जम्मू-कश्मीर के लोगों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि उनके लिए लोकतंत्र के महापर्व से बढ़कर कुछ नहीं है। बारामूला लोकसभा सीट पर आज लोकसभा चुनाव के पांचवे चरण में हुए मतदान में वोटिंग का रिकॉर्ड सभी पुराने रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 59 फीसदी दर्ज किया गया, जो अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है। निर्वाचन आयोग ने सोमवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर का बारामूला निर्वाचन क्षेत्र में पिछले सभी लोकसभा चुनावों में ‘‘सर्वाधिक’’ मतदान दर्ज किया गया है।
जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पी के पॉल ने कहा, “मैं लोगों को बधाई देना चाहता हूं कि तमाम कठिनाइयों के बावजूद वे इतनी बड़ी संख्या में वोट देने आए। यह पहाड़ी इलाका है और कुछ बर्फीले इलाके भी हैं और इन सबके बावजूद लोग वोट डालने आए और लोगों ने यहां इतिहास रच दिया।” इस लोकसभा क्षेत्र में कुल 17,37,865 मतदाता हैं। कहीं भी स्लो वोटिंग की खबर नहीं रही। आयोग ने एक बयान में कहा कि श्रीनगर निर्वाचन क्षेत्र में 38.49 प्रतिशत के रिकॉर्ड मतदान के बाद, बारामूला अब सबसे अधिक मतदान का आंकड़ा जारी किया है। इसमें कहा गया कि बारामूला, कुपवाड़ा, बांदीपोरा और बडगाम जिलों में शाम पांच बजे तक करीब 59 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है।
बारामूला संसदीय क्षेत्र में 2,103 मतदान केंद्रों पर वोट डाला गया, जिसका सीधा प्रसारण हुआ। निर्वाचन आयोग ने कहा कि पूरे निर्वाचन क्षेत्र में सुबह सात बजे मतदान शुरू हो गया और उत्साही मतदाताओं की लंबी कतारें वोट डालने के लिए इंतजार कर रही हैं। आयोग ने कहा कि 2019 में निर्वाचन क्षेत्र में 34.6 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि 1989 में यह मात्र 5.48 प्रतिशत था। इससे पहले 1984 में यहां सर्वाधिक मतदान रिकॉर्ड किया गया था। तब 58.84 फीसदी वोटिंग रिकॉर्ड की गई थी। बारामूला सीट से इस बार 22 उम्मीदवार मैदान में हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन और निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर शेख अब्दुल रशीद उर्फ इंजीनियर रशीद मुकाबले में प्रमुख उम्मीदवारों में से हैं। रशीद फिलहाल जेल में बंद हैं।
इससे पहले, लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में श्रीनगर सीट पर 38.49 प्रतिशत मतदान हुआ था, जो 1996 के बाद से सबसे अधिक है। अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद घाटी में यह पहला आम चुनाव है।