आज जन्मदिन- गीतकार के अलावा फिल्म निर्माण
की विभिन्न विधाओं में दखल रहा अमित खन्ना का
मुंबई। 70-80 के दौर में चर्चित गीतकार अमित खन्ना इन दिनों जन संवाद के विभिन्न मंचों पर सक्रिय है। अमित खन्ना ने फिल्म जगत में गीतकार के अलावा प्रोड्यूसर-डायरेक्टर व अन्य भूमिकाएं भी निभाई।
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अविवाहित रहे अमित खन्ना का फिल्मी परिवार बहुत बड़ा है। फिल्म जगत में पार्श्वगायन के क्षेत्र में मोहम्मद रफी, लता मंगेशकर और किशोर कुमार से लेकर ऐसा कोई कलाकार नहीं हे, जिसने उनके लिखने गीत नहीं गाये हैं।
#instabatonbatonmein के 153 वें भाग में हमारी बातचीत हुई सुप्रतिष्ठित निर्माता, निर्देशक, गीतकार एवं प्रबुद्ध लेखक श्री अमित खन्ना (मुम्बई) से…… @amitkhannahttps://t.co/F3g33rd1iB
— सुनील मिश्र Sunil Mishr (@sunilanmishr) November 23, 2020
इन दिनों रिलायंस एंटरटेनमेंट के चेयरमैन के तौर पर सक्रिय अमित खन्ना का जन्म 1 मार्च 1951 को दिल्ली महरौली में जन्मे अमित खन्ना के परिवार में डाक्टर-इंजीनियर ज्यादा थे। घर में कला-संस्कृति से किसी का दूर दूर तक कोई सम्बन्ध नहीं था। लेकिन अमित का रुझान दूसरी तरफ था। 14-15 साल की उम्र में उन्होंने अपना पहला नाटक लिखा था। फिर हिंदी, उर्दू और अंग्रेज़ी में कविताएँ लिखने लगे।
'मधुबन खुशबू देता है', 'उठे सबके कदम' या प्रसिद्ध गीतांसह २००पेक्षा जास्त गीते लिहिणारे गीतकार, निर्माते-दिग्दर्शक अमित खन्ना यांचा आज वाढदिवस. त्यांनी अनेक वृत्तपत्रांसाठी स्तंभलेखनही केलं. तसंच बुनियाद, देख भाई देख, अभिमान या मालिकांच शीर्षकगीतेही लिहिली. pic.twitter.com/Za1cXvVMvJ
— AIR News Pune (@airnews_pune) March 1, 2021
इसके बाद अमित खन्ना थियेटर से भी जुड़े, जहाँ पर उन्हें वी. बी. कारन्त, बी. एम. शाह, ओम शिवपुरी, सुधा शिवपुरी जैसे दिग्गज कलाकारों के साथ काम करने का मौका मिला। हालांकि अमित के साथ एक अनोखी बात यह जुड़ी है कि वह इंगलिश लिटरेचर में एम.ए. हैं लेकिन उन्होंने हिंदी में एक से बढ़ कर एक गीत लिखे।
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कॉलेज में रहते समय वह 1969 से 1971 के दौरान ‘टेम्पस’ नामक लातिन पत्रिका के सम्पादक और दिल्ली यूनिवर्सिटी में ‘डिबेट ऐण्ड ड्रामाटिक सोसायटी’ के सचिव भी थे। तब वह समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में भी फ़िल्म सम्बन्धी लेख लिखते थे।
गीत : जब छाए मेरा जादू
गायिका : आशा भोंसले
फ़िल्म : लूटमार (१९८०)
संगीत : राजेश रोशन
गीतकार : अमित खन्ना https://t.co/U6lllIwnrq
— A curious mind 🚀 (@FollowSamir) October 3, 2019
कॉलेज में रहते ही उनकी मुलाक़ात देव आनंद से हुई जो उन दिनों दिल्ली में अपने ‘नवकेतन’ बैनर का एक डिस्ट्रिब्यूशन ऑफ़िस खोलना चाहते थे। तो उन्होंने अमित से कहा कि तुम भी कभी कभी चक्कर मार लिया करो। इस तरह से अमित खन्ना उनसे जुड़े। उस वक़्त फिल्म ‘हरे रामा हरे कृष्णा’ बन रही थी। देव ने अमित को उस फ़िल्म की स्क्रिप्ट पर काम करने का मौका दिया और उस सिलसिले में उन्हें नेपाल भी लेकर गए। इस दौरान यश जोहर नवकेतन बैनर छोड़ चुके थे और इस तरह यश जौहर की जगह अमित खन्ना आ गए।
ये नैना, ये काजल, ये ज़ुल्फ़ें, ये आँचल
खूबसुरत सी हो तुम ग़ज़ल
कभी दिल हो कभी धड़कन#दिल_से_मिले_दिल 1978#अमित_खन्ना जी को ( गीतकार ,निर्माता व निर्देशक )#जन्मदिन💐🎂 मुबारक#बप्पी_लाहिड़ी संगीत@amitkhanna@ChitrapatP@margret_017@ysaumitra
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— #चित्रपट📽️🇮🇳 (@ChitrapatP) March 1, 2022
‘नवकेतन’ में अमित को ‘एग्जीक्युटिव प्रोड्यूसर’ का दर्जा मिला। 1971 में देव आनंद से जुड़ने के बाद ‘हीरा-पन्ना’ (1973), ‘शरीफ़ बदमाश’ (1973), ‘इश्क़ इश्क़ इश्क़’ (1974), ‘देस परदेस’ (1978) और ‘लूटमार’ (1980) में ‘एग्जीक्युटिव प्रोड्यूसर’ रहे। ‘जानेमन’ (1976) और ‘बुलेट’ (1976) फिल्म में बिज़नेस एग्जीक्युटिव और प्रोडक्शन कन्ट्रोलर रहे। 1980 में आई फ़िल्म ‘मन-पसंद’ के गीत अमित खन्ना ने ही लिखे थे। इसे अमित खन्ना ने प्रोड्यूस भी किया था। फ़िल्म के डायरेक्टर थे बासु चटर्जी और राजेश रोशन म्यूज़िक डायरेक्टर थे।
मधुबन खुशबू देता है🎶
उठे सबके क़दम🎶
गीतकार व निर्माता-निर्देशक अमित खन्ना ने ऐसे 200 से ज़्यादा गीत लिखे जो काफ़ी लोकप्रिय हुए. उन्होंने कई पत्र-पत्रिकाओं में कॉलम व धारावाहिक बुनियाद, देख भाई देख, स्वाभिमान के लिए शीर्षक गीत भी लिखे. अमितजी आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ🎂 pic.twitter.com/DyPk9C5HCZ
— Akashvani आकाशवाणी (@AkashvaniAIR) March 1, 2023
अमित खन्ना ने फिल्म जगत में गीतकार के तौर पर संगीतकार राजेश रोशन और बप्पी लाहिड़ी के साथ सबसे ज्यादा काम किया। बप्पी दा के साथ कुछ 20-22 फ़िल्मों में अमित ने गीत लिखे। उनका पहला गीत ‘चलते चलते मेरे ये गीत याद रखना’ भी बप्पी लाहिड़ी ने संगीतबद्ध किया था। Birthday today – Amit Khanna has been involved in various genres of filmmaking apart from being a lyricist
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इस गीत का किस्सा भी उल्लेखनीय है। अमित खन्ना एक इंटरव्यू में बताते हैं- उन दिनों बप्पी दा को प्रोड्यूसर भीष्म कोहली के पास लेकर गया तो वहाँ पर उनसे कहा गया कि फ़िल्म के टाइटल सॉंग के लिये कोई धुन तैयार करके बतायें। केवल 15 मिनट के अंदर बप्पी दा ने धुन बना दी और मैंने बोल भी लिख दिए।
सुमन सुधा रजनी चंदा
आज अधिक क्यों भाये
प्रेम सिंघासन पिया बिराजे
पंखा झलु मैं हौले
मोहित मुग्ध उन्हीको ताको
बन मयुर मन डोले
'Manpasand'| #Latamangeshkar | Rajesh Roshan| #Amitkhanna
Today's Song | Happy Birthday @amitkhanna Sir 🎂https://t.co/sKX2ktd51x@y_kale @Yatindra76 pic.twitter.com/or8vSfkYsU
— Bhoolebisarenagme (@BhoolebisareGit) March 1, 2023
अमित खन्ना कहते हैं- मेरा गीत लिखने का तरीका बड़ा स्पॉन्टेनियस हुआ करता था। मैं वहीं ऑफ़िस में ही लिखता था, घर में लाकर लिखने की आदत नहीं थी। फ़िल्म में गीत लिखना एक प्रोफ़ेशनल काम है; जो लोग ऐसा कहते हैं कि उन्हें घर पर बैठे या प्रकृति में बैठ कर लिखने की आदत है तो यह सही बात नहीं है।
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फ़िल्मी गीत लिखना कोई काविता या शायरी लिखना नहीं है। आज लोग कहते हैं कि आज धुन पहले बनती है, बोल बाद में लिखे जाते हैं, लेकिन मैं यह कहना चाहूँगा कि उस ज़माने में भी धुन पहले बनती थी, बोल बाद में लिखे जाते थे, ‘प्यासा’ में भी ऐसा ही हुआ था, ‘देवदास’ में भी ऐसा ही हुआ था।
#AmitKhanna, one of the finest modern lyricists, turns 72 today. Here is a remarkable song heralding love
आशा की छोटी सी नैया
लेके चली पुरवैया
डोले डोले, झुमका बोले
चुपके से ये भेद खोले#LataMangeshkar #RajeshRoshan #ShabanaAzmi #Vikram #GirishKarnad #BasuChatterjee #Swami 1977 pic.twitter.com/RTpIA2AlS4
— Raajaysh Chetwal (@raajaysh) March 1, 2023
उसके बाद मैंने बहुत से ग़ैर-फ़िल्मी गीत लिखे, 80 के दशक में, करीब 100-150 गानें लिखे होंगे। फ़िल्मी गीतों की बात करें तो ‘रामसे ब्रदर्स’ की 4-5 हॉरर फ़िल्मों में गीत लिखे, जिनमें अजीत सिंह के संगीत में ‘पुराना मन्दिर’ भी शामिल है। ‘पुराना मन्दिर’ का आशा भोंसले का गाया “वो बीते दिन याद हैं” गीत तो ख़ूब मकबूल हुआ था।
‘मनपसन्द’ के सभी गीत इतने सुन्दर हैं कि कौन सा गीत किससे बेहतर है बताना मुश्किल है। “सुमन सुधा रजनीगंधा” भी लाजवाब गीत है। लक्ष्मीकान्त-प्यारेलाल के साथ अमित खन्ना ने फ़िल्म ‘भैरवी’ में काम किया, एक और फ़िल्म थी उनके साथ जो बनी नहीं।
Wishing A Very #HappyBirthday To Producer, Director, Writer & Journalist #AmitKhanna Ji !#HBDAmitKhanna #HappyBirthdayAmitKhanna
Which Is Your #Favourite Lyricist Amit Khanna #Song ?#AmitKhannaSongs pic.twitter.com/N9cTCGznyZ
— BollyMints (@BollyMints) March 1, 2023
भूपेन हज़ारिका के साथ एनएफडीसी की एक फ़िल्म ‘कस्तूरी’ में गीत लिखा। दान सिंह के साथ भी काम किया है। जगजीत सिंह के साथ भी काम किया है, दूरदर्शन का एक सीरियल था, जलाल आग़ा का, उसमें। अनु मलिक की 2-3 फ़िल्मों में गीत लिखे, रघुनाथ सेठ के साथ 1-2 फ़िल्मों में। इस तरह से कई संगीतकारों के साथ अमित ने काम किया।
अमित खन्ना बताते हैं कि अलका याग्निक ने अपना पहला गीत ‘हमारी बहू अलका’ में गाया था जिसे मैंने लिखा था। उदित नारायण ने भी अपना पहला गीत रफ़ी साहब के साथ ‘उन्नीस बीस’ फ़िल्म में गाया था जो मेरा लिखा हुआ था। शरण प्रभाकर, सलमा आग़ा ने मेरे ग़ैर फ़िल्मी गीत गाए।
चलते चलते मेरे ये गीत याद रखना
कभी अलविदा ना कहना..!!🎶#अमित_खन्ना #जन्मदिन मुबारक 💐@amitkhanna
🎬 चलते चलते (1976)
🎧 बप्पी लाहिरी 🎤 किशोर कुमार
🎞️ विशाल आनंद, सिम्मी गरेवाल@ShwetaJha01 @margret_017@AAlkA_Suthar @DrPujaJha@Neer51355258 @Sksio3https://t.co/1SO7P3mWqm pic.twitter.com/nvX8HkN0lg
— आरती सिंह 🕊️ (@AarTee33) March 1, 2023
पिनाज़ मसानी का पहला फ़िल्मी गीत मेरा ही लिखा हुआ था। शंकर महादेवन ने पहली बार एक टीवी सीरियल में गाया था मेरे लिए। सुनीता राव भी टीवी सीरियल से आई हैं। फिर शारंग देव, जो पंडित जसराज के बेटे हैं, उनके साथ मैंने 2-3 फ़िल्मों में काम किया। फ़िल्म ‘शेष’ में प्रोड्यूसर, डायरेक्टर, गीतकार, कहानीकार, पटकथा, संवाद-लेखक सभी कुछ अमित खन्ना थे और संगीत दिया था शारंग देव ने। फिर इलैयाराजा के लिए भी गीत लिखे।
अमित खन्ना बताते हैं कि गायकों में किशोर कुमार ने सबसे ज़्यादा मेरे गीत गाये, मोहम्मद रफ़ी नें कुछ 8-10 गीत गाये होंगे। लता, आशा, मन्ना डे, और मुकेश ने भी दो गीत गाये हैं, दोनों डुएट्स थे, एक बप्पी लाहिड़ी के लिए, एक राजेश रोशन के लिए।
होठों पे गीत जागे मन कही दूर भागे
ख़ुशी मिली कैसी
पंख बिना उड़ूँ रोके से न रुकूँ
ख़ुशी मिली ऐसी#मनपसंद 1980#अमित_खन्ना जी को ( गीतकार ) #जन्मदिन 🌻🎂मुबारक#राजेश_रोशन संगीत@amitkhanna@ChitrapatP@deepabuty@devamitrapanda@margret_017
YTL👇https://t.co/hsBgxjT1eD pic.twitter.com/pQNiS7PBpV
— #चित्रपट📽️🇮🇳 (@ChitrapatP) March 1, 2023
इनके अलावा अमित कुमार, शैलेन्द्र सिंह, कविता कृष्णमूर्ति, अलका, अनुराधा, उषा उथुप ने मेरे गीत गाये हैं। भीमसेन जोशी के बेटे के साथ मैंने एक ऐल्बम किया है। नॉन-फ़िल्म में नाज़िया हसन और बिद्दू ने मेरे कई गीत गाए हैं। मंगेशकर परिवार के सभी सदस्यों ने मेरे ग़ैर-फ़िल्मी गीत गाए हैं। मीना मंगेशकर का भी एक एल्बम था मेरे लिखे हुए गीतों का। मीना ने उसमें संगीत भी दिया था, वर्षा ने गीत गाया था।
का करूँ सजनी, आए न बालम
खोज रही हैं पिया परदेसी अँखियाँ..!!🎶
गीत: अमित खन्ना ✍️
संगीत:राजेश रोशन🎧
गायक: येसुदास 🎤#अमित_खन्ना जी#जन्मदिन_मुबारक 💐@amitkhanna @AarTee33 @AAlkA_Suthar @madhuleka @MrsMeenak @Neer51355258 @AAlkA_Suthar @DrPujaJha https://t.co/sKM51s3TB3 pic.twitter.com/rMen0FcQT9
— Shweta Jha (@ShwetaJha01) March 1, 2023
अमित खन्ना ने 1990 में ‘प्लस चैनल’ प्रोडक्शन हाउस की शुरूआत साझेदारी में की थी। महेश भट्ट भी ‘प्लस चैनल’ में शामिल थे। तब इसके बैनर तले कुछ 10 फ़ीचर फ़िल्मों और 3000 घंटों से उपर टीवी प्रोग्रामिंग और 1000 म्यूज़िक एल्बम्स बनाए। ‘बिज़नेस न्यूज़’, ‘ई-न्यूज़’ की शुरुआत की । पहला म्युज़िक विडियो नाज़िया हसन को लेकर निकाला गया। लेकिन बाद के दौर में अमित खन्ना रिलायंस में चले गए और इसे बंद कर दिया गया। अब रिलायन्स एन्टरटेन्मेण्ट के चेयरमैन के तौर पर सक्रिय हैं।