PSLV-C59 PROBA-3 Mission Launch: अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत एक नई उपलब्धि हासिल कर ली है। यूरोपियन स्पेस एजेंसी के प्रोबा-3 मिशन की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग हो गई है। बता दें कि, इसके पहले ISRO ने लॉन्च के लिए पहले 4 दिसंबर 2024 की शाम 4.08 बजे का समय तय किया था, लेकिन प्रोबा-3 अंतरिक्ष यान में पाई गई विसंगति के कारण भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के समर्पित वाणिज्यिक मिशन के तहत यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के प्रोबा-3 अंतरिक्ष यान आज यानी 5 दिसंबर को 4.12 बजे प्रक्षेपित कर दिया गया। यह प्रक्षेपण एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शन मिशन होगा, जिसे न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड की तरफ से किया जाएगा।
PROBA-3 मिशन, ESA और ISRO के बीच एक महत्वपूर्ण सहयोग है, जिसका उद्देश्य सूर्य के कोरोना और अंतरिक्ष मौसम पर महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करना है। इस मिशन में दो उपग्रह होंगे पहला कोरोनाग्राफ स्पेसक्राफ्ट (CSC) और दूसरा ऑकुल्टर स्पेसक्राफ्ट (OSC)। ये दोनों उपग्रह 150 मीटर की दूरी पर उड़ान भरते हुए सूर्य का अध्ययन करेंगे और सौर वातावरण के बारे में नई जानकारी प्रदान करेंगे। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य सूर्य के उच्च तापमान और सौर वायु की गति को समझना है। ISRO ने PROBA-3 मिशन के लॉन्च की लाइव स्ट्रीमिंग की व्यवस्था की है। आप ISRO की आधिकारिक वेबसाइट और यूट्यूब चैनल पर इसे देख सकते हैं।
क्या है प्रोबा-3 मिशन
Proba-3, ESA का सोलर मिशन है। इसके दो पूर्ववर्ती मिशनों- Proba-1 और Proba-2 को भी इसरो ने ही लॉन्च किया था। प्रोबा-3 के लॉन्च को ISRO ने ‘भारत की अंतरिक्ष यात्रा में मील का एक गौरवशाली पत्थर’ बताया है। इसरो की वाणिज्यिक शाखा न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड क्लाइंट’ वाहनों का लॉन्च करेगी। NSIL ने अपने नवीनतम प्रक्षेपण के लिए ईएसए से ‘ऑर्डर’ हासिल किया है, जो एक ‘प्रौद्योगिकी प्रदर्शन’ मिशन होगा।
PSLV-C59 PROBA-3 Mission Launch: अंतरिक्ष में एक बड़ी कठोर संरचना की नकल करते हुए, दो उपग्रहों को करीब से उड़ाने के द्वारा, मिशन का उद्देश्य उन्नत संरचना उड़ान और मिलन तकनीक का प्रदर्शन करना है। PROBA-3 मिशन का लॉन्च अंतरिक्ष अनुसंधान और वैश्विक सहयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह मिशन सूर्य के अध्ययन और अंतरिक्ष मौसम पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा, और ISRO के अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में बढ़ती विशेषज्ञता को उजागर करेगा।