रायपुर। निरक्षर व्यक्ति का जीवन बहुत कठिन होता है. पिछली सरकार के एक मंत्री ने कोरवा परिवार के संयुक्त खाते वाली 25 एकड़ जमीन फ्राड कर रजिस्ट्री करवा ली थी. पूरे प्रदेश में आने वाले समय में एक लाख से अधिक साक्षरता केंद्र खोलेंगे. इस छत्तीसगढ़ को हमको विकसित छत्तीसगढ़ के रूप में खड़ा करना है. यह बात अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर रायपुर में आयोजित राज्य स्तरीय उल्लास मेले में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कही.
पं. दीन दयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री साय ने कहा कि शिक्षा विकास का मूलमंत्र है. शिक्षा में डिग्री प्राप्त कर के सिर्फ सरकारी नौकरी पाना मकसद नहीं है. शिक्षा के बिना जीवन अधूरा है. एक शिक्षित और निरक्षर व्यक्ति के जीवन में बहुत अंतर होता है. हमारा देश शिक्षा के क्षेत्र में विश्व गुरु रहा है. हमारे देश के प्रधानमंत्री शिक्षा को बढ़ाने के लिए अदम्य प्रयास कर रहे हैं. साक्षरता दिवस पिछले पांच सालों से बंद कर दिया गया था.
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि सीएम के मार्गदर्शन में लगातार शिक्षा विभाग एक से बढ़कर एक कार्यक्रम कर रहा है. राज्य शासन के अंदर पर कार्य करने वाले परिणामों का असर दिखता है. हमारी कई ऐसी संस्था है, जो बिना बजट पर जबरदस्त कार्य कर रहे हैं. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से हमारे प्रदेश के अंतिम छोर तक के व्यक्ति को सीधा लाभ मिला है.
उन्होंने कहा कि उल्लास के कार्यक्रम के माध्यम से बहुत सी चीज देखने और सीखने को मिलेगी. हमारा छत्तीसगढ़ साक्षरता की दृष्टि से अग्रणी बढ़ रहा है. शिक्षा से वंचित रहने वाले लोगों को शिक्षा के प्रति प्रेरित कर रहा है. शिक्षा को सक्षम बनाने की दृष्टि से दी जाती है. हमे जीवनभर कुछ न कुछ सीखते रहना चाहिए.
कार्यक्रम में मौजूद सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि साक्षरता अभियान पिछले पाँच सालों से बंद हो गया था. हमारे प्रदेश के हर नागरिक को अक्षर ज्ञान होना चाहिए. अक्षर ज्ञान होने से हमारे भाई-बहनों को कोई ठग नहीं पाएगा. हम पढ़ाई-लिखाई करना अलग चीज है, लेकिन अक्षर का महत्वपूर्ण ज्ञान होना चाहिए. अक्षर ज्ञान की पढ़ाई कराने वाले छात्रों को परीक्षा में अतिरिक्त नंबर प्रदान किया जाएगा.