मुख्यमंत्री ने किया भव्य कला केंद्र का शुभारंभ,विद्यार्थियों एवं युवाओं की प्रतिभा को पंख देने मिली दिशा
ताराशंकर सिन्हा/सहा.जनसंपर्क अधिकारी
बालोद। विद्यार्थियों एवं युवाओं की प्रतिभा को पंख देने मिली दिशाजिन विधाओं को सीखने और उनमें पारंगत होने के लिए नगर के युवाओं को बड़े शहरों की ओर रुख करना पड़ता था, अब वे सारी सुविधाएं स्थानीय स्तर पर सुलभ होगी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज बालोद नगर के हृदय स्थल पर स्थित कला केंद्र का शुभांरभ किया और यहां विद्यार्थियों तथा युवाओं के साथ कुछ पल बिताया भी।
मुख्यमंत्री ने किया भव्य कला केंद्र का शुभारंभ, जिससे कला केन्द्र जैसी बहु उद्देशीय संस्था की यहां बहुत पहले की मांग थी, जो आज साकार हुई।
जिला प्रशासन ने युवाओं की मांग को दृष्टिगत करते हुए जिला खनिज न्यास निधि मद से 45 लाख 93 हजार रूपए की लागत से कला केन्द्र की कार्ययोजना बनाई और इसे अमलीजामा पहनाते हुए इसका निर्माण किया गया।
नगर के तहसील चौक पर इसकी स्थापना की गई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार 21 सितंबर को भवन का शुभारम्भ किया तथा जिलावासियों को बधाई देते हुए उम्मीद जताई कि यहां के युवक-युवतियों और विद्यार्थियों को अपना भविष्य गढ़ने में बेहतर दिशा और प्लेटफॉर्म मिलेगा।
कला केन्द्र के समन्वयक ने बताया कि वर्तमान परिवेश में रोजगार एवं व्यक्तित्व विकास वाली विभिन्न विधाओं पर आधारित पाठ्यक्रम संचालित किए जाएंगे।
स्थानीय लोक संस्कृति एवं परम्पराओं
को पुनर्जीवित करने का प्रयास
छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूल के बच्चे अब अंग्रेजी में बात करते हैं।
यह छत्तीसगढ़ में एक ऐसी शिक्षा क्रांति है, जो अकल्पनीय थी।
आज मुख्यमंत्री @bhupeshbaghel के साथ अंग्रेजी में संवाद करता हुआ स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल का छात्र।
(स्थान: गुरूर- संजारी बालोद) pic.twitter.com/EolRHiNR8M
— Bhupesh Online (@BhupeshOnline) September 20, 2022
यहां संगीत सिखाया जाएगा। इसके अलावा बच्चों में गैर शैक्षणिक एवं व्यवसायोन्मुखी प्रतिभाओं को उभारने के उद्देश्य से पाठ्यक्रम संचालित होंगे।
इस संबंध में बताया कि यहां स्थानीय लोक संस्कृति एवं परम्पराओं को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से प्रशिक्षुओं को लोक संगीत सिखाया जाएगा।
इसके अलावा बच्चों में गैर शैक्षणिक एवं व्यवसायोन्मुखी प्रतिभाओं को उभारने के उद्देश्य से व्यावसायिक पाठ्यक्रम के तौर पर मेहंदी, ड्राइंग, क्ले आर्ट एवं पेंटिंग की कक्षाएं संचालित की जाएंगी।
व्यक्तित्व विकास के लिए सिखाएंगे अंग्रेजी
सोशल मीडिया पर कई लोगों ने पूछा था कि हमने राज्य के स्कूलों में सप्ताह में एक दिन छत्तीसगढ़ी और आदिवासी बोलियों की क्लास का निर्णय क्यों लिया?
साथ ही कई लोगों का सवाल था कि स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूलों में संस्कृत विषय की पढ़ाई का निर्णय क्यों लिया गया?
आपके प्रश्न का जवाब.. pic.twitter.com/iku3jfKfcP
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) September 21, 2022
इसी तरह व्यक्तित्व विकास पाठ्यक्रम के तहत बोलचाल में अंग्रेजी को शामिल करने के लिए स्पोकन इंग्लिश की शिक्षा दी जाएगी।
साथ ही गिटार वादन, सेहत के लिए जुम्बा क्लासेस, सभी प्रकार के योगा, पाककला के लिए कुकिंग क्लासेस, संगीत में रूचि रखने वाले युवाओं के लिए ड्रम बीटिंग, गिटार एंड की बोर्ड क्लासेस एवं मिक्सिंग स्टूूडियो, भारतीय नृत्य विधाएं जैसे भरत नाट्यम, पाश्चात्य नृत्य में सालसा, हिपहॉप एवं बॉलीवुड डांस शैली का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इसके अलावा व्यक्तित्व विकास की कक्षाएं भी संचालित की जाएंगी। बताया गया है कि लोगों की मांग पर अन्य पाठ्यक्रमों को भी सम्मिलित किया जाएगा।
इस प्रकार समन्वित विधाओं का समेकित रूप होगा कला केंद्र, जहां पर युवावर्ग अपने भीतर छिपी प्रतिभाओं को फर्श से अर्श तक पहुंचाने के लिए सही दिशा दे सकेंगे।