bharatpur का उद्घाटन किया। उन्होंने कलेक्ट्रेट भवन में कई विकास कार्यों का शिलान्यास-लोकार्पण भी किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने जनसभा को संबोधित किया और इस जिले के बनने की और उद्घाटन की तारीख तय करने की कहानी बताई।
इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, कोरिया जिले के प्रभारी मंत्री ताम्रध्वज साहू, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया और कोरबा की सांसद ज्योत्सना महंत एवं कोरिया जिले के तीनों विधायक भी उपस्थित थे। जिले के पहले कलेक्टर पी.एस. ध्रुव एवं एसपी टीआर कोशिमा ने कार्यभार संभाला।
रोड शो में मुख्यमंत्री को धन्यवाद देने जुटी भीड़
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कलेक्ट्रेट के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मनेंंद्रगढ़ में रोड शो पर निकले। इस दौरान उनका जगह-जगह पर स्वागत किया किया गया। उन्हें वन औषधियों और छत्तीसगढ़ी व्यंजनों से तौला गया। सड़क के दोनों ओर नये जिले के निर्माण के लिए धन्यवाद देने भीड़ खड़ी थी। सीएम पर फूलों की वर्षा भी की गई।
चेंबर ऑफ कॉमर्स ने मुख्यमंत्री को चांदी का मुकुट पहनाया और तलवार देकर सम्मानित किया। रोड शो के बाद सीएम भूपेश यहां आयोजित जनसभा में पहुंचे। यहां भी इनका पूरे जोश से स्वागत किया गया। इन जिलाें के गठन की अधिसूचना गुरुवार को ही जारी कर दी गई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 15 अगस्त 2021 को इन दोनों जिलों के गठन की घोषणा की थी।
मुख्यमंत्री ने कहा- हमने छह नये जिले बनाए
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जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने पहले माफी मांगी कि वो भारत जोड़ो आंदोलन में 13 किलोमीटर पैदल चल कर आए हैं, इसलिए रोड शो के दौरान जो स्वागत मंच बने थे उस तक गाड़ी से उतर कर नहीं पहुंच सके। उन्होंने कहा कि वो यहां इतना आत्मीय स्वागत देखकर अभिभूत हैं। लोगों को प्रशासनिक कार्यों के लिए दूर नहीं जाना पड़े इसके लिए हमने छह नये जिले बनाए।
इससे पहले सभा को संबोधित करते हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डाक्टर चरणदास महंत ने कहा वो सबसे खुशकिस्मत हैं कि उन्हें मुख्यमंत्री ने तीन-तीन जिले दिए, सक्ती, कोरिया और मरवाही उनके संसदीय क्षेत्र में आते हैं। इसके लिए उन्हें बहुत धन्यवाद, बहुत आशीर्वाद। डाक्टर महंत ने कहा कि मुख्यमंत्री का सपना है गढ़बो नया छत्तीसगढ़, इसके लिए यहां उपस्थित सभी लोग उनका साथ दें। सभा को गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, सांसद ज्योत्सना महंत और अन्य विधायकों ने भी संबोधित किया।
मुख्यमंत्री 9 सितम्बर को सवेरे 10.30 बजे बिलासपुर के सकरी स्थित जैन इंटरनेशनल स्कूल से हेलीकाप्टर में मनेंद्रगढ़ के लिए रवाना हुए। मुख्यमंत्री वहां प्रदेश के नवगठित 32वें जिले मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक कार्यालय का उद्घाटन किया। अनेक विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमि पूजन भी किया। इसके बाद रोड शो और आम सभा हुई।
सक्ती में उद्घाटन समारोह, एसपी ने सम्हाला पदभार
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दोपहर बाद 2.40 बजे से 4.40 बजे तक सक्ती में आयोजित कार्यक्रमों में भाग लिया। यहां पहले स्टेडियम से पुलिस अधीक्षक कार्यालय तक रोड शो हुआ। वहां पुलिस अधीक्षक कार्यालय का उद्घाटन किया। उसके बाद मुख्यमंत्री बड़ादेव स्थापना और महापूजन कार्यक्रम में भाग लिया। उसके बाद सक्ती के कलेक्टर कार्यालय का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने एक जनसभा को संबोधित कर योजनाओं का लोकार्पण और भूमि पूजन किया।
मनेंद्रगढ़ में 200 करोड़ से अधिक के काम
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अधिकारियों ने बताया, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर के लिए 200 करोड़ 73 लाख रुपए की राशि के 15 कार्यों का भूमि पूजन एवं लोकार्पण किया। जिसमें 187 करोड़ 04 लाख 66 हजार के नौ कार्यों का भूमि पूजन किया। वहीं 13 करोड़ 68 लाख 57 हजार के छह कार्यों का लोकार्पण किया। इस दौरान विभिन्न विभागों से संबंधित योजनाओं से लोगों को सामग्री आदि का वितरण भी किया गया।
सक्ती के लिए 153 करोड़ रुपए का काम
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार की शाम सक्ती के शासकीय क्रान्ति कुमार भारतीय महाविद्यालय परिसर में जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान 153 करोड़ 6 लाख रुपए के 309 विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमि पूजन किया। इसमें 85 करोड़ 20 लाख रुपए की लागत के 296 कार्यों का भूमिपूजन किया। वहीं 67 करोड़ 85 लाख 99 हजार रुपए की लागत के 13 कार्यों का लोकार्पण किया।
सक्ती पहले से शिक्षा जिला था, अब प्रशासनिक मुख्यालय भी
जांजगीर-चांपा का सक्ती शिक्षा विभाग के लिए पहले से ही जिला था। अब यह प्रशासनिक जिला भी बन गया है। नए जिले में उपखंड सक्ती की तहसील सक्ती, मालखरौदा, जैजैपुर और उपखंड डभरा की तहसील डभरा सहित कुल 5 तहसीलें शामिल होंगी।
इसके उत्तर में कोरबा जिले की करतला तहसील, दक्षिण में सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले का सारंगढ़, पूर्व में रायगढ़ जिले का खरसिया और पश्चिम में जांजगीर-चांपा जिले के सारागांव, बम्हनीडीह तहसील आएगी। जिले का कुल क्षेत्रफल एक लाख 51 हजार 976 वर्ग किलोमीटर है। 2011 जनगणना के अनुसार जिले की आबादी 6 लाख 47 हजार254 है। इसमें कुल गांवों की संख्या 465 है।
पहाड़ो, नदियों और कोयले के भंडार वाला मनेंद्रगढ़
मनेंद्रगढ़: यह क्षेत्र छत्तीसगढ़ में 20वीं शताब्दी के प्रारंभ में खदानों से कोयला खनन शुरू होने और रेलवे लाईन के विकास का भी साक्षी रहा है। इस नए जिले का मुख्यालय बने मनेंद्रगढ़ को वर्ष 1930 में नियोजित शहर के रूप में बसाया गया था।
उस जमाने में यह इस भौगोलिक-सांस्कृतिक क्षेत्र का पहला नियोजित शहर था। यह क्षेत्र छत्तीसगढ़ और देश की औद्योगिक प्रगति का शुरू से ही आधार रहा है। नया जिला बनने के साथ इस क्षेत्र की वर्षो पुरानी मांग पूरी हो रही है।
सक्ती की रियासतकालीन पहचान अब प्रशासनिक केंद्र में बदल गई है।
मनेंद्रगढ़ के रमाशंकर गुप्ता का संकल्प पूरा, 20 साल बाद कटवाई दाढ़ी
नवगठित मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिला बनने के साथ ही मनेंद्रगढ़ के रहने वाले रमाशंकर गुप्ता का भी संकल्प पूरा हो गया है। जिसके बाद उन्होंने 20 साल के बाद अपनी दाढ़ी कटवा ली है। उन्होंने नया जिला बनाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार जताया है। नए जिले मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर को कोरिया जिले से अलग कर बनाया गया है।
रमाशंकर गुप्ता ने कहा कि हम अपने हक के लिए इतने सालों से लड़ रहे थे। जैसे ही 15 अगस्त 2021 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नए जिले मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर की घोषणा की, हमने सबसे पहले जाकर दाढ़ी कटवाई। उन्होंने भावुक होकर गाने की दो पंक्तियां कहीं-‘मुझे खुशी मिली इतनी कि मन में न समाय, पलक बंद कर लूं कहीं छलक ही न जाए’।
सक्ती के नामकरण के पीछे छिपा है इतिहास
स्थानीय किवदंती है कि सक्ती का इलाका कभी सम्बलपुर राजघराने के अधीन था। यहां के गोंड राजाओं ने दशहरे के दिन लकड़ी की तलवार से भैंसों की बलि देकर शक्ति प्रदर्शन किया। इससे प्रसन्न होकर संबलपुर के राजा ने इसे स्वतंत्र रियासत का दर्जा दे दिया। यह की भूमि शक्ति से ओतप्रोत है।
इसी वजह से इसे बाद में “सक्ती’ कहा जाने लगा। सक्ती रियासत छत्तीसगढ़ के प्रमुख गढ़ में से एक है। मध्यप्रदेश के जमाने में यह सबसे छोटी रियासत थी। अब राज्य गठन के 22 साल बाद इसे जिले के तौर पर नई पहचान मिल रहा है।
छत्तीसगढ़ में 22 साल में 17 नए जिले
छत्तीसगढ़ गठन के समय साल 2000 में 16 जिले थे, जबकि अब इनकी संख्या बढ़कर 33 होने वाली है। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर का उद्घाटन कर दिया है। इसके बाद सक्ती भी नया जिला बनेगा। साल 2007 में दंतेवाड़ा से अलग कर बीजापुर और बस्तर से अलग कर नारायणपुर को जिला बनाया गया।
जनवरी 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह ने 9 नए जिले बनाए। इनमें सुकमा, कोंडागांव, बालोद, बेमेतरा, बलौदाबाजार-भाटापारा, गरियाबंद, मुंगेली, सूरजपुर व बलरामपुर शामिल हैं। फरवरी 2020 में बिलासपुर से अलग कर गोरेला-पेंड्रा-मरवाही जिला बना।अप्रैल 2022 में खैरागढ़-छुईखदान-गड़ई को जिला बनाने की घोषणा हुई। फिर 3 सितंबर को उसके साथ ही और सारंगढ़-बिलाइगढ़ अस्तित्व में आए हैं।