नई दिल्लीः Bangladesh Violence बांग्लादेश की स्थिति के मद्देनजर (एक अगस्त तक) पिछले कुछ हफ्तों में 7,200 से अधिक भारतीय छात्र भारत लौटे हैं। राज्यसभा को बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी गई। विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने लिखित जवाब में यह भी बताया कि उपलब्ध रिकार्ड के अनुसार, बांग्लादेश में लगभग 19,000 भारतीय नागरिक रह रहे हैं, जिनमें 9,000 से अधिक छात्र हैं। उनसे पूछा गया था कि शिक्षा या व्यवसाय के उद्देश्य से बांग्लादेश में रह रहे भारतीयों की कुल संख्या कितनी है, बांग्लादेश में रह रहे गुजरात के लोगों की संख्या कितनी है तथा क्या हिंसा प्रभावित पड़ोसी देश से भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए कोई विशेष अभियान शुरू किया गया है। मंत्री से अब तक भारत वापस लाए गए नागरिकों की संख्या के बारे में भी पूछा गया।
Bangladesh Violence केंद्रीय मंत्री ने बताया कि बांग्लादेश में रह रहे भारतीय छात्र केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर, गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, तमिलनाडु, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और असम जैसे राज्यों से हैं। उन्होंने कहा, ‘‘बांग्लादेश में हमारे मिशन और पोस्ट द्वारा राज्यवार सूची नहीं बनाई जाती है।’’ उन्होंने कहा कि ढाका में भारतीय उच्चायोग और चटगांव, राजशाही, सिलहट और खुलना में सहायक उच्चायोग भारतीय नागरिकों की स्वैच्छिक वापसी में सहायता कर रहे हैं। सिंह ने कहा, ‘‘विदेश मंत्रालय भूमि बंदरगाहों और हवाई अड्डों पर पहुंचने वाले हमारे नागरिकों के लिए सुगम मार्ग सुनिश्चित करने हेतु संबंधित भारतीय प्राधिकारियों के साथ समन्वय कर रहा है। इस साल 18 जुलाई से एक अगस्त तक 7,200 से अधिक भारतीय छात्र भारत लौटे हैं।’’
एक अलग प्रश्न में, उनसे पूछा गया कि क्या यह सच है कि कनाडा के साथ तनावपूर्ण संबंधों के कारण हाल के वर्षों में कनाडाई विश्वविद्यालयों में भारतीय छात्रों के प्रवेश में कमी आई है और यदि ऐसा है तो पिछले तीन वर्षों के दौरान वहां पंजीकृत छात्रों का वर्षवार विवरण क्या है? विदेश राज्य मंत्री ने इस संबंधी आंकड़े साझा किए और कहा कि आव्रजन, शरणार्थी और नागरिकता कनाडा (आईआरसीसी) की वेबसाइट से प्राप्त जानकारी के अनुसार, कनाडाई विश्वविद्यालयों में भारतीय छात्रों का प्रवेश ‘‘पिछले तीन वर्षों में बढ़ा है।’’ एक अलग सवाल में उनसे पूछा गया कि क्या सरकार भारत के पड़ोसी देशों पर ‘‘चीन के बढ़ते प्रभाव’’ के बारे में जानती है। सिंह ने अपने लिखित जवाब में कहा कि ‘‘सरकार भारत के पड़ोस में होने वाली उन सभी गतिविधियों पर नजर रखती है जो उसके हितों पर असर डालती हैं।’’
एक अलग प्रश्न में, उनसे पूछा गया कि क्या यह सच है कि कनाडा के साथ तनावपूर्ण संबंधों के कारण हाल के वर्षों में कनाडाई विश्वविद्यालयों में भारतीय छात्रों के प्रवेश में कमी आई है और यदि ऐसा है तो पिछले तीन वर्षों के दौरान वहां पंजीकृत छात्रों का वर्षवार विवरण क्या है? विदेश राज्य मंत्री ने इस संबंधी आंकड़े साझा किए और कहा कि आव्रजन, शरणार्थी और नागरिकता कनाडा (आईआरसीसी) की वेबसाइट से प्राप्त जानकारी के अनुसार, कनाडाई विश्वविद्यालयों में भारतीय छात्रों का प्रवेश ‘‘पिछले तीन वर्षों में बढ़ा है।’’ एक अलग सवाल में उनसे पूछा गया कि क्या सरकार भारत के पड़ोसी देशों पर ‘‘चीन के बढ़ते प्रभाव’’ के बारे में जानती है। सिंह ने अपने लिखित जवाब में कहा कि ‘‘सरकार भारत के पड़ोस में होने वाली उन सभी गतिविधियों पर नजर रखती है जो उसके हितों पर असर डालती हैं।’’