राजिम। छत्तीसगढ़ के प्रयागराज राजिम में सट्टे का काला कारोबार खुलेआम पनप रहा है। गलियों के अंदर से लेकर दुकानों के बाहर तक दांव लग रहे हैं। नंबरों पर रुपए लगाने के लिए यहां बडों के साथ बड़ी संख्या में दुआ, अट्ठा, नेहला जैसे नंबरों पर रुपए-पैसे लगाते दिख जाते हैं।
नगर में महामाया मंदिर हटरी के करीब, गायत्री मंदिर समेत राजीव लोचन मंदिर जैसे पौराणिक महत्व वाली जगहों के अलावा बस स्टैंड, गोवर्धन पारा जैसे आधा दर्जन से ज्यादा इलाकों में सट्टा-पट्टी लिखी जा रही है।
पत्रिका को ऐसा ही एक वीडियो मिला है, जिसमें महामाया मंदिर के करीब एक युवक कतार से बनी दुकानों के सामने कुर्सी लगाकर सट्टा नंबर लिखते नजर आ रहा इै। किस नंबर पर कितने रुपए का दांव लगाना है! ये बातें साफ सुनी जा सकती है। लगभग यही हालत दूसरे जगहों की है। सट्टा कारोबार सबके सामने खुलेआम चल रहा है। बताते हैं कि इन आधा दर्जन खाइवालों के ऊपर एक बड़ा खाइवाल है। लाखों के दांव की हिस्सेदारी उसी के जरिए धंधे को शह देने वालों तक भी जाता है।
भट्ठियों से सीधे सप्लाई, गांव-गांव पहुंच रही खेप
नई आबकरी नीति छत्तीसगढ़ के बाद कीमतों में कमी आने के साथ शराब खरीदने की लिमिट बढ़ गई है। इसका सीधा फायदा भट्ठी के संचालक-कर्मी और कोचियों को मिल रहा है। लिमिट बढ़ने की आड़ कोचियों को भट्ठी से ही छूट में सप्लाई की जा रही है। ऐसे में शराब की खेप नगर की बस्तियों से लेकर गांव की बस्तियों तक पहुंच रही है, जहां नशे का धंधा जोरों पर है। इससे छोटी बातों पर विवाद बढ़ने के साथ इलाके का माहौल भी बिगड़ने लगा है।