राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पत्रकारिता से लेकर कूटनीतिक
क्षेत्र में अरसे से सक्रिय थे, 78 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस
नई दिल्ली। वरिष्ठ पत्रकार डॉ. वेदप्रताप वैदिक अब इस दुनिया में नहीं रहे। वह करीब 78 साल के थे। बताया गया है कि मंगलवार सुबह वे गुड़गांव स्थित निवास में नहाने गए थे, लेकिन काफी देर तक बाहर नहीं आए। Senior journalist Vedpratap Vaidik is no more, fell unconscious at home
सुबह करीब साढ़े नौ बजे परिवार के लोगों ने दरवाजा तोड़ा, तब वे अंदर बेसुध मिले। इसके बाद उन्हें घर के पास स्थित प्रतीक्षा अस्पताल ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने बताया कि उनका निधन काफी देर पहले ही हो चुका है।
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डॉ. वैदिक पत्रकारिता ने राजनीतिक चिंतन, अंतरराष्ट्रीय राजनीति, और हिंदी के क्षेत्र में लंबे समय तक काम किया। डॉक्टर वैदिक का जन्म 30 दिसंबर 1944 को इंदौर में हुआ था। अंतरराष्ट्रीय मामलों में जानकार होने के साथ ही उनकी रुसी, फारसी, जर्मन और संस्कृत भाषा पर पकड़ रही।
अंतरराष्ट्रीय राजनीति का शोध-ग्रंथ लिखा हिंदी में
Shocked & deeply saddened to hear about the demise of veteran journalist Shri #VedPratapVaidik ji. He was closely associated with @lokmat media group & was scheduled to attend #LokmatParliamentaryAwards function later today. My heartfelt condolences to his family. pic.twitter.com/cwCWj0Tdwo
— Vijay Darda (@vijayjdarda) March 14, 2023
डॉ. वैदिक नेे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के ‘स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज’ से अंतरराष्ट्रीय राजनीति में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। वे भारत के ऐसे पहले विद्वान हैं, जिन्होंने अपना अंतरराष्ट्रीय राजनीति का शोध-ग्रंथ हिंदी में लिखा।
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उन्होंने अपनी पीएचडी के शोधकार्य के दौरान न्यूयॉर्क की कोलंबिया यूनिवर्सिटी, मॉस्को के ‘इंस्तीतूते नरोदोव आजी’, लंदन के ‘स्कूल ऑफ ओरिंयटल एंड अफ्रीकन स्टडीज़’ और अफगानिस्तान के काबुल विश्वविद्यालय में अध्ययन और शोध किया।
कई बड़े मीडिया संस्थानों में रहे संपादक
प्रख्यात पत्रकार वेद प्रताप वैदिक का निधन
जाने-माने पत्रकार एवं लेखक वेद प्रताप वैदिक का मंगलवार को राजधानी से सटे हरियाणा के गुरुग्राम स्थित आवास पर दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गयाhttps://t.co/8dDp010QPF#vedpratapvaidik #Deshbandhunews pic.twitter.com/iVrxoc4D3s
— Deshbandhu – (Daily Hindi Newspaper) (@NewsDeshbandhu) March 14, 2023
वेदप्रताप वैदिक ने करीब 10 वर्षों तक पीटीआई-भाषा (हिन्दी समाचार समिति) के संस्थापक-संपादक के तौर पर जिम्मेदारी संभाली। इससे पहले वे नवभारत टाइम्स के संपादक (विचारक) रहे। बीते कुछ समय में उनके लेख अलग-अलग समाचार पत्रों में प्रकाशित होते रहे हैं।
इन पुरस्कारों से हो चुके थे सम्मानित
Ved Pratap Vaidik: जब हाफिज सईद का इंटरव्यू लेने पर उठी थी वेद प्रताप वैदिक की गिरफ्तारी की मांग #VedPratapVaidik #वेदप्रतापवैदिक #हाफिजसईद #भारत #पाकिस्तान https://t.co/Eg71XNrRrd
— Oneindia Hindi (@oneindiaHindi) March 14, 2023
डॉ. वैदिक को मीडिया और भाषा के क्षेत्र में काम करने के लिए कई सम्मान दिए गए। उन्हें विश्व हिन्दी सम्मान (2003), महात्मा गांधी सम्मान (2008), दिनकर शिखर सम्मान, पुरुषोत्तम टंडन स्वर्ण-पदक, गोविंद वल्लभ पंत पुरस्कार, हिन्दी अकादमी सम्मान, लोहिया सम्मान मिला था।
इसी तरह काबुल विश्वविद्यालय पुरस्कार, मीडिया इंडिया सम्मान, लाला लाजपतराय सम्मान आदि दिए गए। वे कई न्यासों, संस्थाओं और संगठनों में सक्रिय। वर्तमान में वे भारतीय भाषा सम्मेलन एव भारतीय विदेश नीति परिषद के अध्यक्ष के तौर पर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सक्रिय थे।
मुख्यमंत्री बघेल ने जताया शोक
मुख्यमंत्री श्री @bhupeshbaghel ने वरिष्ठ पत्रकार #वेद_प्रताप_वैदिक के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया।
– उन्होंने कहा कि वैदिक जी पत्रकारिता की चलती फिरती पाठशाला थे। उनके निधन से हिन्दी पत्रकारिता को अपूरणीय क्षति पहुंची है।#VedPratapVaidik pic.twitter.com/Kd47WDgIuG
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) March 14, 2023
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने डॉ. वेदप्रताप वैदिक के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने अपनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि वैदिक जी पत्रकारिता की चलती फिरती पाठशाला थे। उनके निधन से हिन्दी पत्रकारिता को अपूरणीय क्षति पहुंची है।