सरकारी स्मार्ट लैब से होगा 14 शहरों के लोगों को
लाभ, नहीं लगाना होगा निजी सेंटरों का चक्कर
रायपुर। प्रदेश का नगरीय प्रशासन विभाग जेनरिक दवा स्टोर और मोबाइल अस्पताल के बाद अब 14 प्रमुख शहरों में इसी साल सरकारी तौर पर ऐसे लैब शुरू करने जा रहा है, जहां आम लोगों के लिए पैथालाॅजी (ब्लड-यूरीन आदि) तथा रेडियोलाॅजी (एक्सरे, सीटी, एमआरआई) pathology-radiology investigation जांच आधे या उससे भी कम रेट पर हो जाएगी।
अर्थात, यह जांच अगर 100 रुपए में हो रही हैं, तो इन स्मार्ट लैब में 50 रुपए या उससे भी कम में होंगी। रायपुर में स्मार्ट लैब तैयार हो गई है, जिसे अक्टूबर में शुरू किया जा रहा है। बाकी शहरों में इस साल के अंत तक ऐसे लैब शुरू करने की तैयारी है। इस योजना का फायदा 14 शहरों के 59 लाख से अधिक लोगों को मिलेगा।
सरकार ने कोरोनाकाल से पहले स्मार्ट पैथालाजी रेडियोलाजी डायग्नोस्टिक सेंटर Smart Pathology Radiology Diagnostic Center बनाने की योजना तैयार की थी। इसे पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर चलाना था, लेकिन इसके लिए कोरोना काल में कोई प्राइवेट फर्म तैयार नहीं हुई। इस वजह से योजना की शर्तों में कुछ बदलाव करके लांच किया गया।
पहले शर्त यह थी कि ठेका लेने वाली फर्म को एक साथ पैथालाजी, सीटी स्कैन, सोनोग्राफी, एक्सरे, एमआरआई जांच के उपकरण इंस्टाल कर लैब शुरू करनी होगी।
अब रियायत यह दी गई है कि बेसिक उपकरणों के साथ लैब शुरू करके बाकी सेट-अप चार माह के अंदर लगा सकते हैं। ऐसी लैब चलाने के लिए निजी एजेंसी के साथ पांच साल का एग्रीमेंट किया जाएगा।
लैब इन शहरों में
रायपुर, बीरगांव, धमतरी, दुर्ग, राजनांदगांव, भिलाई, रिसाली, चरौदा, जगदलपुर, बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़, अंबिकापुर और चिरमिरी।
अगले चरण में छोटे शहर, फिर कस्बों की बारी
नगरीय प्रशासन ने जिस तर्ज पर हाल ही में मोबाइल यूनिट का दायरा बढ़ाते हुए इससे प्रदेश के छोटे शहरों और कस्बों को जोड़ा है। उसी तरह स्मार्ट लैब योजना के 14 शहरों में सफल होने पर इसका दायरा छोटे कस्बों और शहरों में बढ़ाया जाएगा। यानी 14 शहरों के बाद ऐसे लैब दूसरे चरण में प्रदेश की 43 नगरपालिकाओं और इसके बाद 113 नगर पंचायतों में खोलने की योजना है।
वहां भी पैथालाजी-रेडियोलाजी जांच के लिए मार्केट रेट से 50 फीसदी और इससे कम दरों पर इन लेबोरेटरीज में टेस्ट होंगे। मिली जानकारी के मुताबिक 14 शहरों में लैब के संचालन के लिए जल्द ही टेंडर प्रक्रिया शुरु कर दी जाएगी। अक्टूबर के शुरुआती हफ्ते में रायपुर से इसकी शुरुआत की जाएगी।
पुराने कांजी हाउस परिसर में रायपुर की लैब तैयार, कोरोनाकाल में बनी
निगम मुख्यालय से लगे पुराने कांजीहाउस परिसर में 3 हजार वर्गफीट में प्रदेश की पहली स्मार्ट लैब का सेटअप बनकर तैयार हो गया है।
स्मार्ट सिटी ने ये पूरा सेटअप कोरोना काल के दौरान बनाया है। इसमें पैथालाजी और रेडियोलाजी जांच के लिए अलग-अलग केबिन हैं। इनमें पैथालाजी लैब के साथ, सीटी स्कैन, सोनोग्राफी, एक्सरे, एमआरआई मशीनों के लिए पांच अलग सेक्शन बनाए गए हैं।
इसमें पहले फ्लोर में जांच करवाने वाले मरीजों के लिए वेटिंग रूम और रिसेस्प्शन बनाया गया है। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद जिस निजी एजेंसी को वर्क आर्डर दिया जाएगा। वही यहां चरणबद्ध तरीके से मशीनों को लगाकर लैब की शुरुआत करेगी।
इन जांचों से शुरुआत
शहरी स्वास्थ्य योजना के तहत थायराइड, बीपी, एनीमिया, डायबिटीज, इको, ईसीजी, सीबीसी, लीवर फंक्शन टेस्ट, किडनी फंक्शन टेस्ट, शुगर, हीमोग्लोबिन, सीबीसी कंपलीट ब्लड काउंट, लिपिड प्रोफाइल, इलेक्ट्रोलाइट्स प्रोफाइल समेत डेंगू, मलेरिया, स्वाइन फ्लू, टीबी, पीलिया जैसी बीमारियों की जांच। इसके अलावा एक्सरे, सीटी स्कैन, एमआरआई जैसी जांचें भी।
शहर में हेल्थ सिस्टम को अपग्रेड कर रहे
मोबाइल यूनिट अस्पताल और जेनेरिक मेडिकल स्टोर्स के बाद शहरों में हम हेल्थ सिस्टम को अपग्रेड कर रहे हैं। रायपुर समेत 14 शहरों की स्मार्ट लैब इसी कड़ी में हैं। इस योजना का विस्तार भी करेंगे।
-शिवकुमार डहरिया, मंत्री-नगरीय प्रशासन