आज यानी 15 जनवरी को पूरे देशभर में मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जा रहा है। मकर संक्रांति पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं जोकि शनिदेव की राशि है। सूर्य के मकर राशि में आने से दक्षिणायन खत्म होता है और उत्तरायण आरंभ हो जाता है, इसलिए इसे उत्तराणय पर्व भी कहते हैं।
Read More : इन तीन राशियों पर मेहरबान रहेंगी मां लक्ष्मी, घर में कभी नहीं होगी धन की कमी
सूर्य 6 महीने दक्षिणायन और 6 महीने उत्तरायण रहते हैं। शास्त्रों में सूर्य के उत्तरायण को देवताओं का दिन और दक्षिणायन को देवताओं की रात माना जाता है। उत्तरायण से रातें छोटी होने लगती है और दिन बड़े होने लगते हैं। सूर्य के उत्तरायण होने पर सभी तरह के मांगलिक काम फिर से शुरू हो जाते हैं।
Read More : इन तीन राशियों पर मेहरबान रहेंगी मां लक्ष्मी, घर में कभी नहीं होगी धन की कमी
मकर संक्रांति पर सूर्यदेव की आराधना का विशेष महत्व होता है। इस दिन सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होते हैं और सभी तरह के शुभ कार्य दोबारा से आरंभ हो जाते हैं। मकर संक्रांति पर स्नान करने और दान का विशेष महत्व होता है। मकर संक्रांति के दिन सुबह जल्दी उठकर अपने घर के पास स्थित किसी पवित्र नदी में स्नान करें।
Read More : इन तीन राशियों पर मेहरबान रहेंगी मां लक्ष्मी, घर में कभी नहीं होगी धन की कमी
वहीं अगर पवित्र नदी में स्नान करना संभव न होता तो घर में नहाने के पानी में गंगाजल की कुछ बूंदे और काला तिल डालकर स्नान कर लें। स्नान के बाद तांबे के लोटे में जल, अक्षत, गंगाजल की कुछ बूंदे, सिंदूर और लाल फूल डालकर भगवान सूर्यदेव को अर्घ्य दें।
Read More : इन तीन राशियों पर मेहरबान रहेंगी मां लक्ष्मी, घर में कभी नहीं होगी धन की कमी
हिंदू धर्म में मकर संक्रांति के त्योहार का विशेष महत्व होता है। आज सुबह तड़के सूर्यदेव मकर राशि में प्रवेश कर चुके हैं। सूर्यदेव एक महीने तक मकर राशि में रहेंगे। सूर्य के मकर राशि में आने से पिछले एक महीने से चला आ रहा खरमास अब खत्म हो गया है। खरमास के खत्म होते ही सभी तरह के शुभ और मांगलिक कार्य अब फिर से शुरू होंगे।