प्रयागराज: Maha Kumbh 2025 Highligts मकर संक्रांति हिंदुओं का एक महापर्व है। जो पौष मास में सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर मनाया जाता है। मकर संक्रांति का त्योहार हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है। मकर संक्रांति का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है और यह खासतौर पर भारत में विभिन्न प्रकार से मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से लोग तिल और गुड़ से बने पकवानों का सेवन करते हैं, जैसे तिल गुड़ के लड्डू, और सूर्य देव की पूजा करते हैं। वहीं उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है। पहला अमृत स्नान आज किया जा रहा है। पौष पूर्णिमा स्नान के सफल समापन के बाद आज महाकुंभ में नागा साधुओं के आखाड़े अमृत स्नान करेंगे।
Maha Kumbh 2025 Highligts महाकुंभ मेले में मकर संक्रांति और बसंत पंचमी के अवसर पर सनातन धर्म के 13 अखाड़ों के ‘अमृत स्नान’ की तिथि, क्रम और समय का शेड्यूल जारी कर दिया गया है। आइए ऐसे में जान लेते हैं नागा साधुओं के अमृत स्नान का क्रम।
मकर संक्रांति पर अमृत स्नान का क्रम
मकर संक्रांति (आज) पर श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी और श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़े ने सबसे पहले अमृत स्नान किया। दोनों अखाड़ों ने सुबह 5:15 बजे कैंप से प्रस्थान किया था, इसके बाद दोनों अखाड़े सुबह 6:15 बजे घाट पर पहुंचे। फिलहाल अखाड़ों का स्नान जारी है। ये 40 मिनट तक स्नान करेंगे। फिर घाट से सुबह 6.55 बजे शिविर के लिए प्रस्थान करेंगे और 7.55 बजे शिविर में पहुंचेंगे।
बैरेगी अखाड़ा
तीन बैरागी अखाड़ों में सबसे पहले अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़ा सुबह 9.40 बजे शिविर से निकलकर 10.40 बजे घाट पर पहुंचेगा और 30 मिनट स्नान करने के बाद 11.10 बजे घाट से निकलकर 12.10 बजे शिविर में पहुंचेगा।
अखिल भारतीय श्री पंच दिगंबर अनी अखाड़ा सुबह 10.20 बजे शिविर से निकलकर 11.20 बजे घाट पर पहुंचेगा और 50 मिनट स्नान करने के बाद 12.10 बजे घाट से निकलकर 1.10 बजे शिविर में वापस आएगा।
अखिल भारतीय श्री पंच निर्वाणी अनी अखाड़ा सुबह 11.20 बजे शिविर से निकलकर 12.20 बजे घाट पर पहुंचेगा। 30 मिनट तक स्नान करने के बाद 12.50 बजे वापस आएगा और 1.50 बजे शिविर में पहुंचेगा।