छत्तीसगढ़, हरियाणा और बिहार की सरकार
कर रही इस्तेमाल, यूरोप में भी पूछ-परख
शिक्षा इंसान के लिए बेहद जरूरी है लेकिन ऐसा भी नहीं कि केवल डिग्रियां प्राप्त लोग ही कुछ बढ़िया कर सकते हैं। इंसान के अंदर अगर कुछ बड़ा करने की ललक हो तो वह किसी भी हालात में अपने लक्ष्य को पा सकता है। आज हम जिस शख्स की बात करने जा रहे हैं, उन्होंने केवल 12वीं क्लास तक पढ़ाई की लेकिन उन्होंने अपने दिमाग से जो सफलता हासिल की है उसके चर्चे आज देश-विदेश में हो रहे हैं।
बिहार के 12वीं पास लड़के का कमाल
हम यहां बात कर रहे हैं बिहार के मधुबनी के रहने वाले देवेश झा की, जिन्होंने पढ़ाई तो केवल 12वीं तक की लेकिन अपने हुनर की बदौलत एक ऐसा ड्रोन तैयार किया है है जिसने सबको हैरान कर दिया है। 5 साल की कड़ी मेहनत के बाद देवेश को ये बड़ी सफलता मिली है।
साल 2017 में देवेश ने 10 लाख की लागत से डेबेस्ट नाम से एक स्टार्टअप की शुरूआत की थी। उनकी कामयाबी का अंदाजा आप इस बात से लगा लीजिए कि पिछले साल उनकी कंपनी ने 4 करोड़ का टर्नओवर किया। देवेश के अनुसार कंपनी के पास फिलहाल 40 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट है।
बचपन से करना चाहते थे कुछ बड़ा
इस बिजनेस की सोच देवेश के मन में 2009 में आई। वह बताते हैं कि जब वह 11वीं क्लास में थे तब पटना जाते वक्त उनका एक्सीडेंट हुआ था। दुर्घटनाग्रस्त होने की बावजूद उन्हें कई घंटों के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यही वो समय था जब देवेश को लगा कि अगर उन्होंने भी कुछ बड़ा किया होता और उनका बड़ा नाम होता तो उन्हें इतना इंतजार नहीं करना पड़ता।
बचपन से ही कुछ नया करने की सोच रखने वाले देवेश 12वीं की पढ़ाई के बाद 2010 में दिल्ली आ गए। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन भी लिया लेकिन एक-दो महीने बाद ही कॉलेज छोड़ दिया। उन्होंने कॉलेज तो छोड़ दिया लेकिन उनकी पढ़ाई दूसरे ढंग से जारी रही। वे नई-नई किताबों और रिसर्च की स्टडी करने लगें। देवेश के अनुसार उन्होंने कई संस्थानों के साथ जुड़कर डेटा साइंस पर काम किया और आईआईटी कानपुर और आईआईटी खड़गपुर के साथ मिलकर अपने स्टार्टअप पर वर्क करने लगे।
किसानों के हित की सोच
टेक्नोलॉजी सेक्टर में क्रांति लाने की सोच रखने वाले देवेश ने बिहार सरकार के साथ मिलकर ड्रोन की मदद से सर्वेक्षण, फसल क्षति का आंकलन करने जैसा काम करना भी शुरू किया। अब देवेश की कंपनी ऐसे ड्रोन का निर्माण कर रही है जो किसानों के सैकड़ों एकड़ की फसलों को कुछ घंटों में आसानी से स्प्रे करता है।
देवेश का कहना है कि किसानों को अपनी फसलों पर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करने में कई घंटे लग जाते हैं। इसके बाद इन कीटनाशकों का सीधा असर किसानों की सेहत पर पड़ता है। वहीं देवेश का ड्रोन इस काम को आसानी से कुछ ही घंटों में निपटा देता है। इस ड्रोन से 30 हजार एकड़ से अधिक की फसलों का छिड़काव किया जा चुका है।
देवेश अपनी टीम के साथ अपने बनाए किसान स्टेशन से किसानों की फसलों संबंधी समस्याओं का समाधान करते हैं। देवेश के ड्रोन का उपयोग अब बिहार सरकार के अलावा हरियाणा सरकार, छत्तीसगढ़ सरकार समेत कई राज्य सरकारें कर रही हैं। इसके साथ ही यूरोप के कई देशों में भी इनके ड्रोन प्रोजेक्ट की पूछ परख हो रही है।