अनूठी खगोलीय घटना होती है हर साल
आज यानी 21 दिसंबर को साल का सबसे छोटा दिन होता है. वैसे जरूरी नहीं कि ये हर साल 21 दिसंबर को ही हो. कभी-कभार ये एक दो दिन आगे पीछे हो सकता है. मसलन पिछले साल ये दिन 22 दिसंबर को था. गणना के हिसाब से इस साल भी जब हम रात को सोएंगे तो रात 03.17 बजे ‘सॉल्सिटिस डे’ दबे पांव प्रवेश करेगा. इस सबसे छोटे दिन को विंटर सॉल्सटिस (Winter solstice) कहते हैं.
सबसे पहले तो समझते हैं कि सॉल्सटिस क्या है. ये एक लैटिन शब्द है, जिसका अर्थ है सूरज का स्थिर हो जाना. धरती अपने अक्ष पर घूमते हुए सूरज की ओर दिशा बदलती है. ऐसे में धरती का जो हिस्सा सूरज के संपर्क में आता है, उसे सॉल्सटिस शब्द से जोड़ दिया जाता है.
उत्तरी गोलार्ध में सबसे छोटा दिन
उत्तरी गोलार्ध में आज का दिन सबसे छोटा है. इसका मतलब ये है कि इस दिन धरती के इस हिस्से में सूरज सबसे कम देर के लिए रहेगा. वहीं दक्षिणी गोलार्ध में आज ही सूरज सबसे ज्यादा देर तक रहेगा और इस तरह से इस हिस्से में आने वाले देश आज के दिन सबसे बड़ा दिन देखेंगे. जैसे अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका में आज से गर्मी की शुरुआत हो रही है.
दुनिया के एक हिस्से में सबसे लंबा दिन तो एक हिस्से में सबसे छोटा
इससे ये समझ आता है कि आज का दिन दुनिया के दो हिस्सों में दो अलग-अलग तरीकों से दिख रहा है, सबसे छोटा और सबसे लंबा. दिन के छोटे या बड़े होने का कारण है धरती की पॉजिशन. हमारा ग्रह भी दूसरे सारे ग्रहों की तरह अपनी धुरी पर लगभग 23.5 डिग्री पर झुका हुआ है.
इस तरह झुके होकर अपनी धुरी पर चक्कर लगाने के कारण होता ये है कि सूरज की किरणें किसी एक जगह ज्यादा और दूसरी जगह कम पड़ती हैं. जिस जगह सूरज की रोशनी कम देर के लिए आती है, वहां दिन छोटा, जबकि ज्यादा रोशनी से दिन बड़ा होता है.
Sun rising over Newgrange for the winter solstice @rtenews pic.twitter.com/tjez6DXUgQ
— Samantha Libreri (@SamanthaLibreri) December 21, 2022
धरती एक खास कोण पर क्यों झुकी हैधरती अपनी धुरी पर एक खास कोण पर क्यों झुकी है, अक्सर ये सवाल भी आता रहता है. वैज्ञानिकों को इस बारे में फिलहाल खास जानकारी नहीं है और न ही उन्हें इस बारे में ज्यादा पता है कि अगर ऐसा नहीं होता तो क्या होता.
सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक वैज्ञानिक मानते हैं कि जब सौरमंडल आकार ले रहा था, उसी दौरान धरती को किसी पिंड से जोरदार टक्कर मिली और तभी धरती अपनी धुरी पर तिरछी हो गई.
06 महीने के लिए बढ़ जाती है सूरज से दूरी
अब बात करते हैं उत्तरी गोलार्ध की, तो ये साल के 6 महीने सूरज की ओर झुका रहता है. इससे सूरज की अच्छी-खासी रोशनी इस पूरे दौरान आती है और इन महीनों में गर्मी रहती है. वहीं बाकी 6 महीनों में ये क्षेत्र सूरज से दूर हो जाता है, तब से ही दिन छोटे होने लगते हैं.
Stonehenge and the Solstice explained in 60 seconds.#WinterSolstice pic.twitter.com/QCfSGQWcaM
— Stonehenge (@EH_Stonehenge) December 19, 2022
देश में भी आज साल का सबसे छोटा दिन है लेकिन ये समय सारे शहरों या राज्यों में अलग-अलग लंबाई का होगा. जैसे किसी शहर में दिन किसी दूसरे शहर से एकाध मिनट लंबा भी हो सकता है लेकिन कुल मिलाकर आज का दिन बाकी सारे दिनों की तुलना में सबसे छोटा रहने वाला है.
उत्तरायण से दक्षिणायन हो जाता है सूरज
हमारी भाषा में समझें तो आज के दिन सूर्य कर्क रेखा से मकर रेखा की तरफ उत्तरायण से दक्षिणायन की ओर प्रवेश करता है. इस दिन से ठंड बढ़ने लगती है. यानी मानकर चलें कि अभी उत्तर भारत का ठंड में कड़कड़ाना बाकी है. इस दिन से कड़ाके की ठंड पड़ेगी और बर्फबारी भी होगी.
क्या होता है समर सॉल्सटिस
दूसरी तरफ विंटर सॉल्सटिस की तरह ही समर सॉल्सटिस भी होता है, यानी साल का सबसे लंबा दिन. इस रोज रात सबसे छोटी है. ये दिन 20 से 23 जून के बीच किसी भी दिन पड़ता है. एक और समय भी होता है, जिसमें दिन-रात दोनों बराबर हो जाते हैं. ये समय एक या दो दिन न होकर 21 मार्च से 23 सितंबर के बीच पड़ता है, जब सूरज और चांद आसमान में लगभग बराबर समय के लिए आते हैं.
त्योहार भी मनाए जाते हैं आज के दिन
When the sun aligns through this gap in the stones it can only mean one thing… we’re close to the #WinterSolstice.
Stonehenge was built to frame this annual solar event, so the monument has been silently marking the Solstice for thousands of years.
📷: Nick Bull pic.twitter.com/2HvZh2tVx1
— Stonehenge (@EH_Stonehenge) December 17, 2022
पुराने समय में इस दिन के आधार पर लोग कई चीजें तय करते थे और त्योहार भी इसी तरह से मनाए जाते थे. आध्यात्मिक तौर पर ये दिन नई चीजों के स्वागत का दिन है. वेल्स भाषा में इस दिन को “Alban Arthan” कहते हैं यानी सर्दियों की रोशनी. इस दिन को ब्रिटेन के इस हिस्से में बड़े त्योहार के तौर पर मनाते हैं. माना जाता है कि ये दिन और इससे जुड़े त्योहार मानव इतिहास के सबसे पुराने त्योहारों में से हैं.
In contemporary #Druidry, today is the Winter Solstice festival of Alban Arthan (meaning ‘light of Arthur'). The festival is derived from the writings of the Welsh mystic, poet, #Unitarian, and forger Iolo Morganwg (1747–1826). pic.twitter.com/7swTPRUvnG
— Ben Wood 🔶🌐/|✝️ (@BenWood14750019) December 21, 2022
रोम में भी इस दिन को सेलिब्रेट करने का कल्चर है. इसे Saturnalia कहते हैं. यानी शनि का दिन, जिसे रोम में फसलों का देवता माना जाता है. इसका सेलिब्रेटन 17 दिसंबर से शुरू होकर अगले सात दिनों तक चलता है.