रायपुर: ईज ऑफ लिविंग की अवधारणा को मजबूत करने और लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने की दिशा में छत्तीसगढ़ की विष्णु देव साय सरकार लगातार सफलता पूर्वक कदम बढ़ा रही है. केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार यानि डबल इंजन की सरकार लगातार चमत्कार दिखा रही है.. छत्तीसगढ़ में डबल इंजन वाली विष्णुदेव साय सरकार मोदी की गारेंटी को पूरा करते हुए छत्तीसगढ़ को हर दिशा से विकास देने का काम कर रही है.. हर रोज़ नित नए कीर्तिमान स्थापित किए जा रहे हैं.
बहुत तेजी से छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय स्तर पर अपनी एक अलग पहचान, अपना एक अलग मुकाम बना रहा है. छत्तीसगढ़ को सड़क, शिक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर और स्वास्थ्य के लिए केंद्र से 1171 करोड़ रूपए मिले है, जिसके सार्थक इस्तेमाल से छत्तीसगढ़ केंद्र सरकार की “राज्यों को विशेष सहायता योजना” के तहत टॉप-5 पर पहुँच गया है यानि केंद्र सरकार के कैपेक्स में पूरे देश में छत्तीसगढ़ टॉप-5 में है.. असम, गुजरात, हिमाचल, त्रिपुरा, गोवा और सिक्किम जैसे राज्यों की तुलना में भी छत्तीसगढ़ आगे है..प्रदेश में ये महा-परिवर्तन विष्णु देव साय सरकार के बनने के बाद से ही दिखाई दे रहा है.
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ को हर तरफ से सहेजा है. बस्तर से लेकर सरगुजा तक हर वर्ग के लोगों की समस्याओं को समझा है, जाना है फिर सुलझाया है. राज्य सरकार जनहित में जी तोड़ काम कर रही है. उनके विषय में त्वरित निर्णय ले रही है …परिणाम यह हो रहा है कि जनता और सरकार के बीच का रिश्ता हर दिन मजबूत होता जा रहा है.. सरकार और जनता के बीच ऐसा अद्भुत समीकरण शायद ही किसी अन्य राज्य में देखने को मिलता होगा.. देखते ही देखते लगभग 11 महीनों में ही छत्तीसगढ़ देश के टॉप-5 राज्यों में शामिल हो गया है.
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने एक नया विभाग सुशासन एवं अभिसरण (गुड गवर्नेंस एवं कन्वर्जेंस) भी बनाया है..यह छत्तीसगढ़ सरकार का 58वां विभाग है.. इस नए विभाग का बनना राज्य के मुखिया विष्णुदेव साय की दूरदृष्टि का परिचायक है… सुशासन एवं अभिसरण विभाग अन्य शासकीय विभागों में जनता को आने वाली समस्याओं को समझकर उनके समाधान पर काम करने के लिए गठित किया गया है… इस विभाग से राज्य में सुशासन और मजबूत होगा .. इसमें जनकल्याणकारी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने की योजना है.. इस विभाग का गठन मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में हुआ था.. इस विभाग के अंतर्गत अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन और नीति विश्लेषण शिक्षण संस्थान और छत्तीसगढ़ राज्य नवाचार आयोग को भी शामिल किया गया है.. इस विभाग का मकसद ही प्रदेश में ईज़ ऑफ़ लिविंग की अवधारणा को मजबूत करना है.
गुड गवर्नेंस एंड कन्वर्जेंस डिपार्टमेंट के ज़रिए प्रशासन के सभी स्तरों पर डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा दिया जा रहा है.. राज्य की विष्णुदेव साय सरकार ने जन -जन की भावनाओं को समझते हुए इस विभाग के ज़रिए जनसमस्याओं का त्वरित समाधान को भी शामिल किया है.. यही विभाग नई विचारधारा और क्रिया विधि के संबंध में शोध और प्रशासनिक सुधार के काम में भी उपयोगी होने वाला है.. इसी विभाग के जरिए सुशासन फ़ेलोशिप और मुख्यमंत्री लोक प्रशासन में उत्कृष्टता पुरस्कार जैसे अभिनव पहल किए जाएंगे..कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री की अगुवाई में दानिशमंदी के साथ यह निर्णय लिया गया कि सुशासन एवं अभिसरण विभाग अब ई-समीक्षा, ई-लोक सेवा गारंटी और डिजिटल सचिवालय को भी शामिल करेगा, जो अब तक सामान्य प्रशासन विभाग का हिस्सा रहा है.
सीएम विष्णुदेव साय के निर्देश पर हितग्राहियों को सरकार की योजनाओं का सौ फीसदी लाभ सुनिश्चित करने के लिए कलेक्टर स्तर पर परफॉरमेंस रिपोर्ट भी तैयार की जा रही है. शासकीय विभागों और जनसरोकार से जुड़े कामों के डिजिटलाइजेशन से न केवल शासकीय कामों में पारदर्शिता आ रही है बल्कि विभागों का परफोरर्मेंस भी बेहतर से बेहतरीन होता चला जा रहा है.. छत्तीसगढ़ के शासकीय कामों में ऐसी सटीकता, ऐसी स्पष्टता और ऐसी पारदर्शिता विष्णुदेव साय सरकार से पहले देखने नहीं मिली थी. सरकार के प्रति लोगों का जो विश्वास बढ़ रहा है वो देखने के काबिल है..व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त बनी रहे इसके लिए शासकीय विभागों को समय के अनुरूप अपडेट करने के लिए भी विष्णुदेव साय सरकार अहम् कदम उठा रही है.
लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत जनता से जुड़ी 90 सुविधाओं का डिजिटलीकरण, शासकीय खरीदी में पारदर्शिता लाने के लिए जैम पोर्टल की शुरुआत भी राज्य सरकार की एक शानदार पहल है… छत्तीसगढ़ सरकार ने अब सरकारी खरीद के लिए केंद्र सरकार के जेम पोर्टल के इस्तेमाल को हरी झंडी दिखा दी है.. जेम पोर्टल, भारत सरकार का एक ई-कॉमर्स पोर्टल है.. इस पोर्टल पर, सरकारी विभाग और संगठन, ज़रूरी सामान और सेवाएं ऑनलाइन खरीद सकते हैं… जेम पोर्टल अपनाने के पीछे राज्य के मुख्यमंत्री की मंशा स्पष्ट है.. जेम पोर्टल एकीकृत भुगतान प्रणाली है,जिसमें कई तरह की वस्तुएं और सेवाएं उपलब्ध हैं और इसमें पंजीकरण के लिए कोई शुल्क नहीं देना होता.
जेम पोर्टल पर खरीदार 25,000 रुपये तक की सीधी खरीदारी कर सकते हैं… इससे खरीदारी में पारदर्शिता और आसानी होती है…जेम पोर्टल पर विक्रेताओं को सीधे सूचनाएं दी जा सकती हैं और आवश्यक ताकीद भी की जा सकती हैं.. जेम पोर्टल ऑनलाइन शिकायत निवारण तंत्र भी है…छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री की रहनुमाई में जेम पोर्टल से अब चिकित्सा उपकरण, दवाएं, और अन्य सामग्री की खरीदी की जा रही है. सभी शासकीय विभागों के लिए अलग-अलग पोर्टल का निर्माण, ई-ऑफिस का आग़ाज़, शासकीय विभागों से सम्बंधित विभिन्न व्यापारिक और औद्योगिक इकाईयों के एनओसी की प्रक्रिया के सरलीकरण जैसे निर्णय ईज़ ऑफ़ लिविंग कीअवधारणा को बल देने वाली मुख्यमंत्री साय की दूरदर्शी सोच है.
मुख्यमंत्री का मुख्य रुझान जन-जीवन को बेहतर बनाने की ओर ही हमेशा से ज़्यादा रहा है. इसी तारतम्य में छत्तीसगढ़ में डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के स्वरुप पर आधारित केंद्र सरकार की नीतियों को तैयार की गई है.. प्रदेश के युवाओ को उद्यम से जोड़ने के लिए राज्य के मुखिया विष्णुदेव साय सदा से ही तत्पर रहे हैं. कास्तकार बंधुओं की समस्याओं को उसके मूल से समझने की क्षमता रखने वाली विष्णुदेव साय सरकार राज्य के किसानों को अल्पकालीन कृषि ऋण वितरित करने की दिशा में आमूलचूल परिवर्तनकारी कदम उठा रही है, जिसका सुखद परिणाम दिखाई देने लगा है.
पिछले लगभग 11 महीनों से छत्तीसगढ़ राज्य सफलता का वो परचम लहरा रही है कि खर्च और निवेश की सम्भावनाओं वाले भारत देश के 788 जिलों में छत्तीसगढ़ का डीपीआई स्कोर 37.0 तक पहुँच गया है जो दिल्ली, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड के मुकाबले बेहतर है… विष्णु देव साय सरकार के आने के बाद छत्तीसगढ़ राज्य की तुलना जब भी देश के किसी दूसरे राज्यों से की जाती है तो नतीजा वो आता है कि हमारा सीना गर्व से फूल जाता है.