लखनऊ ; उत्तरप्रदेश के माफियाओं पर कानूनी कार्रवाई के साथ अब आयकर विभाग ने भी सख्ती शुरू कर दी। आयकर की टीम ने गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी और उसके सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। आईटी ने उत्तर प्रदेश और अन्य स्थानों पर 127 करोड़ रुपए कीमत की लगभग दो दर्जन बेनामी संपत्तियों का पता लगाया है। आयकर विभाग की लखनऊ इकाई ने इस मामले में पहली बेनामी संपत्ति कुर्क की। गाजीपुर जिले में स्थित जमीन, जिसकी कीमत लगभग 1.29 करोड़ रुपए है। विभाग के कुर्की आदेश के अनुसार इस संपत्ति का बाजार मूल्य करीब 12 करोड़ रुपए है।
इस मामले में बेनामीदार की पहचान मुख्तार अंसारी के एक कथित सहयोगी और पड़ोसी गणेश डी मिश्रा के रूप में की गई है। कुर्की आदेश में लाभार्थी के रूप में मुख्तार अंसारी का नाम रखा गया है। बता दें कि मुख्तार अंसारी उत्तर प्रदेश के बांदा की जेल में बंद है। मुख्तार अंसारी ने पांच बार विधानसभा चुनाव जीता था। आयकर विभाग के अलावा, प्रवर्तन निदेशालय भी मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच कर रहा है। अंसारी और सहयोगियों के खिलाफ 49 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
सूत्रों ने बताया कि विभाग ने इस मामले में अंसारी के खिलाफ यूपी पुलिस द्वारा दायर मामलों, जमीन के रिकॉर्ड और कई बैंक दस्तावेजों की जांच की, इसमें पता चला कि गणेश डी मिश्रा ने कथित तौर पर एक निजी मुचलका भरा था। मिश्रा ने 90 लाख रुपये की एक कंपनी द्वारा लिए गए 1.60 करोड़ रुपये के कर्ज के लिए अपनी संपत्ति गिरवीं रख दी थी, जिसमें अंसारी की पत्नी और बेटे शेयरधारक हैं।
22 बेनामी संपत्तियों को कुर्क करने की तैयारी में विभाग
सूत्रों ने कहा कि आयकर विभाग ने अंसारी और उसके सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है. कथित बेनामी संपत्तियों की पहचान करने के इस अभियान को श्ऑपरेशन पैंथरश् नाम दिया गया है। विभाग मुख्तार अंसारी की बाकी 22 बेनामी संपत्तियों को कुर्क करने की तैयारी में है, जिनका बाजार मूल्य 100 करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है।