विदिशा.People come here instead of going to court अक्सर इंसान अपने किस्मत का ताला खुलवाने के लिए मंदिर में मन्नत मांगने जाते है. लेकिन विदिशा में एक ऐसा अनूठा मंदिर है जहां दुश्मनों की चालों को बंद करने के लिए मन्नतें मांगी जाती हैं. हम बात कर रहे है बेतवा तट पर स्थित ताले वाली माता मंदिर की. यहां श्रद्धालु अपने दुश्मनों को कमजोर करने के लिए उनका नाम लेकर बेरी के पेड़ पर ताला जड़कर चाबी मां के सामने रख जाते हैं.
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ताला लगाया तो मन्नत हुई पूरी
शनि मंदिर के पुजारी नवल महाराज बताते हैं कि करीब 30 साल पहले बेरी के पेड़ के नीचे देवी मां की मूर्ति मंदिर परिसर में ही निकली. इसके बाद देवियों की प्रतिमा को स्थापित किया गया. शुरुआत में लोगों ने ताले लगाए तो इनकी मन्नते पूरी हो गई जिस कारण यह विश्वास बढ़ता चला गया. शनिवार मंगलवार और गुरुवार को सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालु ताला लगाने आते हैं.
सैकड़ों श्रद्धालु पहुंचते हैं ताला लगाने
यहां पर विदिशा ही नहीं भोपाल, सिरोंज, लटेरी, शमशाबाद और सागर से भी भक्त यहां ताला लगाने आते हैं. भक्त ताला लगाने के बाद चाबी माता के सामने रख जाते हैं लेकिन उसके बाद चाबी को हम एक जगह रख देते हैं. श्रद्धालु इतने ताले लगाकर जाते हैं कि पेड़ पर ताला लगाने की जगह नहीं बची इसीलिए अब जंजीर में श्रद्धालु ताला लगा देते हैं ताले वाली माता के पास ही मेरी माता और कुल्लू माता है अब तक हजारों तारे जमीन में गड़ा दिए और कई नदी में बहा दिए.
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मां खोल देती है किस्मत के ताले
मान्यता है कि मन्नतों का ताला जब लगता है तो माता भक्तों की किस्मत के ताले जल्द ही खोल देती है यही वजह है कि कई लोग लड़ाई झगड़ों के अलावा कोर्ट कचहरी जमीन विवाद सुलझाने के लिए मन्नत लेकर भी यहां आते हैं.
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