जया किशोरी का जन्म 13 जुलाई 1995 को राजस्थान के सुजानगढ़ में एक ब्राह्मण परिवार हुआ था. जया किशोरी के परिवार में उनके पिता शिव शंकर शर्मा और मां सोनिया शर्मा के अलावा छोटी बहन चेतना शर्मा भी है. मीडियो रिपॉर्ट्स के अनुसार उनका पूरा परिवार कोलकाता में रहता है.
जया किशोरी ने बचपन से ही भजन पाठ करना शुरू कर दिया था. 6-7 साल की उम्र में ही उनके आध्यात्मिक सफर की शुरुआत हो गई थी. वहीं, 9 साल की उम्र में जया किशोरी ने लिंगाष्टकम, शिव तांडव स्त्रोत, मधुराष्टकम्रा, शिवपंचाक्षर स्तोत्रम्, दारिद्रय दहन शिव स्तोत्रम् जैसे कई स्त्रोत कंठस्थ याद कर लिए थे. बचपन में जया अपने दादाजी से कृष्ण जी की कहानियां सुना करती थीं.
श्री शिक्षणाटन कॉलेज और कोलकाता की महादेवी बिरला विश्व एकेडमी से जया किशोरी की शुरुआती शिक्षा हुई है. आपको जानकर हैरानी होगी की उन्होंने 12वीं की पढ़ाई के समय श्रीमदभागवत कथा को याद कर लिया था. इसके अलावा उन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई भी की हुई है.
ऐसे मिली किशोरी की उपाधि
जया किशोरी का असली नाम जया शर्मा है. वहीं, उनके गुरु का नाम गोविंद राम मिश्रा है. श्रीकृष्ण के प्रति गहरी आस्था और प्रेम उनके गुरु ने ही जया शर्मा को किशोरी की उपाधि दी. इसके बाद से ही उन्हें जया किशोरी के नाम से जाना जाने लगा. कई बार इंटरव्यूज और पॉडकास्ट में जया कह चुकी हैं कि वो खुद को साधारण लड़की मानती हैं और साध्वी संत कहलाना इन्हें पसंद नहीं.
दरअसल सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें उनके पास एक ट्रॉली और हैंडबैग नजर आया था. उनका ये हैंडबैग Dior ब्रांड का बताया जा रहा है. इसकी कीमत भी लगभग 2 लाख रुपये है. साथ ही ये भी दावा किया जा रहा है कि बैग जानवर की चमड़ी से बना हुआ है. इस कॉन्ट्रोवर्सी पर उन्होंने अपनी सफाई भी दी.
बैग की कॉन्ट्रोवर्सी पर क्या बोली जया किशोरी?
जया किशोरी ने इस पर सफाई दी और कहा है कि ”हमेशा से सनातनी टारगेट पर रहे हैं. सनातनी को टारगेट किया जाता है. यह बैग कई सालों से हमारे पास है. हम अपनी गांरटी ले सकते हैं, कंपनी की नहीं. मैं नॉर्मल लड़की हूं. मैं कोई साधु-संत या साध्वी नहीं हूं. आप कहीं जाते हैं तो कोई चीज आपको पंसद आती है तो आप खरीदते हैं. भगवान कर्म करने की बात करते हैं.”