Karnataka High Court : बेंगलुरु। कर्नाटक से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां बेंगलुरु के एक इलाके की कानून व्यवस्था पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने सवाल खड़े किए हैं। कर्नाटक हाईकोर्ट के जज को यह तक कहना पड़ गया कि ऐसा लगता है कि यह इलाका भारत में नहीं, बल्कि पाकिस्तान में है। जिसके बाद कर्नाटक हाईकोर्ट के न्यायाधीश वी. श्रीशानंद की टिप्पणी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। बता दें, न्यायाधीश वी. श्रीशानंद पश्चिमी बेंगलुरु के गोरी पाल्या क्षेत्र का जिक्र कर रहे थे।
जस्टिस श्रीशानंद एक महिला वकील को विपक्षी पक्ष के वकील से पूछे गए सवाल का जवाब देने पर फटकार लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं। जस्टिस श्रीशानंद महिला वकील से कहते हैं कि वह विपक्षी पक्ष के बारे में बहुत कुछ जानती है, और वह अगली बार उसके अंडरगारमेंट्स का रंग भी बता सकती है। दरअसल कर्नाटक हाईकोर्ट में एक मामले को ले कर सुनवाई हो रही थी जिस दौरान उन्होंने यह विवादित टिप्पणी की है।
वायरल वीडियो की शुरुआत में वह एक पुरुष वकील से पूछते हुए दिखाई देते हैं, “आप सिर्फ इसलिए चेक पर नहीं लिख सकते क्योंकि वह खाली है। वह 3 साल के लिए जेल जाएगा। क्या आप इसे समझते हैं?” वकील जवाब देता है कि वह इसे समझता है। फिर जस्टिस उससे पूछते हैं कि क्या संदर्भित व्यक्ति इनकम टैक्स देता है। पुरुष वकील के जवाब देने से पहले विरोधी वकील, जवाब देती है कि जिस व्यक्ति से सवाल किया जा रहा है, वह आयकरदाता है। इसके बाद जज साहब उन्हें फटकारते दिखते हैं कि वह क्यों जवाब दे रही है। उन्होंने कहा, “रुको अम्मा।” इसके बाद वह जज से माफ़ी मांगती हैं। इसके बाद जस्टिस श्रीशानंद हंसकर कन्नड़ में कहते हैं, “तुम उसके बारे में सब कुछ जानती हो। अगर कल पूछा जाए, तो तुम बता दोगी कि वह किस रंग का अंडरगारमेंट पहनता है।”
कार्रवाई की उठी मांग
जस्टिस श्रीशानंद की मुस्कुराते हुए की गई इस टिप्पणी से उनके सामने बैठे वकील भी हंसते दिखते हैं। अब सोशल मीडिया पर लोग इस वीडियो के खिलाफ भी अपनी नाराजगी जता रहे हैं। कई लोगों ने जज के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने अपने एक्स अकाउंट पर वीडियो क्लिप पोस्ट करते हुए ट्वीट किया कि जज श्रीशानंद को बताया जाना चाहिए कि लिंग संवेदनशीलता क्या होती है। इंदिरा जयसिंह ने एक्स पर पोस्ट किया, “हम भारत के मुख्य न्यायाधीश से इस जज के खिलाफ स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करने और उन्हें लिंग संवेदनशीलता प्रशिक्षण के लिए भेजने की अपील करते हैं।”