गुड़गांव: हिंसा की वजह से सुर्खियों में छाए हरियाणा के नूंह जिले से इंसाफ की एक अनोखी कहानी सामने आई है। अदालत के फैसले के बाद न सिर्फ चार साल पुराने जख्म एक बार फिर हरे हो गए, बल्कि इस बात की खुशी भी है कि आखिर न्याय हुआ। अब दुराचारी जिंदगीभर जेल में सड़ेगा। इस मामले में खास बात यह है कि दुराचारी हत्यारे को उसके अंजाम तक पहुंचाने में एक बकरी की भूमिका बड़ी अहम रही है। उसी की गवाही की वजह से इंसाफ हो सका। हालांकि अब आप सोच रहे होंगे कि एक बकरी आखिर कैसे गवाही दे सकती है तो चलिए जानते हैं पूरे मामले को..
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अदालत की चौखट पर इंसाफ की सीढ़ी चढ़ चुके इस मामले में पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार जिले के एक गांव की 7 साल की लड़की 26 दिसंबर 2019 को गांव के पास ही पहाड़ी क्षेत्र में बकरियां चराने गई थी। शाम तक घर नहीं लौटी तो फिर परिवार के लोग रातभर उसकी तलाश में इधर-उधर भटकते रहे। इसके अगले दिन यानि 27 दिसंबर 2019 को झाड़ियों से उसकी लाश बरामद की गई।
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इस संबंध में 27 दिसंबर 2019 को ही मृतक बच्ची के पिता ने फिरोजपुर झिरका थाने में शिकायत दी थी कि बच्ची की किसी ने उसके साथ गलत काम करने के बाद हत्या कर दी। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज करके जांच-पड़ताल शुरू की तो पास के इलाके में लगे एक सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग में एक युवक एक बकरी को लेकर जाता हुआ नजर आया। वह रिकॉर्डिंग शिकायतकर्ता को दिखाई गई तो उसने युवक की बगल में दबाई गई बकरी को अपनी बताया।
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इसके बाद पुलिस तफ्तीश में आरोपी की पहचान मुकीम उर्फ मुक्की के रूप में हुई। उसे गिरफ्तार करके पुलिस ने कार्रवाई आगे बढ़ाई। मामले की सुनवाई कोर्ट में चली। करीब 4 साल पुराने इस मामले में अब कोर्ट ने दुराचार और हत्या के दोषी को उम्रकैद की सजा का फैसला सुनाया है। अदालत ने अभियुक्त पर विभिन्न धाराओं में 75 हजार जुर्माना भी लगाया है।