रायपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को नई दिल्ली में एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक ली। इसमें छत्तीसगढ़ सरकार के सुशासन मॉडल, नवाचारों और जनभागीदारी आधारित योजनाओं को सराहना मिली। बैठक में मुयमंत्री विष्णु देव साय ने बस्तर ओलंपिक और बस्तर पंडुम पर विशेष प्रजेंटेशन दिया। बैठक में उपमुयमंत्री अरुण साव एवं विजय शर्मा भी मौजूद थे।
मुयमंत्री साय ने अपने प्रस्तुतीकरण की शुरुआत राज्य में सुशासन की संस्थागत पहल से की। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में सुशासन एवं अभिसरण विभाग का गठन कर योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है। अटल मॉनिटरिंग पोर्टल जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म से योजनाओं की निगरानी की जा रही है। बैठक में केंद्र की लैगशिप योजनाओं के क्रियान्वयन पर भी विशेष चर्चा हुई। बैठक का सबसे प्रेरक क्षण तब आया जब मुयमंत्री ने बस्तर ओलंपिक और बस्तर पंडुम पर विशेष प्रजेंटेशन दिया।
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के खेलोगे इंडिया, जीतोगे इंडिया मंत्र को उद्धृत करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ ने इसे धरातल पर साकार किया है। बस्तर ओलंपिक अब सिर्फ एक खेल आयोजन नहीं, बल्कि एक सामाजिक क्रांति बन चुका है। इसने युवाओं के हाथों से बंदूकें छीनकर गेंद, भाला और तीर थमा दिए हैं। मुयमंत्री ने बताया, बस्तर पंडुम उत्सव के माध्यम से छत्तीसगढ़ ने न केवल आदिवासी संस्कृति, लोककलाओं और परंपराओं को संरक्षित किया, बल्कि उन्हें राष्ट्रीय मंच भी प्रदान किया।
बस्तर मॉडल सभी राज्यों में अपनाने का सुझाव
बैठक में जिन राज्यों को अपनी योजनाओं के प्रस्तुतीकरण का अवसर मिला, उनमें छत्तीसगढ़ का बस्तर मॉडल बेहद प्रभावशाली रहा। जनभागीदारी, संस्कृति और विकास के इस अनोखे मेल ने सभी को प्रभावित किया। बैठक में सुझाव दिया गया कि जनभागीदारी व सांस्कृतिक जुड़ाव पर आधारित ऐसे मॉडल्स को अन्य राज्यों में भी अपनाया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य राज्यों के मुयमंत्रियों ने इन पहलों को अनुकरणीय बताते हुए सुझाव दिया कि ऐसे नवाचार, जो समाज की जड़ों से जुड़ते हों और विकास की दिशा तय करते हों, उन्हें विस्तार दिया जाना चाहिए।