रायपुर : छत्तीसगढ़ में 3 दिसंबर का दिन लंबे समय तक याद रखा जाएगा। 3 दिसंबर यानी रविवार को प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम सामने आए और इस परिणाम को देखकर सबसे ज्यादा झटका कांग्रेस को लगा। लगातर अपनी जीत का दावा कर रहे कांग्रेस के कई मंत्री चुनाव हर गए और भाजपा ने बड़ा उलटफेर करते हुए बहुमत हासिल कर लिया। भाजपा ने प्रदेश में एक तरफा जीत हासिल करते हुए 54 सीटों पर जीत दर्ज की है। छत्तीसगढ़ में पांच साला से वनवास काट रही भाजपा एक बार फिर से सत्ता पर काबिज हो गई है। भाजपा के पूर्ण बहुमत के साथ चुनाव जीतते ही अब एक सवाल सबके मन में आने लगा है और ये सवाल है कि, प्रदेश का अगला मुखिया कौन होगा।
चुनाव परिणाम आने के बाद से ही भाजपा की तरफ से सीएम कौन होगा इस पर लगातार चर्चा जारी है। कुछ ऐसे नाम भी सामने आए हैं, जिहने सुनकर लोग हैरान है। सीएम दावेदार के लिए सबसे पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रिय उपाध्यक्ष रमन सिंह, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, नवनिर्वाचित विधायक ओपी चौधरी, केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह, विष्णु देव साय का नाम सबसे आगे हैं, लेकिन इस लिस्ट में एक नाम ऐसा भी है जिसे सुनकर सभी को झटका अलग सकता है। यह नाम किसी और का नहीं बल्कि राज्यसभा सांसद और भाजपा की राष्ट्रिय उपाध्यक्ष सरोज पांडे का है। इन नेताओं के सीएम बनने की चर्चा लगातार हो रही है। ऐसे में अब प्रदेश की कमान किसके हाथो में जाती है ये तो हाईकमान के फैसले के बाद ही पता चलेगा। सीएम बनने की रेस में शामिल नेताओं को लेकर क्या कयास लगाए जा रहे हैं आइए जानते हैं।
डॉ रमन सिंह : डॉ रमन सिंह 2003 से लेकर 2018 तक प्रदेश के सीएम रह चुके हैं। प्रदेश प्रभारी ओम माथुर और केंद्रीय नेतृत्व ने उन पर भरोसा जताते हुए इस पूरे चुनाव में उन्हें आगे ही रखा। डॉ रमन सिंह ने विधानसभा चुनाव में 25 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की है। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस जीत के बाद अब डॉ रमन सिंह का कद और बढ़ाया जा सकता है।
अरुण साव : भाजपा ने चुनाव से एक साल पहले OBC वोटर्स को साधने के लिए अरुण साव को छत्तीसगढ़ भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया। बिलासपुर से सांसद के पद पर होते हुए भी भाजपा लोरमी विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया। अरुण साव ने भारी मतों से जीत भी हासिल कर ली है। अब देखना यह होगा की सीएम पद के लिए आलकमान अरुण साव के नाम पर मुहर लगाती है या नहीं।
ओपी चौधरी : अधिकारी से राजनेता बने ओपी चौधरी का नाम भी सीएम बनने की रेस में शामिल है। ओपी चौधरी ने 2018 विधानसभा चुनाव से पहले कलेक्टर के पद से इस्तीफा देने के बाद भाजपा का दामन थाम लिया था। पिछले चुनाव में खरसिया से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन इस बार हुए चुनाव में ओपी चौधरी ने 64 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की है। युवा चेहरा होने के साथ-साथ ओपी चौधरी एक अच्छे अधिकारी भी रह चुके हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि, भाजपा आलाकमान ओपी चौधरी को छत्तीसगढ़ का अगला सीएम बना सकता है।