नई दिल्ली: केंद्र सरकार (Central government) की तरफ से गेहूं को सस्ता करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं. गेहूं की कीमतों में बढ़ोतरी पर काबू के लिए सरकार आयात शुल्क में कटौती सहित सभी अन्य विकल्पों पर विचार कर रही है.खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा शुक्रवार को यह जानकारी दी. चावल के मामले में उन्होंने कहा कि भारत को अबतक भूटान से सरकार के स्तर पर 80,000 टन चावल की आपूर्ति का अनुरोध प्राप्त हुआ है.
Read More : 9वीं से 12वीं के छात्रों के लिए बड़ा अपडेट, जारी हुआ परीक्षा का शेड्यूल, जानें कब-कब होंगे एग्जाम
गेहूं के निर्यात पर लगा प्रतिबंध
पिछले साल सरकार ने घरेलू उपलब्धता और खुदरा बाजारों में बढ़ती कीमतों पर काबू के लिए गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. गेहूं और आटे की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार खुले बाजार में आटा मिलों और अन्य व्यापारियों को गेहूं का स्टॉक बेच रही है.
Read More : आज इन 5 राशि वालों की चमकेगी किस्मत, जाने आज का राशिफल
विकल्प पर सरकार कर रही विचार
चोपड़ा ने संवाददाताओं से कहा है कि पिछली नीलामी के बाद से गेहूं की कीमतें बढ़ी हैं. सरकार सभी उपलब्ध विकल्पों पर विचार कर रही है और उचित निर्णय लेगी. खुली बाजार बिक्री योजना (OMSS) के तहत सरकार ने कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए मार्च, 2024 तक केंद्रीय पूल से आटा मिलों, निजी व्यापारियों, थोक खरीदारों और गेहूं उत्पादों के निर्माताओं को 15 लाख टन गेहूं बेचने का फैसला किया है.
Read More : प्रदेश सरकार की तरफ से पुलिसकर्मियों को बड़ा तोहफा, इस दिन से मिलेगा साप्ताहिक अवकाश
गर्मी की वजह से घटा उत्पादन
कुछ उत्पादक राज्यों में गर्मी की ‘लू’ के कारण देश का गेहूं उत्पादन फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई-जून) में पिछले वर्ष के 10 करोड़ 95.9 लाख टन से घटकर 10 करोड़ 77.4 लाख टन रह गया था. नतीजतन, सरकारी खरीद पिछले साल के लगभग 4.3 करोड़ टन से घटकर इस साल 1.9 करोड़ टन रह गई.