Chandrayaan-3 Update : नई दिल्ली। चंद्रयान-3 को लेकर सभी देशवासियों की दिल की धड़कनें लगातार बढ़ती जा रही है। अब बस कुछ दिन ओर जब चंद्रयान चंद्रमा की धरती पर लैंड कर पूरी दुनिया में भारत की ताकत और विज्ञान का प्रतिनिधित्व करेगा। 17 अगस्त को चंद्रयान-3 प्रपल्शन मॉड्यूल से अलग हो चुका है। इसरो लगातार चंद्रयान की गति और समस्त प्रयासों पर नजर बनाए हुए है। इसरो के अनुसार, शुक्रवार (18 अगस्त 2023) शाम करीब 4 बजे इसकी डी-बूस्टिंग प्लान की गई है। प्रज्ञान (रोवर) को गोद में बिठाए लैंडर ‘विक्रम’ गुरुवार को चंद्रयान-3 के प्रपल्शन मॉड्यूल से अलग हुआ। अब चंद्रमा की कक्षा में भारत के तीन स्पेसक्राफ्ट हो गए हैं। चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर, चंद्रयान-3 का प्रपल्शन मॉड्यूल और लैंडिंग मॉड्यूल… तीनों चंद्रमा के चक्कर काट रहे हैं।
गति धीमी के साथ आगे बढ़ेगा लैंडर
Chandrayaan-3 Update : लैंडर गुरुवार को प्रोपल्शन मॉड्यूल से सफलतापूर्वक अलग हो गया था। लैंडर मॉड्यूल में लैंडर और रोवर हैं। विक्रम लैंडर को इस मिशन में करीब 100 किमी की दूरी खुद तय करनी है। लैंडर अब अपनी ऊंचाई कम और गति धीमी करते हुए आगे बढ़ेगा। सब कुछ ठीक रहा तो चंद्रयान-3 का लैंडर बुधवार (23 अगस्त) को चंद्रमा पर सॉफ्ट-लैंडिंग करेगा।
भारत के लिए क्यों जरूरी है चंद्रयान-3 मिशन की सफलता?
भारत ने चार सालों में दूसरी बार चांद की सतह पर रोबोटिक लूनर रोवर उतारने का प्रयास किया है। अगर चंद्रयान-3 मिशन सफल हो जाता है, तो भारत चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की तकनीक हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। अब तक इस सूची में अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ का नाम शामिल है।
इसरो ने जारी की वीडियो
इसरो ने शुक्रवार को चंद्रयान से ली गई चांद की दो वीडियो भी जारी की है। इसरो ने ट्वीट किया कि चंद्रयान-3 के लैंडर इमेजर (एलआई) कैमरा-1 से 17 अगस्त 2023 को लैंडर मॉड्यूल के प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग होने के ठीक बाद चांद की तस्वीरें ली गईं।