कोरोनाकाल के बाद कंपनियों का नजरिया बदला है और अब वे डिग्री के बजाए स्किल को तरजीह दे रही हैं. जिपरिक्यूटर (ZipRecruiter) के अनुसार, अब डिग्री का महत्व कम हो रहा है. ब्यूरो ऑफ लेबर स्टैटिसटिक्स का भी कहना है कि साल 2030 के बाद ज्यादातर नई नौकरियों के लिए डिग्री की जरूरत नहीं होगी. इसी तर्ज पर लिंक्डिन ने साल 2021 से 2023 के बीच जॉब शुरू करने वालों की प्रोफाइल खंगाली और कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं.
बिना बैचलर डिग्री के जॉब देने वाली सबसे बड़ी फील्ड है कंसल्टेंट की. यहां 2021 से 2022 के बीच 34 फीसदी हायरिंग बढ़ी है. इसके लिए डिग्री के बजाए विशेषज्ञता को महत्व दिया गया है. लोगों ने बिना डिग्री के ही क्लाइंट एडवाइजर, बिजनेस कंसल्टेंट, सॉल्यूशंस कंसल्टेंट जैसे रोल के जॉब पाई है.
बिना डिग्री के नौकरियां देने के मामले में दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है मार्केटिंग का. इस फील्ड में सोशल मीडिया मैनेजर्स से लेकर मार्केटिंग स्पेशलिस्ट और कोऑर्डिनेटर तक के रोल ऑफर किए जाते हैं. इनका काम कंपनियों के लिए कैंपेन चलाना, ऑनलाइन प्रेसेंज को मैनेज करना और ब्रांड अवेयरनेस जैसे प्रोग्राम चलाना है.
रिसर्च एक ऐसी फील्ड है, जिसमें अमूमन बहुत पढ़े-लिखे लोगों की जरूरत होती है. लेकिन, अब लैबोरेटरी टेक्नीशियन, बिजनेस एनालिस्ट और मेडिकल लैबोरेटरी टेक्नीशियन जैसे रोल के लिए बिना ग्रेजुएशन के लिए जॉब ऑफर किए जा रहे हैं. इस फील्ड में एक्परीमेंट, डाटा एनालाइजिंग और रिसर्च सहायक के रूप भी जॉब दी जा रही है.
मानव संसाधन (Human Resources-HR) रोल के लिए भी कंपनियां बिना बैचलर डिग्री के ही जॉब ऑफर कर रही हैं. कंपनियां डिग्री के बजाए कम्यूनिकेशन और लीडरशिप स्किल को ज्यादा महत्व दे रही हैं. इनका काम कंपनियों के लिए योग्य और दक्ष कर्मचारियों की तलाश करना व ऑफिस में काम का बेहतर माहौल बनाए रखना है.
मीडिया और कम्यूनिकेशंस की फील्ड में भी नॉन बैचलर ग्रेजुएट्स के लिए जॉब के ढेरों मौके हैं. इस फील्ड की कंपनियां राइटर्स, प्रोडक्शन असिस्टेंट, एडिटर्स व प्रोडक्टशन मैनेजर्स के रोल के लिए जॉब ऑफर करती हैं. इसके अलावा कंटेंट क्रिएटर्स की ढेरों नौकरियां ऑफर की जाती हैं. ZipRecruiter के अनुसार, इस जॉब के लिए 1 लाख से लेकर 1.67 लाख डॉलर यानी करीब सवा करोड़ रुपये तक सालाना पैकेज वाली जॉब ऑफर की जाती है.